"यह कौन है?"राजन के साथ आयी युवती को देखकर कल्पना बोली थी। "यह सुनीता है,"राजन अपने साथ आयी युवती का परिचय कल्पना से कराते हुए बोला,"और सुनीता मेरी पत्नी है " "क्या?सुनीता तुम्हारी पत्नी है?"राजन की बात सुनकर कल्पना ने अविवशनिय नजरो से राजन की तरफ देखा था। "तुम्हे मेरी बात पर विश्वास नही हो रहा।मैं सच कह रहा हूँ,"राजन,कल्पना के चेहरे के भाव पढ़कर बोला,"तुम सुनीता से ही पूछ लो।" "लेकिन तुमने मुझे पहले नही बताया कि तुम विवाहित हो।" "तुम सही कह रही हो।पर कभी ऐसा प्रसंग आया ही नही इसलिए मुझे बताने की जरूरत ही नही पड़ी।" राजन सच कह रहा था।पहले कभी ऐसा मौका आया ही नही जो राजन ,कल्पना को अपनी शादी और अपनी पत्नी सुनीता के बारे में बताता।कल्पना के मन मे भी कभी ख्याल नही आया कि वह राजन से पूछ लेती की वह विवाहित है या कुंवारा।वह बिना पूछे ही उसे अविवाहित मान बैठी थी।इसलिए वह राजन से प्यार ही नही करने लगी थी।अपनी देह भी बिना किसी रिश्ते के उसे सुपुर्द कर चुकी थी।उसके साथ हमबिस्तर हो चुकी थी।राजन उसका प्रेमी था और बिना सात फेरों के बंधन में बंधे वह देह से उसकी हो चुकी थी।इसलिए जब उसे राजन के विवाहित होने का पता चला तो उसे गहरा सदमा लगा था।राजन ने उसके साथ ऐसा क्यो किया।राजन ने विवाहित होकर क्यो उसकी अस्मिता के साथ खिलवाड़ किया।जब वह विवाहित था तो उसे क्या हक था उसके जज्बात से खेलने का?
एक नया रास्ता - 1
"यह कौन है?"राजन के साथ आयी युवती को देखकर कल्पना बोली थी।"यह सुनीता है,"राजन अपने साथ आयी युवती का कल्पना से कराते हुए बोला,"और सुनीता मेरी पत्नी है ""क्या?सुनीता तुम्हारी पत्नी है?"राजन की बात सुनकर कल्पना ने अविवशनिय नजरो से राजन की तरफ देखा था।"तुम्हे मेरी बात पर विश्वास नही हो रहा।मैं सच कह रहा हूँ,"राजन,कल्पना के चेहरे के भाव पढ़कर बोला,"तुम सुनीता से ही पूछ लो।""लेकिन तुमने मुझे पहले नही बताया कि तुम विवाहित हो।""तुम सही कह रही हो।पर कभी ऐसा प्रसंग आया ही नही इसलिए मुझे बताने की जरूरत ही नही पड़ी।"राजन सच कह रहा था।पहले कभी ...और पढ़े
एक नया रास्ता - 2
कल्पना बोली,"मैं जानती हूँ तुम मुझे नही मिलोगे।पर मैं गर्भपात नही करूंगी""फिर क्या करोगी?""मैं गर्भपात कराने से बेहतर कुंवारी बनना पसन्द करूंगी।"कल्पना अपनी बात कहकर चली गयी थी।सुनीता गुमसुम खामोश पलँग पर चित लेटी छत को निहार रही थी।राजन उसकी बगल में लेटते हुए बोला,"लगता है हमारी प्रियतमा किसी गहरे सोच में डूबी है?""राजन मुझे बेहद अफसोस है मैं तुम्हारे बच्चे की माँ कभी नही बन सकती।""सुनीता इसमें तुम्हारा क्या दोष है।ईश्वर ने तुम्हे माँ बनने की क्षमता प्रदान नही की है।""इसमें भगवान का कोई दोष नही है।दोषी तो मैं हूँ।""तुम दोषी हो?""हां।मैं।""तुम कैसे दोषी हो?""राजन मैं शादी के ...और पढ़े
एक नया रास्ता - 3
और सुनीता तैयार हो गयी।और उसने समर्पण कर दिया।अनुराग कुशल खिलाड़ी की तरह पूरी रात उसकी देह से खेलता अनुराग से प्यार करती थी इसलिए उसने समर्पण किया था।समर्पण करने से पहले सुनीता ने एक बार भी नही सोचा कि शारिरिक मिलन औरत के लिए कितना असुरक्षित होता है।देह के मिलन से पहले औरत को कुछ बातें ध्यान रखनी चाहिए।हमारे देश मे समाज अभी भी पति पत्नी के बीच के शारिरिक मिलन को मान्यता देता है।अभी हमारा समाज कुंवारी माँ या विदेशों की तरह सिंगल मॉम की संस्कृति को मान्यता नही देता।कानूनी रूप से यह अवैध नही है।इसलिए अगर ...और पढ़े
एक नया रास्ता - 4
और अनुराग की बात सुनकर सुनीता को लगा कि वह प्यार में बुरी तरह ठगी गयी है।अनुराग ने उससे करने से साफ इंकार कर दिया था।उससे अनुराग ने बेवफाई की थी। लेकिन दोषी तो वो भी थी।उसने अनुराग के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और उससे सम्बन्ध तोड़ लिये। सुनीता के दिन चढ़ गए थे।वह गर्भवती थी।वह कुंवारी थी और उसके गर्भ में अनुराग का अंश था।वह अपने गर्भवती होने की बात अपनी माँ से कब तक छुपा सकती थी।एक दिन उसने रोते हुए माँ को सब कुछ बता दिया।बेटी की बात सुनकर मा सत्र रह गयी।उसकी कुछ समझ मे ...और पढ़े
एक नया रास्ता - 5
पत्नी की अतीत की आपबीती सुनकर राजन सत्र रह गया।उसने सोचा भी नही था।जिसे वह निर्मल गंगा की तरह समझ रहा था।वो गंगा मैली भी हो सकती है।उसकी पत्नी का अतीत भी है और अतीत दागदार है।यह तो उसने सोचा भी नही था।ऐसी पत्नी के साथ--ना ना उसे ऐसी पत्नी को तलाक दे देना चाहिये।"क्या सोच रहे हो?"पति को सोच में डूबे देखकर सुनीता बोली थी।"कुछ नही'"मैं जानती हूँ।तुम झूठ बोल रहे हो।"तुम्हें कैसे पता?""राजन मैने तुम्हे बताने में देर करदी।पर क्या करूं।माँ ने मुझे ऐसा न करने के लिये कहा था।'"न बताती।""मैं अंदर ही अंदर घुट रही थी।इतने ...और पढ़े
एक नया रास्ता - 6
और जब राजन ऑफिस पर चला गया तब सुनीता ने कल्पना को अपने पास बुलाया।"कल्पना मैं तुम्हे अपनी बहन चाहती हूँ।""आप भी क्या दीदी,"कल्पना,सुनीता की बात सुनकर बोली,"मैं आपकी बहन ही तो हूँ।"""मैं चाहती हूँ तुम हमेशा के लिए मेरी जिंदगी में आ जाओ।",मैं समझी नही?""तुम राजन से शादी कर लो।""क्या?"सुनीता की बात सुनकर कल्पना आश्चर्य से चोंकते हुए बोली,"आप राजन की पत्नी है"हां""एक पत्नी अपने पति की शादी की बात कर रही है""इसमें बुराई क्या है।""मै अगर राजन से शादी कर लुंगी तो आपका क्या होगा?""मैं तो चाहती थी राजन को तलाक दे दु ताकि वह तुम से ...और पढ़े