घना जंगल, जहाँ सूरज की किरणें भी मुश्किल से पहुँचती थीं, वहाँ एक रहस्यमयी और भयावह कहानी जन्म ले चुकी थी। इस जंगल के भीतर एक छोटा सा गाँव बसा था, जिसका नाम था 'काली वन'। यहाँ के लोग एक अजीब-सी खामोशी और डर के साए में जीते थे। किसी को पता नहीं था कि यह डर किससे था, लेकिन सब जानते थे कि कोई अदृश्य खतरा उनके चारों ओर मंडरा रहा था। गाँव के बुजुर्गों का कहना था कि जंगल के भीतर कहीं बहुत गहरे, एक गुफा है जहाँ "नरभक्षी आदमी" का वास है। उसका असली नाम क्या था, कोई नहीं जानता था, लेकिन वह इतना शक्तिशाली और खतरनाक था कि कोई भी व्यक्ति, जिसने उसे देखा, फिर कभी वापस नहीं लौटा। लोग कहते थे कि वह आदमी एक श्रापित आत्मा था, जिसे अमरता का वरदान तो मिला, लेकिन उसकी भूख कभी शांत नहीं होती थी। उसकी भूख साधारण नहीं थी—उसे इंसानी मांस की भूख थी।

1

नरभक्षी आदमी - भाग 1

नरभक्षी आदमी (उपन्यास) घना जंगल, जहाँ सूरज की किरणें भी मुश्किल से पहुँचती थीं, वहाँ रहस्यमयी और भयावह कहानी जन्म ले चुकी थी। इस जंगल के भीतर एक छोटा सा गाँव बसा था, जिसका नाम था 'काली वन'। यहाँ के लोग एक अजीब-सी खामोशी और डर के साए में जीते थे। किसी को पता नहीं था कि यह डर किससे था, लेकिन सब जानते थे कि कोई अदृश्य खतरा उनके चारों ओर मंडरा रहा था।गाँव के बुजुर्गों का कहना था कि जंगल के भीतर कहीं बहुत गहरे, एक गुफा है जहाँ "नरभक्षी आदमी" का वास ...और पढ़े

2

नरभक्षी आदमी - भाग 2

भयानक सच्चाई का सामनाअर्जुन और उसके दोस्तों की गुमशुदगी के बाद, काली वन के गाँव में डर और भी हो गया था। गाँव के लोग अब अंधकार के समय को लेकर पहले से भी ज़्यादा सतर्क हो गए थे। बच्चे अपनी माँओं के बिना घर के बाहर खेलने की हिम्मत नहीं करते थे, और सूरज ढलते ही सब अपने घरों में बंद हो जाते थे।गाँव के मुखिया, महादेव, जो पहले से ही कई तरह के भूत-प्रेतों और अंधविश्वासों से जुड़े थे, अब चिंतित थे। उन्होंने अपने बुजुर्गों से चर्चा की और फैसला किया कि अब और इंतजार नहीं किया ...और पढ़े

अन्य रसप्रद विकल्प