शाम का वक्त है। कुछ कुछ सूरज अभी नज़र आ रहा है। जबलपुर शहर की तूफानी शाम में जंगल के एक छोर पर बनी एक तीन मंजली आलीशान हवेली के सामने एक बोलेरो आकर रूकी। हवेली को अगर बाहर से देखा जाए तो ये किसी भूतिया बंगले की तरह लगती है लेकिन अंदर से ये किसी बड़े हवादार महल की तरह है। चारों और घना काला जंगल है और एक छोर पर जबलपुर शहर बसा हुआ है। जंगल के बिलकुल बीचोबीच एक बड़ा सा पुराना शिव मंदिर है जो अब पूरी तरह से खंडहर बन चुका है। शायद अब वहां पर कोई रहता हो या फिर जाता हो। इस बोलेरो में से पांच लोग बाहर निकले और ये हैं कबीर , विराज , विनय , अवनी और मान्या। आइए एक बार इन लोगों के बारे में जान लेते हैं।
कलावती - भाग 1
शाम का वक्त है। कुछ कुछ सूरज अभी नज़र आ रहा है। जबलपुर शहर की तूफानी शाम में जंगल एक छोर पर बनी एक तीन मंजली आलीशान हवेली के सामने एक बोलेरो आकर रूकी। हवेली को अगर बाहर से देखा जाए तो ये किसी भूतिया बंगले की तरह लगती है लेकिन अंदर से ये किसी बड़े हवादार महल की तरह है। चारों और घना काला जंगल है और एक छोर पर जबलपुर शहर बसा हुआ है। जंगल के बिलकुल बीचोबीच एक बड़ा सा पुराना शिव मंदिर है जो अब पूरी तरह से खंडहर बन चुका है। शायद अब वहां ...और पढ़े
कलावती - भाग 2
पुजारी यानी की नकली ड्राइवर के बिलकुल बगल में तांत्रिक सिंघाड़ा खड़ा था जिसे देखकर वो थर थर कांपने गया और बदन जवाब देने लग गया था।सिंघाड़ा जिसकी उम्र लगभग दो सो साल की होगी।बेहद ही मोटा और गठीला शरीर, बड़े बड़े जटाधारी लंबे बाल, पूरे शरीर पर राख लेपी हुई थी जिसके कारण उसका पूरा शरीर राख से सफ़ेद नज़र आ रहा था।बड़ी बड़ी ढाड़ी मूंछ और बेहद ही डरावनी सफेद आंखें जो की किसी को भी डरा दे,हाथों और पैरों के बड़े बड़े नाखून और काला लंगोट पहने हुए था। उसे देखकर पुजारी क्या? अगर कोई और ...और पढ़े
कलावती - भाग 3
एक बेहद ही खूबसूरत औरत जो मर्दों को अपना शिकार बनाती है।।कमरे के बिल्कुल बाहर कबीर के सामने विनय था जिसका माथा पसीने से भीगा हुआ था और उसके बदन में एक अजीब सी सिरहन दौड़ रही थी जिसे कबीर साफ़ महसूस कर सकता था। कबीर कुछ पल रुककर डरते हुए बोला ,,"क्या हुआ?" विनय ने जल्दी से कबीर का हाथ पकड़ा और उसे कमरे से बाहर खींचकर धीरे से बोला ,,"तुझे मालूम भी है क्या? मुझे अभी अपने कमरे में वो अशोक नज़र आया था। जल्दी से एक काम कर वो अंगूठी मुझे दे दे जिसमें कलावती को ...और पढ़े