आरफाज ऐसा मत करो प्लीज ,,,,  मैं मर जाऊंगी,, ,,,,तुम्हें यकीन क्यों नहीं हो रहा,,,,,खुदा का वास्ता आरफास,,,,,,ऐसा मत करो ,,,,,,,हमारे रिश्ते पर भरोसा करो,,,,,मैं तुमसे मोहब्बत की ,,,,,उस‌ मोहब्बत का वास्ता,,,,,मुझे तलाक मत दो , ,   अगर यह तलाक हो गया तो ,,,,,,हम कभी नहीं मिल पाएंगे,, प्लीज सरफराज ऐसा मत करो ,,,,,लेकिन आसपास सोफिया की एक नहीं सुनता और गुस्से से ,,,,वह सोफिया की आंखों में देखते हुए,,,,,,तू जैसे नापाक औरत से मैं और रिश्ता नहीं रख सकता ,,,,,,इसलिए मैं तुझे अभी ,,,इसी वक्त तलाक लेता हूं,,,तलाकतलाक तलाक मैं तुझ जैसी औरत को एक पल के लिए भी बर्दाश्त नहीं कर

Full Novel

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तलाक - 1

आरफाज ऐसा मत करो प्लीज ,,,, मैं मर जाऊंगी,, ,,,,तुम्हें यकीन क्यों नहीं हो रहा,,,,,खुदा का वास्ता आरफास,,,,,,ऐसा मत ,,,,,,,हमारे रिश्ते पर भरोसा करो,,,,,मैं तुमसे मोहब्बत की ,,,,,उस‌ मोहब्बत का वास्ता,,,,,मुझे तलाक मत दो , , अगर यह तलाक हो गया तो ,,,,,,हम कभी नहीं मिल पाएंगे,,प्लीज सरफराज ऐसा मत करो ,,,,,लेकिन आसपास सोफिया की एक नहीं सुनता और गुस्से से ,,,,वह सोफिया की आंखों में देखते हुए,,,,,,तू जैसे नापाक औरत से मैं और रिश्ता नहीं रख सकता ,,,,,,इसलिए मैं तुझे अभी ,,,इसी वक्त तलाक लेता हूं,,,तलाकतलाकतलाकमैं तुझ जैसी औरत को एक पल के लिए भी बर्दाश्त नहीं कर ...और पढ़े

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तलाक - 2

अल्फाज ने हर एक जगह फोन कर करके ,,,सोफिया के बारे में पता लगाने की कोशिश की,,,,,लेकिन अल्फाज को की कोई खबर नहीं मिल रही थी,,,जिसे अल्फाज काफी परेशान होने लगा था,,,,,कि तलाक की की वजह से सोफिया ने अपने साथ कुछ कर तो नहीं दिया ,,,,,उसे हर रोज यह डर सताने लगा था,,,,,,कि क्या कभी सोफिया वापस आएगी,,,,खुदा ना करें कि उसे कुछ हुआ हो,,,यह सब सोचते सोचते 3 महीने बीत जाते हैं,,,,,,,अब तो अल्फाज भी बहुत कमजोर हो गया था ,,,,,,,क्योंकि ना ही उसे भूख लगती थी ,,,,,,और ना ही प्यास,,,,वह तो अब भी सोफिया को तलाश ...और पढ़े

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