मृत्युलोक की क़िताब

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यह कहानी है एक छोटे से गाँव की, जहाँ सर्दियों की शामें जल्दी उतर आती थीं और घने कोहरे में गाँव खो सा जाता था। इस गाँव में अजीबो-गरीब घटनाएँ होती रहती थीं, जिनका कोई भी कारण नहीं जानता था। गाँव के लोग हमेशा एक पुरानी हवेली से दूर रहते थे, जो गाँव के बाहर एक घने जंगल के बीच स्थित थी। उस हवेली के बारे में कहा जाता था कि वहाँ एक "रहस्यमयी किताब" है, जिसे पढ़ने वाला न केवल अपने जीवन को खो देता है, बल्कि अपनी आत्मा को भी... हवेली का आकर्षण और रहस्य... अमन एक 30 साल का युवक था, जो अपने शहर से गाँव अपने दादा-दादी के पास आया था। वह एक पुरातत्वविद् था और उसे रहस्यमयी चीज़ों में बहुत दिलचस्पी थी। गाँव के लोग उस हवेली के बारे में फुसफुसाते हुए बातें करते थे, लेकिन कोई भी उस हवेली के करीब जाने का साहस नहीं करता था। अमन को इस जगह के बारे में सुनकर अजीब सा आकर्षण हुआ। एक शाम, जब कोहरा पूरे गाँव में छा गया था, अमन ने हवेली की ओर जाने का फैसला किया।

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मृत्युलोक की क़िताब - 1

"मृत्युलोक की क़िताब" यह कहानी है एक छोटे से गाँव की, जहाँ सर्दियों की शामें जल्दी आती थीं और घने कोहरे में गाँव खो सा जाता था। इस गाँव में अजीबो-गरीब घटनाएँ होती रहती थीं, जिनका कोई भी कारण नहीं जानता था। गाँव के लोग हमेशा एक पुरानी हवेली से दूर रहते थे, जो गाँव के बाहर एक घने जंगल के बीच स्थित थी। उस हवेली के बारे में कहा जाता था कि वहाँ एक "रहस्यमयी किताब" है, जिसे पढ़ने वाला न केवल अपने जीवन को खो देता है, बल्कि अपनी आत्मा को भी...हवेली का आकर्षण ...और पढ़े

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मृत्युलोक की क़िताब - 2

अध्याय 5:किताब का प्रभावएक दिन, जब अमन का मनोबल पूरी तरह टूट चुका था, उसने किताब को फिर से का फैसला किया। वह जानना चाहता था कि आखिर इसमें ऐसा क्या है जो उसे और उसके परिवार को इतना परेशान कर रहा है। उसने किताब को पढ़ना शुरू किया और इस बार उसने सारे पन्ने पलट दिए। किताब में लिखे शब्द अब स्पष्ट हो गए थे। यह किताब "मृत्युलोक की किताब" थी, जो आत्माओं को अपने वश में कर लेती थी। उसमें लिखा था कि जो भी इसे पढ़ेगा, वह अपने प्रियजनों के खून से प्यास बुझाएगा और अंत ...और पढ़े

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मृत्युलोक की क़िताब_ भाग -३

हवेली में प्रवेश एक ठंडी रात में, जब पूरा गाँव गहरी नींद में सो रहा था, विक्रम ने हवेली ओर कदम बढ़ाए। उसने अपने साथ एक टॉर्च, नोटबुक, और एक कैमरा लिया। हवेली की दरवाजे पर पहुँचते ही उसे वही ठंडक महसूस हुई जो अमन ने वर्षों पहले महसूस की थी। लेकिन उसकी जिज्ञासा ने उसके डर को दबा दिया। विक्रम ने हवेली का दरवाजा खोला और अंदर कदम रखा। वहाँ की दीवारें अब और भी जर्जर हो चुकी थीं, और हर कोने में धूल और मकड़ियाँ थीं। उसने धीरे-धीरे टॉर्च की रोशनी में कमरों को खंगालना शुरू किया। ...और पढ़े

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मृत्युलोक की क़िताब_ भाग -४

चक्र का पुनः आरम्भविक्रम की मौत के बाद, गाँव में एक बार फिर खौफ का माहौल फ़ैल गया। गाँव ने विक्रम की लाश उसके कमरे में पाई, और पास ही वह किताब खुली हुई थी। लेकिन इस बार गाँव के लोगों ने किताब को हवेली में वापस नहीं रखा। उन्होंने किताब को जलाने का फैसला किया।लेकिन जैसे ही उन्होंने क़िताब को जलाने की कोशिश की, वह जलने से इनकार कर दी। क़िताब पर एक अदृश्य ताक़त थी जो उसे नष्ट होने से बचा रही थी। गाँव के बुजुर्गों ने फ़ैसला किया कि क़िताब को वापस उसी हवेली में छोड़ ...और पढ़े

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