रूचि .. रूचि ... मेरी बात तो सुनो बेटा , मैं तुम्हारे भले के लिए ही सोच रहा हूं। तुम घर छोड़ कर मत जाओ , एक बार अपने पापा के कहने पर उस लड़के से मिल कर तो देखो । नही पापा .... मैं आज नही रुकने वाली , चाहे आज तूफान ही न क्यों आ जाए रूचि बिना दूसरी ओर पलटे जवाब देती है।। बेटा प्लीज रुक जाओ देखो बाहर कितना मौसम खराब है लगता है बारिश भी आने वाली है । मेरे खातिर रुक जाओ ।।। अपना बैग लिए आगे बढ़ती जा रही थी जो कपड़ों और कुछ जरूरत के सामानों से भरे पड़े थे । मैं जानती आप मेरी शादी की बात करने के लिए हॉस्टल से बुला रहे हैं तो कल घर आती ही नहीं ।।
प्यार तो होना ही था - 1
रूचि .. रूचि ... मेरी बात तो सुनो बेटा , मैं तुम्हारे भले के लिए ही सोच रहा हूं।तुम छोड़ कर मत जाओ , एक बार अपने पापा के कहने पर उस लड़के से मिल कर तो देखो ।नही पापा .... मैं आज नही रुकने वाली , चाहे आज तूफान ही न क्यों आ जाए रूचि बिना दूसरी ओर पलटे जवाब देती है।।बेटा प्लीज रुक जाओ देखो बाहर कितना मौसम खराब है लगता है बारिश भी आने वाली है ।मेरे खातिर रुक जाओ ।।।अपना बैग लिए आगे बढ़ती जा रही थी जो कपड़ों और कुछ जरूरत के सामानों से ...और पढ़े
प्यार तो होना ही था - 2
डॉक्टर को आभास हुआ कोई उनकी और मिश्रा जी की बातें सुन रहा है तो उन्होंने कहा " कौन ? कौन है वहां पर्दे के पीछे दरवाजे के तरफ देखते हुए बोले ।पर्दा सामने से हटा एक लड़का करीब उसकी उम्र 23 से 24 के बीच रही होगी ।अंकल मैं अमित आपने ही तो मुझे बुलाया था ।मिश्रा जी : हां अमित बेटा मैंने ही आपको बुलाया था .... आपसे मुझे कुछ जरुरी बात करनी थी धीरे से बोले ।अमित मिश्रा जी के दोस्त अमेंद्र वर्मा का बेटा था जो अभी अपने पिता का कारोबार संभालता था । पिता ...और पढ़े
प्यार तो होना ही था - 3
रूचि किचेन के तरफ बढ़ जाती है मिश्रा जी के लिए जूस जो लेना था । फिर उसके दिमाग एक बात आया , कही ये वही तो लड़का नहीं है जिससे पापा मुझसे मिलवाने वाले थे ।बेटा आज तो तुम गए .....आज तुम्हारे मुंह के साथ तुम्हारे शर्ट को भी चाय/कॉफी पिलाऊंगी हल्की मुस्कान के साथ खुद से बड़बड़ाई ।मिश्रा जी के कमरे में_________________अमित : मिश्रा जी का हाथ अपने हाथ में लेते हुए , " अंकल अब आपकी तबीयत कैसी है ?मिश्रा जी : बेटा जी मैं तो बिल्कुल ठीक हूं मायूसी के साथ बोले ।अमित : आपको ...और पढ़े