हम लोग एक व्हाट्सएप समूह के मार्फत आभासी मित्र थे। वह लगभग अस्सी-नब्बे लोगों का समूह। रोज सभी लोग एक दूसरे को सुप्रभात वाले पोस्टर डालते। दिन में कुछ लोग तो अपनी मौलिक रचनाएँ पर अधिकतर सोशल मीडिया से कट-पेस्ट करके डालते रहते। रचना अच्छी-बुरी, मौलिक, कट-पेस्ट कैसी भी हो सभी एक-दूसरे की जमकर तारीफ करते और शाम को सभी लोग देर रात तक एक-दूसरे को गुडनाइट बोलते। जन्मदिन पर सभी एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते, हवाई गुलदस्ते भेंट करते हुए बधाई देते, आभासी केक खिलाते। पर यहाँ सदस्यों के जन्म दिनांक ही उजागर रहते, जन्म-वर्ष नहीं। जाहिर है अधिकतर महिलाएँ और उम्रदराज लोग अपनी उम्र छुपाते और डीपी पर अपनी जवानी के दिनों के ही फोटो लगाते।
सनातन - 1
(1)हम लोग एक व्हाट्सएप समूह के मार्फत आभासी मित्र थे। वह लगभग अस्सी-नब्बे लोगों का समूह। रोज सभी लोग दूसरे को सुप्रभात वाले पोस्टर डालते। दिन में कुछ लोग तो अपनी मौलिक रचनाएँ पर अधिकतर सोशल मीडिया से कट-पेस्ट करके डालते रहते।रचना अच्छी-बुरी, मौलिक, कट-पेस्ट कैसी भी हो सभी एक-दूसरे की जमकर तारीफ करते और शाम को सभी लोग देर रात तक एक-दूसरे को गुडनाइट बोलते।जन्मदिन पर सभी एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते, हवाई गुलदस्ते भेंट करते हुए बधाई देते, आभासी केक खिलाते। पर यहाँ सदस्यों के जन्म दिनांक ही उजागर रहते, जन्म-वर्ष नहीं। जाहिर है अधिकतर महिलाएँ और उम्रदराज ...और पढ़े
सनातन - 2
(2)घर उसका एक 1 बीएचके फ्लैट था। उसमें एक हॉल और एक ही बेडरूम था। हॉल से एक तरफ जुड़ा था तो दूसरी ओर किचेन। और किचेन से बॉलकनी। जबकि वॉशरूम कॉमन था। उसका एक दरवाजा हॉल में खुलता तो दूसरा बेडरूम में।शाम को हॉल में दो घंटे के लिए प्रवचन-कार्यक्रम रखा गया। उसने अपनी मल्टी में कुछ को सूचित कर दिया था। इस तरह आठ-दस लोग वहाँ आकर बैठ गए।उस पहले दिन के कथा-प्रवचन में मैंने आत्मा और परमात्मा की रिलेशनशिप की चौंकाने वाली कथा कही। मैंने उन्हें बताया कि कैसे आत्मा प्रेयसी है और परमात्मा प्रेमी। वे ...और पढ़े