जैसे जैसे सुबह होने लगी है, वैसे वैसे मानसी की आंखों में नींद भरने लगी है। वो रात भर तो जागती ही रही है, कभी मोबाइल पर मूवी देखती या फिर फेसबुक, टुइटर, इंस्ट्राग्राम यह सब चलाते हुए ही उसने पूरी रात गुजार दी है। इस समय वह अपने पी जी में बिल्कुल अकेली है । सारी सहेलियाँ मतलब उसके साथ रहने वाली जो रूममेटस, वे सब अपने घर चली गई हैं लेकिन मानसी नहीं जा पायी है क्योंकि उसे हल्का सा बुखार आ गया है, तो उसको ऐसा लगा कि अगर एयरपोर्ट पर उसका बुखार चैक हुआ तो कहीं वह फँस न जाये या फिर उसको कहीं पर क्वारंटाइन ना कर दिया जाये या फिर कहीं आइसोलेशन के लिए ना भेज दिया जाये। उफ़्फ़ कितने सवाल हैं और उतने ही जवाब उसके मन में उठ खड़े हुए हैं। उसे बस यही डर है और इसी डर की वजह से वह यहीं पी जी में रुक गई है । हालाँकि उसने सोचा है कि एक आध दिन में निकल जायेगी लेकिन अगले दिन से ही लॉकडउन लगने का अनाउंस हो गया और अब वह अकेली ही यहाँ पी जी में फंस जायेगी, यह सोचकर घबरा भी रही है ।

Full Novel

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और उसने - 1

सीमा असीम, सक्सेना (1) found the way जैसे जैसे सुबह होने लगी है, वैसे वैसे मानसी की आंखों में भरने लगी है। वो रात भर तो जागती ही रही है, कभी मोबाइल पर मूवी देखती या फिर फेसबुक, टुइटर, इंस्ट्राग्राम यह सब चलाते हुए ही उसने पूरी रात गुजार दी है। इस समय वह अपने पी जी में बिल्कुल अकेली है । सारी सहेलियाँ मतलब उसके साथ रहने वाली जो रूममेटस, वे सब अपने घर चली गई हैं लेकिन मानसी नहीं जा पायी है क्योंकि उसे हल्का सा बुखार आ गया है, तो उसको ऐसा लगा कि अगर एयरपोर्ट ...और पढ़े

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और उसने - 2

(2) “जस्ट मेंरे पीजी के बराबर में ही रहती हैं, मुझे भी आज ही पता चला, अभी मेरी थोड़ी खराब है न, तो मैंने मम्मा से कहा, तो फिर उन्होंने कहा कि वहां पर मेरी बचपन की फ्रेंड की छोटी बहन रूची आंटी अभी शिफ्ट हुई हैं और वह तुझे लेने आ जाएंगी, तू उनके घर चली जा, उनके हस्बैंड को ही मैंने अभी दिखाया है, मुझे कोई टेस्ट कराने की जरूरत नहीं हुई । उन्होने दवाई बगैरह के पैसे भी नहीं लिए क्योंकि वह हॉस्पिटल में डॉक्टर है, मतलब उनका अपना खुद का हॉस्पिटल है।” मानसी ने कबीर ...और पढ़े

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और उसने - 3

(3) “ आंटी आप नीचे रुको मैं आती हूँ।” “ ठीक है बेटा !” जी आंटी यह कहकर उसने रखा और कबीर से बोली, “यार आज मुझे अभी तो रूचि आंटी के साथ ही जाना ही पड़ेगा ।” मैं ऐसा करती हूँ कबीर कि अभी इस समय मैं रुचि आंटी के साथ उनके जा रही हूँ । पहली बात तो मम्मी की बात खराब नहीं होगी और दूसरी बात रुची आंटी मुझे खुद लेने के लिए आई हैं तो उनको भी बुरा नहीं लगेगा ।” “मैं भी तो तुझे लेने आया हूँ बल्कि मैं तो इतनी दूर से आया ...और पढ़े

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और उसने - 4

(4) सबसे छोटी होने के कारण पापा उसे कितना प्यार करते और मम्मी वह तो उस पर अपनी जान देती । घर का कोई भी काम उसे छूने नहीं देती । बर्तन तो कभी भी धोने नहीं देती, हमेशा कहती कि लड़कियां बर्तन नहीं धोती हैं हाथ खराब हो जाते हैं ... किसी राजकुमारी की तरह उसको बड़े लाड़ प्यार से रखती । भाई ज़ब शहर से आते तो उसके लिए ढेर सारे गिफ्ट लेकर आते और दीदी जीजाजी जब आते तो उनको जहां भी जाना होता, उसको अपनी बेटी की तरह संग लेकर जाते । जब वो बहुत ...और पढ़े

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और उसने - 5

(5) मम्मी और पापा दोनों लोग सो गए, मानसी अभी भी काम कर रही है। लाइट जाने के बाद कैंडल जलाकर आर्टिकल लिखना जारी रखा । वह बार-बार लिखती और मिटा देती क्योंकि उसे सेटिस्फेक्शन नहीं हो रहा है कि वह जो कुछ लिख रही है वह सही है, फाइनली उसने 4:00 बजे के करीब आठ पन्ने का एक आर्टिकल तैयार किया, ठीक 4:00 बजे वह सो गई, 7:00 बजे तक आंख ही नहीं खुली,। पापा ने उसको हिलाकर जगाते हुए कहा, “ मानसी आज स्कूल नहीं जाना है क्या? “ “अरे कितने बज गये पापा, मुझे तो 8:00 ...और पढ़े

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और उसने - 6

(6) वह भी करेगी अपने मम्मी पापा के लिए, बहुत कुछ करेगी, इतना खुश रखेगी कि उन्हें कभी कोई नहीं होने देगी, भाई और दीदी दोनों मम्मी पापा को अकेला छोड़ कर चले गए हैं । पापा के पास तो इतने पैसे भी नहीं कि अपने घर को अच्छे से सही करवा ले, सारा पैसा तो बच्चों की पढ़ाई और शादी में खर्च कर दिया सिर्फ वही तो अकेली रह गयी है। पापा का रिटायरमेंट हो गया लेकिन कभी वह एहसास ही नहीं होने देते कि वह रिटायर है और उनके पास अब उतने । पैसे नहीं है। फिर ...और पढ़े

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और उसने - 7

(7) “हाँ सही कह रहे हो करते रहो, वह भी काम जरूरी हैं लेकिन आप इतना हार्ड वर्किंग नहीं । बल्कि आपको इतनी मेहनत न करके थोड़ा बहुत काम करना चाहिए और सिर्फ पैसा ही मायने नहीं रखता है सबसे पहले शरीर का स्वास्थय जरूरी है । ज़िंदगी भर कमाया ही है । मानसी भी पढ़ लिखकर कुछ बन जाएगी, आपके दोनों बेटे बहुत अच्छे निकले, दोनों बड़ी बेटियाँ भी पढ़ लिख गयी अब मानसी भी बहुत अच्छी निकलेगी, आप विश्वास रखो, सब अच्छा हो जाएगा आप परेशान बिल्कुल मत हो और रेस्ट करो । सुनो अगर मानसी आप ...और पढ़े

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और उसने - 8

(8) “ हाँ अलका अपना यह शहर दुनिया का सबसे प्यारा शहर है क्योंकि यहाँ पर तू रहती है आज लग रहा है अंधेरी रात है तभी चंद्रमा कहीं दिखाई नहीं दे रहा है और चांदनी भी गायब है ।“ “हाँ यार, तभी तो इतने सारे तारे साफ दिख रहे हैं और इतने अच्छे से चमक रहे हैं।” “काली अंधेरी रात में चमकते हुए तारों में इतनी रोशनी हो रही है कि अगर स्ट्रीट लाइट भी बंद हो जाए ना, तो भी खूब रोशनी रहेगी ।“ “हाहा पागल है तू मानसी ।“ अल्का ज़ोर से हँसती हुई बोली । ...और पढ़े

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और उसने - 9

(9) मानसी ने अपना आर्टिकल खोला और उसे रिवाइज करना शुरू कर दिया हालांकि उसे बहुत अच्छे से याद गया है लेकिन उसे तो जैसे बिल्कुल धुन सवार हो गई थी कि इसे बहुत अच्छे से तैयार करना है, फिर सुनाना है कि कोई भी कुछ भी कमी ना निकाल पाए । अभी वह पढ़ ही रही थी कि थोड़ी देर के बाद उसे अलका की आवाज सुनाई दी । इस अलका को भी चैन नहीं है, थोड़ी देर अपने घर में नहीं रह सकती क्या हमेशा उसके पीछे ही लगी रहेगी ? चैन से बैठे, अपने घर का ...और पढ़े

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और उसने - 11

(11) तभी वहां पर और भी बच्चे आ गए और उससे कहने लगे, “मानसी जी आपने बहुत अच्छा बोला आज आप बहुत अच्छा बोल ही नहीं रहे बल्कि इतना अच्छा एक्स्प्रेशन भी दे रहे । आपको सुनकर बहुत अच्छा लगा, जब आप आप बोल रहे तो हम लोग एकदम से शांत होकर सिर्फ न आपका भाषण ही सुनते रह गए, बल्कि सुमधुर आवाज में भी खो गए क्योंकि आपकी आवाज बहुत अच्छी है। न जाने क्या क्या वे लोग बोले जा रहे हैं और मानसी कुछ बोल ही नहीं पा रही है सिर्फ मुस्कुरा दे रही है क्योंकि यह ...और पढ़े

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और उसने - 10

(10) मानसी सो तो गई लेकिन उसकी पूरी रात ख्वाबों में ही निकल गई । अजीबोगरीब सपने आते रहे सब गड़बड़ सा हो रहा है । कभी अलका की बातें, कभी आर्टिकल की बातें, कभी स्कूल की और कभी मम्मी पापा की । बातों ही बातों के सपनों आते रहे । सब बोल रहे हैं, कुछ कह रहे हैं । ऐसे ही सपने वो देखती रही और पूरी रात ही गुजर गई ।आजकल मानसी की नींद बिल्कुल भी पूरी नहीं हो रही है । कितनी सारी टेंशन उसके दिमाग में भर गई है । सुबह भी जल्दी आंख खुल ...और पढ़े

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और उसने - 12

(12) “हाँ जी पापा, मैं खा रही हूं लेकिन मैं बस यही सोच रही हूँ पापा कि मम्मी ने खाने में क्या मिलाया है ? इस खीर में ऐसा क्या डाला है ? कितना स्वाद मुँह में आ रहा है कि बस मैं बता ही नहीं सकती लेकिन फिर भी मैं बता रही हूँ कि पापा, मुझे मम्मी के हाथ का खाना इस दुनिया का सबसे अच्छा खाना लगता है, भले ही वह सूखे आलू और रोटी बना कर दे दें, तब भी मुझे बहुत अच्छा लगता है ।” मानसी ने चम्मच से खीर खाते हुए कहा । “बेटा, ...और पढ़े

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और उसने - 13

(13) घर पर आकर मानसी ने सबसे पहले सारे घर की साफ सफाई की । लग रहा है उन के जाने के बाद पापा ने घर में कुछ किया ही नहीं । वे तो बस अल्का के घर पर ही खाना खा आते और अपने घर में आकर सो जाते थे । अब मानसी और पापा दोनों मिलकर खाना भी बना लेते, कभी कभार अल्का की मम्मी खाना खाने को बुला लेती । अलका सिलाई, कढ़ाई, बुनाई का कोर्स कर रही है, उसको वैसे भी पढ़ाई लिखाई में मन नहीं लगता है न उसे तो यही सब पसंद है ...और पढ़े

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और उसने - 14

(14) “क्योंकि मेरे भाई को रात में सोते समय चलने की बीमारी है ना, वह कहीं भी उठ कर जाता है और सो जाता है। कभी जमीन पर ही लेट कर सो जाता है । उसी वजह से उसका इलाज कई सालों से चल रहा है तो उसे महीने में एक बार दिल्ली जाना पड़ता है लेकिन इस बार वह तीन चार महीने से नहीं गया है, उसके ऑफिस से छुट्टी ही नहीं मिली थी । अब जायेगा तो उसे दो-तीन दिन रुक कर ही आना होगा । मम्मी भी उसके साथ में ही जायेगी ।” “ठीक है जाने ...और पढ़े

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और उसने - 15

(15) “ओहह हाँ, मानसी यही होता है, हर महीने लड़की के पेट में बहुत दर्द होता है, किसी किसी दर्द नहीं भी होता है और यूरिन की जगह से ब्लड निकलता है फिर उसको 5 दिन तक ऐसे ही चलता है किसी किसी के घर में बहुत सख्त नियम होते हैं जैसे अलग रहना होता है, खाना अलग खाना होता है आदि मानों छूत की कोई बीमारी हो, मेरे घर में भी यही नियम मम्मी ने लागू कर रखे हैं।“ “अच्छा स्कूल में कभी कभी लड़कियों की स्कर्ट्स पर इस तरह के स्पॉट होते हैं, तब मैडम उनकी हेल्प ...और पढ़े

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और उसने - 16

(16) मानसी अक्सर इस बात को सोचती है कि पापा ने तो उन लोगों की बहुत अच्छे से परवरिश होगी पाल पोस कर बड़ा किया होगा मम्मी ने कितना लाड प्यार किया होगा लेकिन वह लोग बड़ी होकर मम्मी पापा को एकदम से भूल कैसे गए,? इतनी दूर दूर जाकर रहने लगे, कभी उन्हें पूछते भी नहीं कि मम्मी पापा की उम्र हो गई है और अब इतने पैसे भी नहीं है मम्मी पापा के पास, सारे पैसे तो उन लोगों की पढ़ाई लिखाई और शादी ब्याह में खर्च कर दिये हैं। नौकरी तो वैसे भी नहीं बची है ...और पढ़े

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और उसने - 17

(17) “मैं तो हमेशा ही मिस करता हूँ, जरा सी देर को कहीं या ऑफिस जाता हूँ और वह में होती हैं, तब भी मैं उन्हें मिस करता हूँ ।“ पापा मुसकुराते हुए बोले । “क्या पापा, अभी सुबह से ही मजाक के मूड में आ गए, अच्छा आप टहलने जाओ मैं उठ रही हूँ ।” पापा को चाहें कितनी भी तकलीफ क्यों न हो वे कभी भी किसी को बताते ही नहीं हैं बल्कि तकलीफ या दुख में वे कुछ ज्यादा ही खुश नजर आने लगते हैं । “नहीं जाना आज मुझे टहलने को ।“ “जाना है, जाना ...और पढ़े

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और उसने - 18

(18) “अच्छा अच्छा यह बात है । हमें तो पता ही नहीं कि हमारी शादी के इतने साल के हमें आज इस बात के बारे में पता चलेगा वो भी तुमसे और उस समय जब मैं तो बुड्ढी होने को आई तब, कि तेरे पापा मुझे मिस करते हैं। हे भगवान यह मुझे पहले क्यों नहीं पता चला ?” यह कहकर मम्मी जोर से खिलखिला कर हंसने लगी। “मम्मी जरा देखो न कितने सारे फूल आंगन में खिल गए हैं। हम रोज पौधों में पानी लगाते लेकिन यह फूल खिले तभी जब आप आई हैं। इससे यह भी पता ...और पढ़े

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और उसने - 19

(19) अलका के भाई को पुलिस ने अरेस्ट करके जेल में भेज दिया है । अब मानसी के पापा कोशिश तो करी कि किसी तरह से पुलिस उसे छोड़ दें लेकिन इतना भयंकर केस है, पुलिस किसी कीमत पर नहीं छोड़ सकती है, केस को तो कोर्ट में ही जाना है और केस कोर्ट में चला गया और उसके भाई की जमानत नहीं हुई। मानसी के पापा ने अल्का के भाई को छुड़ाने की बहुत कोशिश की । अल्का की माँ बहुत परेशान हो गई । और अलका ने तो अपनी सुध बुध ही खो दी है । अलका ...और पढ़े

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और उसने - 20

(20) “मैं अभी जल्दी ही तो आया था, और हाँ तुम्हारे मम्मी पापा बिल्कुल ठीक हैं, मैं अक्सर जाता रहता हूँ। पर एक बात बता तू इंडिया कब आई तूने बताया भी नहीं ?“ “कबीर सुनो, मैंने मम्मी पापा किसी को भी नहीं बताया कि मैं इंडिया में आ गई हूँ, अगर मैं उन्हें बताती तो वह मुझे कहते, फौरन वापस घर आ जाओ, पहले मेरे साथ कुछ दिन रहो फिर जॉब सर्च करो, लेकिन कबीर अभी मुझे इंटर्नशिप करनी बहुत जरूरी है । इसी के बाद मेरा आगे का पैकेज तय होगा । और तुम तो जानते ही ...और पढ़े

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और उसने - 21

(21) “ओहह कबीर, फिर हम कब तक यहाँ रहेंगे? कबीर हम अपने घर कैसे जा पाएंगे ? तुम कैसे घर जाओगे ? मैं कैसे अपनी मम्मी पापा से मिल पाऊँगी ?” मानसी ने घबरा कर एकसाथ कई सवाल कबीर से कर दिए । “अभी तो कुछ नहीं पता है शायद लॉकडाउन खुलने के बाद ही कुछ हो सकेगा।” “ तुम्हारा खाना कैसे बन रहा है कबीर ? कुक तो आ नहीं रहा होगा न?” “कुक कहाँ से आ नहीं रहा होगा ? वो तो शुरू से ही मेरे साथ ही रहता है न, तो मुझे खाने पीने की कोई ...और पढ़े

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और उसने - 22 - अंतिम भाग

(22) ( अंतिम भाग ) “ आज कैसी बातें कर रही है बेटा ? यहाँ तो है ही तेरा लेकिन अभी वहाँ पर है तो उसे ही अपना घर समझ और रुचि आंटी को अपनी माँ क्योंकि मैं तो वहां पर हूं नहीं, फिर तू देखना कि तुझे वहाँ अपने घर से ज्यादा अच्छा लगेगा । तेरा दिल भी लगा रहेगा और तू परेशान भी नहीं होगी।“ “ मम्मी यह सब बेकार की बातें छोड़ो । मुझे घर की और आप सब की बहुत याद आ रही है । पता नहीं अब हम कैसे अपने घर तक पहुंचेंगे ? ...और पढ़े

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