तीन साल हो गए हैं, पर दिल आज भी उसी पल में अटका हुआ है जब पहली बार उनसे मुलाकात हुई थी। ये मुलाकात भी ऐसे जैसे किसी फ़िल्मी कहानी का हिस्सा हो। एक आम से दिन में, मैं अपने कुछ ज़रूरी काम से अस्पताल गई थी, और वहीं मेरी नज़र उन पर पड़ गई। शायद उनका ध्यान उनके काम में था, पर मेरा पूरा ध्यान उन पर ही टिक गया था। ताज्जुब की बात ये थी कि बस एक पल के लिए ही सही, लेकिन कुछ तो अलग था उनमें जो मुझे उनकी तरफ खींच लाया।

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खामोश चाहतें - पार्ट 1

तीन साल हो गए हैं, पर दिल आज भी उसी पल में अटका हुआ है जब पहली बार उनसे हुई थी। ये मुलाकात भी ऐसे जैसे किसी फ़िल्मी कहानी का हिस्सा हो। एक आम से दिन में, मैं अपने कुछ ज़रूरी काम से अस्पताल गई थी, और वहीं मेरी नज़र उन पर पड़ गई। शायद उनका ध्यान उनके काम में था, पर मेरा पूरा ध्यान उन पर ही टिक गया था। ताज्जुब की बात ये थी कि बस एक पल के लिए ही सही, लेकिन कुछ तो अलग था उनमें जो मुझे उनकी तरफ खींच लाया।मैं वहीं उन्हें देखती ...और पढ़े

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खामोश चाहतें - पार्ट 2

उसका नाम तो मैं नहीं बताऊंगी, पर उसकी तस्वीर मेरे दिल और दिमाग में हमेशा के लिए अंकित हो है। वह लड़का न केवल शारीरिक रूप से, बल्कि उसके स्वभाव और आचरण से भी बहुत प्यारा और आकर्षक है। उसकी आँखें गहरी ब्राउन रंग की हैं, जैसे कोई पहाड़ी झील हो, जिनमें डूब जाने का मन करता है। वह हमेशा सादगी में ही दिखता है, जैसे किसी को दिखाने के लिए नहीं, बल्कि अपनी सहजता को अपनाने के लिए कपड़े पहनता हो। उसके कपड़े कभी बहुत फैशनेबल नहीं होते, बल्कि साधारण होते हैं, और उसका पहनावा उसके स्वभाव को ...और पढ़े

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