वह रात थी, अमावस की रात यह सोचकर तुम्हारे रोंगटे खड़े हो जायेंगे कि कहानी पढ़ते वक़्त पीछे मत देखना वरना खतरनाक हो सकता है पीछे भूत भी हो सकता है!!सोच लो देखना मत! देखोगे तो रह जाओगे मत देखो मत देखो मत देखो चुपचाप कहानी पढ़ते रहो देखो कहा था देखना मत देख लिया न कुछ भी तो नहीं था! मगर डरे ना इसी तरह के भय को ही तो डर कहते हैं! डर एक ऐसी चीज बनाई है भगवान् ने कि पूछो मत बस हम लोग डर-डर के जीते जा रहे हैं जीते जा रहे हैं जाने कब यह डर ख़तम होगा शायद मरने के बाद क्योंकि मरने के बाद तो सारे डर ख़तम खल्लाश हो जाते हैं!देखो यह सब बकवाश है !बहुत हो गयी यह डर की बाते कहानी पढो चलो डर तो अभी लगेगा जब कहानी पढोगे! एक समय की बात है अकाल गढ़ मैं कभी भी अकाल नहीं पड़ा था तब भी इसका नाम अकाल गढ़ था!और अकाल अब पड़ता है तब भी इस गांव का नाम अकाल गढ़ है!इस गांव के अकाल पड़ने की भी एक कहानी है! सुनाऊ क्या नहीं अरे नहीं सुनाऊंगा तो तुम्हें क्या घंटा समझ मैं आयेगी! चलो अब असली बात पर आते हैं!अकाल गढ़ मैं दो भाई नीरज और राजू अपनी बीवी के साथ बढ़िया रहा करते थे! राजू और नीरज मैं अच्छी बनती थी! नीरज का विवाह नहीं हुआ था! पर होने वाला था! कुछ दिनों बाद नीरज की भी शादी हो गयी! कुछ दिनों तक तो ठीक ठाक चलता रहा! पर उनकी बीवियों मैं आपस मैं नहीं बनती थी!तो उन्होंने अलग-अलग रहने का फेसला किया दोनों अलग-अलग रहने लगे राजू अलग होने पर बहुत कामचोर हो गया था!पहले वह भाई नीरज के साथ थोडा बहुत काम काज कर लिया करता था

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अमावस्या - 1

वह रात थी, अमावस की रात यह सोचकर तुम्हारे रोंगटे खड़े हो जायेंगे कि कहानी पढ़ते वक़्त पीछे मत वरना खतरनाक हो सकता है पीछे भूत भी हो सकता है!!सोच लो देखना मत! देखोगे तो रह जाओगे मत देखो मत देखो मत देखो चुपचाप कहानी पढ़ते रहो देखो कहा था देखना मत देख लिया न कुछ भी तो नहीं था! मगर डरे ना इसी तरह के भय को ही तो डर कहते हैं!डर एक ऐसी चीज बनाई है भगवान् ने कि पूछो मत बस हम लोग डर-डर के जीते जा रहे हैं जीते जा रहे हैं जाने कब यह ...और पढ़े

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अमावस्या - 2

उसकी बजह से सारा गांव मुसीबत मैं पड़ गया है!यह बात सुनकर राजू भी वहां पहुँच गया और सब सुनकर उसके होश उड़ गए और वह घबरा सा गया और कहने लगा वो चुड़ैल कोई और होगी वह चुड़ैल नहीं बन सकती वह तो अनाज लेकर भाग गयी है!कुछ गांव वालों ने कहा वो तो अमवस्या को ही पता चलेगा कि किसने उसकी हत्या कि थी!चलो आने अपने घर जाओ सब लोग जो होगा देखा जायेगा!राजू के चेहरे पर तो १२ बज ही गए थे और वह भागता हुआ अपनी बीवी के पास पहुंचा और बोला कि हम लोग ...और पढ़े

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अमावस्या - 3

तब विराट ने कहा हमारे पास कल का वक़्त है और परसों अमावास है तुम लोगो को किस किस का इंतजाम करना है!मैं बताऊँगा अब आप लोग निडर होके अपने घरों मैं सो जाइये सुबह मैं सबको बता दूंगा!विराट को गांव वालों ने बढ़िया पकवान मिठाइयाँ और खूब मेहमान नमाजी की और बढ़िया बिस्तर पर सुलाया सुबह होकर विराट ने सब गांव वालो को इकट्ठा होने को कहा थोड़ी देर मैं सारा गांव इकठ्ठा हो गया तब उसने सबको बताया हम सबको मिलकर उस चुड़ैल को मारना होगा!मैं सब को बताता हूँ हमे क्या करना है!कल रात पूरे गांव ...और पढ़े

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