ब दो अजनबी एक हादसे में टकराते हैं, तो क्या वो टकराव सिर्फ एक इत्तेफाक होता है? या फिर कोई अधूरी कहानी... जिसे फिर से जीने का मौका दिया गया हो? "सज़ा या साथ?" एक ऐसे रहस्य से भरी प्रेम कहानी है जो नफरत और मोहब्बत के महीन धागों से बुनी गई है। नायरा — एक सीधी-सादी, मगर मजबूत इरादों वाली लड़की। और रहान — एक शांत लेकिन रहस्यमय लड़का, जिसके अतीत ने उसे पत्थर बना दिया है। जब दोनों की राहें टकराईं, तो ना सिर्फ़ दिल धड़कें — बल्कि कुछ अधूरे राज भी करवट लेने लगे। क्या यह मुलाक़ात साथ का इशारा है? या फिर कोई ऐसी सज़ा... जिसकी कीमत दोनों को अपने जज़्बातों से चुकानी होगी? जानिए एक ऐसी कहानी जिसमें रोमांस, भावनाएँ और रहस्य सब कुछ एक साथ पिरोया गया है — "सज़ा या साथ?" by InkImagination हर शुक्रवार को एक नया part, और हर पार्ट में 2000+ शब्द — एक cinematic अनुभव। K-drama की तरह feel, लेकिन पूरी तरह अपनी ज़ुबान में।

Full Novel

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सजा या साथ? - 1

Story Teaser / Trailer for "सज़ा या साथ?"> जब दो अजनबी एक हादसे में टकराते हैं, तो क्या वो सिर्फ एक इत्तेफाक होता है?या फिर कोई अधूरी कहानी... जिसे फिर से जीने का मौका दिया गया हो?"सज़ा या साथ?" एक ऐसे रहस्य से भरी प्रेम कहानी है जो नफरत और मोहब्बत के महीन धागों से बुनी गई है।नायरा — एक सीधी-सादी, मगर मजबूत इरादों वाली लड़की।औररहान — एक शांत लेकिन रहस्यमय लड़का, जिसके अतीत ने उसे पत्थर बना दिया है।जब दोनों की राहें टकराईं, तो ना सिर्फ़ दिल धड़कें — बल्कि कुछ अधूरे राज भी करवट लेने लगे।क्या ...और पढ़े

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सजा या साथ? - 2-3

Part 2: करीबियां या सिर्फ़ दिखावा?प्रोजेक्ट शुरू हो चुका था। रहान और नायरा को एक pretend couple तरह act करना था — फोटोशूट्स, सोशल मीडिया पोस्ट्स और ऑफिस के बाहर कुछ moments साथ बिताने की नौटंकी। लेकिन ये नौटंकी धीरे-धीरे दोनों के दिलों पर असर डालने लगी थी।शुरुआत में नायरा इसे एक प्रोफेशनल ज़िम्मेदारी की तरह ले रही थी। लेकिन जब उसने पहली बार रहान को हँसते हुए देखा — बिना किसी दिखावे के — तो उसे अपने अंदर कुछ बदलता हुआ महसूस हुआ।“तुम्हें हँसते हुए देखकर अजीब लगता है,” उसने एक दिन कहा।रहान मुस्कराया, “क्योंकि मैं कम हँसता ...और पढ़े

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सजा या साथ? - 4

Part 4: “तुम्हारा हिस्सा बनने का हक़ है क्या मुझे?”बारिश थम चुकी थी, लेकिन छत की रेलिंग पर रखी की बूंदें अब भी चमक रही थीं। उन बूंदों की तरह ही, नायरा की आंखों में अनगिनत सवाल थे — रहान के अतीत से, उसके जज़्बातों से, और शायद खुद से भी।रहान अब सामने खड़ा था, खामोश, शांत... लेकिन उसकी आंखें बहुत कुछ कह रही थीं।“जो तुमने आज बताया... वो बहुत भारी था,” नायरा की आवाज़ भीग चुकी थी।“मुझे नहीं पता था कि किसी को अपनी गलती के साथ जीने में इतना वक्त लग जाता है,” रहान ने धीमे ...और पढ़े

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सजा या साथ? - 5

Part 5: “कभी पास होकर भी बहुत दूर लगते हो तुम…”छत पर रहान के शब्द अब भी नायरा के में गूंज रहे थे —> “मैं अब सिर्फ एक प्रोजेक्ट का पार्टनर नहीं रहना चाहता…”लेकिन जवाब देने से पहले ही रहान पलट गया था, जैसे डरता हो कि अगर ठहर गया तो सबकुछ बिखर जाएगा।वो रात चुपचाप गुज़र गई।लेकिन सुबह... सुबह कुछ भी वैसा नहीं था जैसा रहान ने सोचा था।---️ एक नई शुरुआत या नया दर्द?नायरा ऑफिस नहीं आई।ना कोई मैसेज, ना कॉल।रहान ने इंतज़ार किया, पूरे दिन। लेकिन हर बीतते मिनट के साथ उसकी बेचैनी बढ़ती गई।शायद ...और पढ़े

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सजा या साथ? - 6

Part 6: “रिश्ते कभी खाली हाथ नहीं आते…”> पिछले भाग में:रहान नायरा को ढूंढ़ते हुए मसूरी पहुंचता है।दोनों के एक साइलेंट वादा होता है कि वो फिर से कोशिश करेंगे।लेकिन ये प्यार जितना साफ़ है, उतना ही नाज़ुक भी…---️ एक सवेरा... जो साफ़ था, लेकिन भीतर धुंध थीमसूरी की सर्द सुबह थी। बालकनी में दोनों साथ चाय पी रहे थे।रहान कुछ बोलना चाहता था, लेकिन नायरा की खामोशी उसे रोक रही थी।“तुम्हारे लौटने से मैं पूरी तरह ठीक नहीं हो जाऊंगी, रहान… लेकिन शायद, ठीक होने की शुरुआत ज़रूर हो सकती है,” नायरा ने पहली बार कुछ कहा।रहान ...और पढ़े

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सजा या साथ? - 7

Part 7: "बीते लम्हे... जो लौट आए नाम बनकर---️ फोन की स्क्रीन पर एक नाम... जिसने नींदें उड़ा दींफोन चमकता हुआ नाम था —"आरव"नायरा की उंगलियां कांपीं। चेहरे का रंग उड़ गया।रहान ने तुरंत पूछा, "कौन है?"नायरा ने फोन काट दिया। हंसने की कोशिश की — "कोई पुराना क्लासमेट था। गलती से फोन आ गया होगा।"लेकिन रहान के चेहरे पर कुछ बदल गया था।वो जानता था — नायरा झूठ बोल रही है।--- रात को अकेले में... नायरा का अतीतवो एक पुराना लैपटॉप खोलती है।सामने एक folder: “Life Before…”वो folder खोलती है —कुछ पुरानी तस्वीरेंएक डॉक्यूमेंट — "Promise Letter: ...और पढ़े

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सजा या साथ? - 8

Part 8: "इंतज़ार की कीमत कौन तय करता है?"--- आरव की वापसी... और एक अनकहा अफसोस"मैं जानता हूं, मैंने उस वक़्त छोड़ दिया जब तुम्हें मेरी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी,"आरव की आंखों में पश्चाताप था।"तुमने सिर्फ मुझे नहीं छोड़ा था, आरव... तुमने हमारे बच्चे को भी छोड़ा था। वो सिर्फ दो दिन जी सका,"नायरा की आवाज़ कांप रही थी, लेकिन आंखें अब भी मज़बूत थीं।आरव चुप रहा। उसके पास कोई जवाब नहीं था।"और अब इतने सालों बाद अचानक आकर कहना कि तुम सबकुछ ठीक कर सकते हो... क्या ये आसान है तुम्हारे लिए?"नायरा का गुस्सा, दर्द और मजबूरी ...और पढ़े

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सजा या साथ? - 9

Part 9: “कौन साथ है... और कब तक?”---️ मुंबई की वो बारिश... जो जवाब मांग रही थीरात की तेज़ में नायरा अकेली अपने कमरे की खिड़की के पास बैठी थी।आरव की चिट्ठी उसकी गोद में थी — और दिल उलझा हुआ।"क्या एक इंसान के माफ़ी माँगने से बीते गुनाह मिट जाते हैं?""क्या मेरा दिल सच में अब सिर्फ रहान के लिए धड़कता है?""क्या मैं अपने अतीत को पीछे छोड़ पाई हूं?"कई सवाल, एक अकेली लड़की, और एक बहुत बड़ा फैसला।---️ रहान की उड़ान का दिन — लेकिन एक अनजानी खामोशीरहान का ट्रांसफर लंदन के लिए कन्फर्म हो चुका ...और पढ़े

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सजा या साथ? - 10

Part 10: "प्यार, बदला या इम्तिहान?"--- रातें अब शांत नहीं थीं...नायरा की ज़िंदगी में जैसे हर चीज़ एक के एक वापस आ रही थी —बीते हुए रिश्ते, अधूरी बातें, छुपे हुए ज़ख्म…और अब — एक वायरल scandal जो उसकी इज्जत, करियर और प्यार सबको घेरे हुए था।रात के 2 बजे तक वह अपनी mail पढ़ रही थी —legal notice, public backlash, hateful messages…लेकिन फिर भी, नायरा टूटी नहीं थी।उसने अपने आप से एक वादा किया —> "इस बार खुद को टूटने नहीं दूंगी... और किसी को अपना सच चुराने नहीं दूंगी।"--- Ahaana की चालें अभी बाकी थीं…Ahaana ने ...और पढ़े

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सजा या साथ? - 11

Part 11: “जिसे हमने भुला दिया, वो लौट आया”---️ वो आवाज़ — जो नायरा ने कभी सोचा था कि नहीं सुनेगीरात के उस सन्नाटे मेंफोन की स्क्रीन पर दिखता नाम नहीं —सिर्फ एक अनजानी सी पहचान…"नायरा... क्या तुम मुझे माफ कर सकती हो?""मैं जानता हूँ कि बहुत कुछ गलत हुआ, लेकिन Ahaana ने ये सब मेरे लिए किया था। मैं वापस नहीं आना चाहता था... लेकिन मैं रुका नहीं पाया।"नायरा के हाथ कांपने लगे।आरव की आवाज़ सुनना ऐसा था जैसे पुराने जख्म फिर से हरे हो जाएं।---⏳ Flashback: नायरा और आरव की अधूरी कहानीआरव — उसका पहला प्यार, ...और पढ़े

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सजा या साथ? - 12

Part 12: “फैसलों की उड़ान”--- रात की वो चिट्ठी…रात के उस सन्नाटे में,रहान की दी हुई चिट्ठी बार-बार नायरा हाथ में थी —हर शब्द में उसके प्यार की गर्माहट थी।लेकिन सुबह जो दस्तक आई — वो एक नया सफर मांग रही थी।इंटरनेशनल ब्रांच से ऑफिशियल मेल:> “We are proud to offer you the Lead Strategy Manager position in our Singapore division. A bold woman like you deserves a global platform. Kindly confirm within 3 days.”---️ मन के दो रस्ते…नायरा अपनी बालकनी में बैठी थी।कभी रहान के चेहरे की वो सुकून भरी मुस्कान याद आती…कभी खुद की ज़िंदगी में ...और पढ़े

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