एक बड़े से आलीशान कमरे मे.... बिस्तर पर एक लड़की लेती हुई थी...... खिड़की के आती सूरज कि रौशनी उस लड़की के चेहरे पर पड़ने लगती है... और धीरे धीरे उस लड़की कि आँख भी खुलने लगती है.... " ये... ये कौन सी जगह है... और मैं यहाँ कैसे आई....?" वह लड़की चारो ओर देखते हुए खुद से सवाल करती है... वह रूम बहुत बड़ा था... लेकिन.... वह कमरा बहोत ही अजीब था उस कमरे मे कचड़े ही कचड़े फैले हुए थे.... ऐसा लग रहा था कि कमरे को कई महीनों से साफ नहीं किया गया हो, उस लड़की के लिए ये सब अनजान था उसे समझ नहीं आरहा था कि वह कहा है

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कोई तुमसा नहीं - 1

एक बड़े से आलीशान कमरे मे.... बिस्तर पर एक लड़की लेती हुई थी...... खिड़की के आती सूरज कि रौशनी लड़की के चेहरे पर पड़ने लगती है... और धीरे धीरे उस लड़की कि आँख भी खुलने लगती है.... ये... ये कौन सी जगह है... और मैं यहाँ कैसे आई....? वह लड़की चारो ओर देखते हुए खुद से सवाल करती है... वह रूम बहुत बड़ा था... लेकिन.... वह कमरा बहोत ही अजीब था उस कमरे मे कचड़े ही कचड़े फैले हुए थे.... ऐसा लग रहा था कि कमरे को कई महीनों से साफ नहीं किया गया हो, उस लड़की के लिए... ...और पढ़े

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कोई तुमसा नहीं - 2

यह सब सोचते हुए आरना ने अपना सर पकड़ लिया उसे अपने सर में दर्द महसूस हो रहा था... क्या बाथटब में डूब कर उसकी मौत हो गई थी... और उसका रीबर्थ गया था... वह भी एक नॉवेल मे। तभी एक बार फिर उसने अपना सर उठा कर आईने में देखा..... उसकी बॉडी व्हाइट और सॉफ्ट थी.... लेकिन उसके गालों पर एक जोरदार थप्पड़ के निशान थे, यह देख कर आरना नॉवेल की और भी डिटेल्स को याद करने लगी, गुस्से में आकर श्रेजा ने.. इनाय का किडनैप करवाया था.... और उसे गुंडो से भी पिटवाया था.. पर पता ...और पढ़े

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कोई तुमसा नहीं - 3

श्रीजा सीडीओ पर खड़ी उन्हें बिना किसी भाव के देख रही थी वह पांचो आपस में हंसी मजाक कर थे, अभी उन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि श्रीजा उन्हें देख रही है। तभी इशिता की नजर सामने खड़ी श्रेजा पर जाते हैं.. वह अपने चेहरे पर नकली मुस्कान सजातेेेे हुए बोली " श्रेजा तुम वहांं क्यों... खड़ी हो आओ हमारे साथ नाश्ताा करो। " अब जाकर सभी का ध्यान श्रेजा की ओर गया, श्रेजा को देखते ही उनके चेहरे की मुस्कान एक पल में ही गायब हो गई , श्रेजा बिना किसी की ओर ध्यान दिए चुपचाप डाइनिंग ...और पढ़े

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कोई तुमसा नहीं - 4

श्रेजा और सत्यम् एक छोटे से कैफे में बैठे हुए थे सत्यम कॉफी पी रहा था और श्रेजा चुपचाप हुई कुछ सोच रही थी।"श्रेजा क्याा मैं तुमसेेेेेेेे एक बात पूछूं?" सत्यम ने पूछा। अपने ख्यालों से बाहर आते हुआ श्रेजा ने सत्यम की और देखा मनु आंखों ही आंखों में उसे इजाजत दे रही हो।" यार तुम मुझे पहले से कुछ बदली बदली लग रही हो क्या कोई बात है जो तुम्हें मुझे बताना चाहती हो, क्या घर में फिर कुछ हुआ था, कहीं उस रोम ने तुम्हें फिर से परेशान तो नहीं क्या? " सत्यम ने गंभीरता से ...और पढ़े

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कोई तुमसा नहीं - 5

कुछ देर तक सत्यम के साथ घूमने के बाद श्रेजा टैक्सी में बैठकर वापस घर के लिए निकल गई सत्यम भी अपने घर चला गया था, जैसे ही श्रेजा ने घर के अंदर कदम रखा उसके कानों में कुछ लोगों की बात करने की करने की आवाज पड़ी श्रेजा ने उस दिशा में देखा तो वह पाचो किसी बात को लेकर बहस कर रहे थे शुभम बोल रहा था... ""इशिता तुम्हें लगता है कि यह सही रहेगा तुम उसे जानती हो ना कि वह कैसी हैं फिर भी तुम उसे अपने साथ ले जाना चाहती हो?" तो इस पर ...और पढ़े

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कोई तुमसा नहीं - 6

श्रेजा लगातार अपनी चमकती हुई आँखो से उस ड्रेस को देखे जा रही थी उसके चेहरे पर एक मुस्कान जो ये साफ बया कर रही थी की उसे ये ड्रेस पसंद तो बहुत आयी है... फिर श्रेजा उस ड्रेस को अच्छे से अरेंज कर के वापस बेड पर लेट जाती है... उसके बाद जब उसकी आँख खुलती है तो शाम हो चुकी थी, श्रेजा के लिए ये कोई बढ़ी बात नहीं थी...कभी कभार उसे बहुत ज्यादा नींद आती थी जिसकी बजह उसे भी आजतक बता नहीं चल सकी।हाथ मुँह धोने के बाद श्रेजा अपने कमरे से निकल कर गार्डन ...और पढ़े

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कोई तुमसा नहीं - 7

श्रेजा बड़े ध्यान से पूरे रूम को देख रही थी इतने में इनाया बहुत सारे कपड़े लाकर श्रेजा के रख देती हैं.... " दीदी आपको इनमें से कौन सी ड्रेस सबसे ज्यादा पसंद आई मैं वही वाला पहन के जाऊंगी। " इनाया मुस्कुराते हुए बोलती है श्रेजा का ध्यान उसकी बातों पर काम और उन कपड़ों पर ज्यादा था यह सारे ड्रेस एक से बढ़कर एक खूबसूरत और महंगी थी तभी श्रेजा की नजर एक बेबी पिंक कलर की वन पीस ड्रेस पर जाती है जो बहुत ज्यादा खूबसूरत थी इसे देखते ही श्रेजा पहचान चुकी थी कि वह ...और पढ़े

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