राज घराने की दावत.....

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अजगर करे ना चाकरी,पंछी करे न काम,दास मलूका कह गए,सबके दाता राम..... सेठ मतकू राम अंदर आते हुए अपने पेट पर हाथ फेरते हुए यह कहता है.. तभी अंदर से आवाज आती है कोई नई ताजी खबर है क्या मार लिया आज मैं मार लिया मैंने एक बार में ही सारे चारों खाने चित कर दिए..... सारे घर का न्योता है सारे घर का..... अब ऐसे हाथ बैठ कर मैं सब कुछ कर लूंगा तुम देखना......... " अरे कहीं पहले की तरह धोखा ही तो नहीं खाया है यह बात सच तो है ना" अंदर से फिर आवाज आती है

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राज घराने की दावत..... - 1

अजगर करे ना चाकरी,पंछी करे न काम,दास मलूका कह गए,सबके दाता राम.....सेठ मतकू राम अंदर आते हुए अपने पेट हाथ फेरते हुए यह कहता है..तभी अंदर से आवाज आती है कोई नई ताजी खबर है क्यामार लिया आज मैं मार लिया मैंने एक बार में ही सारे चारों खाने चित कर दिए.....सारे घर का न्योता है सारे घर का.....अब ऐसे हाथ बैठ कर मैं सब कुछ कर लूंगा तुम देखना........." अरे कहीं पहले की तरह धोखा ही तो नहीं खाया है यह बात सच तो है ना"अंदर से फिर आवाज आती हैमतकू राम अपने मूंछों पर तू देते हुए ...और पढ़े

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