कवच - काली शक्तियों से

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काश हम उस बस में चढ़ गए होते तो शायद हम उस खतरनाक मंजर में ना फंसते...!! उस हादसे से पहले तक मैं भूत प्रेत पर विश्वास नहीं करता था लेकिन जो हमारे साथ हुआ उसने हमें विश्वास दिलाने में मजबूर कर दिया कि सचमुच आत्माएं होते हैं। उस हादसे ने हमें अंदर से डरा दिया था तो चलिए जानते हैं आखिर ऐसी क्या वजह थी जिसने हमें वहां तक ले गई...!! 3 साल पहले.... रोहन बेटा उठ जाओ 7 बज गए हैं तुम्हें अपनी रिसर्च के काम से बाहर जाना था ना रोहन- क्या मां कितना अच्छा अपना देख रहा था कि आपने जगा दिया। मां- अच्छा जरा मुझे भी तो बता क्या देख रहा था। रोहन- अच्छा तो सुनो, मैं कहीं जा रहा था सुहाना मौसम था मैं बस में चढ़कर कहीं जा रहा था तभी बस में एक लड़की चढ़ी वह दिखने में एकदम परी लग रही मानो स्वर्ग से कोई अप्सरा हो। वो बैठने के लिए इधर-उधर नजरे फेरने लगी। किस्मत से मेरे बगल वाली सीट खाली थी तो मेरे पास आकर बोली "सुनिए क्या मैं यहां बैठ सकती हूं"

Full Novel

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कवच - काली शक्तियों से - भाग 1

काश हम उस बस में चढ़ गए होते तो शायद हम उस खतरनाक मंजर में ना फंसते...!!उस हादसे से तक मैं भूत प्रेत पर विश्वास नहीं करता था लेकिन जो हमारे साथ हुआ उसने हमें विश्वास दिलाने में मजबूर कर दिया कि सचमुच आत्माएं होते हैं। उस हादसे ने हमें अंदर से डरा दिया था तो चलिए जानते हैं आखिर ऐसी क्या वजह थी जिसने हमें वहां तक ले गई...!!3 साल पहले....रोहन बेटा उठ जाओ 7 बज गए हैं तुम्हें अपनी रिसर्च के काम से बाहर जाना था नारोहन- क्या मां कितना अच्छा अपना देख रहा था कि आपने ...और पढ़े

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कवच - काली शक्तियों से - भाग 2

बस हमें छोड़कर जा रहा था...बस को जाता देख कर चैत्रा और मैं उस बस में चढ़ने के लिए लेकिन वह तेजी से चल रहा था हम बस में चढ़ नहीं पाए और बस काफी दूर निकल गया।चैत्रा- अब क्या करें रोहन- रुको मुझे सोचने दो तभी मेरे दोस्त घसीटा का फोन आया "कहां पर हो यार तुम लोग ! हम कब से तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं?रोहन- अरे यार हम करलाई के जंगल से बहुत दूर आ गए हैं तुम लोग बुलेट पर है तो तुम ही यहा आ जाओ देखते हैं यहां वह दुर्लभ फूल मिलता है ...और पढ़े

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कवच - काली शक्तियों से - भाग 3

इस कहानी को समझने के लिए पिछले दोनों भागों को पढ़ेंयह सुनकर मैंने पूछा- कैसे ??तब चैत्रा ने बोला 1 महीने पहले मेरी दीदी एक लड़के से प्यार करती थी। लेकिन पापा को यह रिश्ता मंजूर ना था। लेकिन दीदी उस लड़के के प्यार में पागल हो गई थी उन्होंने मंदिर में शादी करने का सोचा।दीदी ने अपना और उस लड़के का कुंडली मिलान करवाने के लिए उस लड़के से उसका कुंडली मांगा, लेकिन वह लड़का बहाना बनाते हुए बोला- वह..वह.. तो मेरा जन्म कुंडली खो चुका हैदीदी- नहीं जब तक हमारी कुंडली नहीं मिल जाए तब तक हमारी ...और पढ़े

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कवच - काली शक्तियों से - भाग 4

पूरी कहानी जानने के लिए पिछले तीन भाग को पढ़ेंमैं तुम्हें नहीं छोडूंगायह कहकर चैत्रा के शरीर में प्रवेश की आत्मा चैत्रा के शरीर को खत्म करने की कोशिश करने लगा।मैं बैग वहीं छोड़ कर उसे रोकने लगा, यह देख कर वह प्रेत मुझे मारने के लिए दौड़ा। मैं तो चैत्रा के उपर हाथ नहीं सकता था क्योंकि मैं उससे प्यार जो करता था और वह प्रेत इसी बात का फायदा उठा रहा था,,अचानक उसने मुझे जोर से एक मुक्का मारा और मैं अपने बैग के उपर गिर गया तभी उसने मुझे फिर मारने के लिए हाथ लगाया तो ...और पढ़े

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कवच - काली शक्तियों से - भाग 5

मेरे बेटे को छोड़ दो तुम जो कहोगे वो मैं करने के लिए तैयार हूं, लेकिन मेरे बेटे को मत करना। प्लीज मैं तुम्हारे पांव पड़ता हूं, नहीं नहीं मेरे बेटे को छोड़ दो.........आज तीन साल हो गए उस हादसे को हुए हम दोनों ने उसे भुलाने का बहुत कोशिश किया लेकिन भुला नहीं पाए जब भी उस हादसे की याद आती है तो रूह काप जाती है खैर छोड़िए अभी इन सब बातों कोचैत्रा और मेरी शादी होने के बाद हमारा एक प्यारा सा बच्चा हुआ वह बहुत खूबसूरत था जब नर्स ने उसे उठाकर मुझे देने आयी ...और पढ़े

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कवच - काली शक्तियों से - भाग 6 - अंतिम भाग

रोहन घर से निकलने ही वाला था कि चैत्रा ने उसे रोका और बोली- मैं भी तुम्हारे साथ जाउंगी।रोहन- मैं अकेला ही जाऊंगा, तुम वहां मुसीबत में पड़ सकती होचैत्रा- जो भी हो जाएंगे तो दोनों साथ जाएंगे जो होगा देखा जायेगारोहन- तो चलो फिर देखते हैं कौन हमारे बेटे को हमसे दूर कर पाता है।तभी रोहन की मां का फोन आया- हां मम्मी बोलोमां- बेटा सुन मेरा जी बहुत घबरा रहा है मैंने जो तुम्हे समन को जन्म के समय पहनाने के लिए जो सूर्य कवच दिया था उसे तुमने समन को पहनाया हैं ना ?रोहन- मां वो ...और पढ़े

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