हजार साल पहले अजबगढ़ , एक समय पर ये बहुत खुशहाल गांव हुआ करता था। जिसे देखने के लिए लोग दूर- दूर से आते। ये गांव सब तरह सुसज्जित और प्रशिद्ध गांव था। यहाँ का राज महल बहुत विशाल था जो काफी दूर तक फैला हुआ था।ये महल चारदीवारी से घिरा है जिसके अन्दर प्रवेश करते ही दायीं ओर कुछ हवेलियों के दिखाई देती हैं। सामने जिसमें सड़क के दोनों तरफ कतार में बनायी गयी दो मंजिली इमारते हैं। इसकी बायीं ओर पे शिव जी का एक विशालकाय मंदिर भी उपस्थित है।ये महल चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ है चारों ओर पहाड़िया है वर्षा ऋतु में यहां की रौनक देखने को ही बनती है यहां पर चारों तरफ पहाड़ियों पर हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है वर्षा ऋतु में यह दृश्य बहुत ही सुंदर हो जाता है । यहाँ के गांव वाले भी बहुत खुश थे , लेकिन अचानक एक दिन ऐसा कुछ हुआ जिसकी वजह से हस्ता खेलता गांव बर्बाद हो गया था। एक श्राप ने गांव के उस विशाल महल को खंडर बना दिया था क्यूकि उसके बाद कोई वहाँ रह नहीं पाया और धीरे - धीरे गांव के लोग उस महल से दूरी बना के रहने लगे। लोगो का मानना था की वहाँ से डरावनी आवाजे सुनाई देती है और जो भी वहाँ जाता है , वो लौट कर वापिस नहीं आ पाता । उस अजबगढ़ के महल के आस पास रात में तो क्या दिन में भी लोग आने से डरते थे।
एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 1
अजबगढ़ हजार साल पहले अजबगढ़ , एक समय पर ये बहुत खुशहाल गांव हुआ करता था। जिसे देखने के लोग दूर- दूर से आते। ये गांव सब तरह सुसज्जित और प्रशिद्ध गांव था। यहाँ का राज महल बहुत विशाल था जो काफी दूर तक फैला हुआ था।ये महल चारदीवारी से घिरा है जिसके अन्दर प्रवेश करते ही दायीं ओर कुछ हवेलियों के दिखाई देती हैं। सामने जिसमें सड़क के दोनों तरफ कतार में बनायी गयी दो मंजिली इमारते हैं। इसकी बायीं ओर पे शिव जी का एक विशालकाय मंदिर भी उपस्थित है।ये महल चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा ...और पढ़े
एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 2
मौत की शुरुआत जब उन्होंने उस ताले पे पत्थर मारा तो आसमान का रंग बदलने लगा और तेज हवाएं लगी। आसमान से तेज बिजली की आवज आने लगी। ये सब देख के पहले तो तीनो घबरा गए लेकिन फिर उन्होंने सोचा मौसम ख़राब है सायद आज। फिर दुबारा वो ताले को तोड़ने लगे। वही दूसरी तरफ गांव में जब लोगो ने मौसम को ऐसे बदलते देखा थे , वहाँ के एक बूढ़े बाबा ने कहा अनर्थ !!!! कोई वहाँ गया है ये अच्छा संकेत नहीं है। तभी सारे गांव वाले बाबा की बात सून कर डर गएऔर सब एक ...और पढ़े
एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 3
New visitors उस हादसे के बाद, गांव के सभी लोग बहुत डर गए थे जिसकी वजह से जो लोग आसपास भी रहते थे वह भी उस महल से काफी दूर हो गए उसके कुछ दिनों बाद कहीं पर भी कोई हादसा नहीं हुआ पर कहते हैं ना - कई * बार जब हमें लगता है कि सब कुछ ठीक हो गया है तभी अचानक से कुछ ऐसा होता है जो हमारी सोच से परे होता है ऐसा ही कुछ अजबगढ़ में होने वाला था।उस हादसे के बाद लोग उस महल के आसपास जाना तो बंद कर चुके थे लेकिन ...और पढ़े
एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 4
Ch 4 - VILLAGEखाना खाने के बाद सबने सोचा गांव चलते है घूमने , तभी समीर के पापा ने फिर से याद दिलाया , उस महल के तरफ मत जाना। ये सुनके सब उन्हें सवालिया नज़रो से देखने लगे , तभी शिवाय ने पूछा ऐसा क्या है वहा अंकल जो सब वहा जाने के लिए मना कर रहे , तब राम किशन जी ने उनके कहा - यह आओ मैं बताता हु तुम्हे , सब उनके आस पास जा के बैठ गए। तब राम किशन बोले - कुछ दिनों पहले पास के गांव में सरपंच के इकलौते बेटे की ...और पढ़े
एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 5
जब सारे घर पहुंचे तो समीर की माँ बोली , अच्छा है बेटा तुम सब आ गए टाइम से अच्छा जाओ मुँह हाँथ तो लो मैं खाना लगवाती हु तुम सबके लिए। सबने हां बोला और वह से चले आये। खाना खाने के समीर के कमरे में - करन बोला यार समीर उस महल का कुछ पता है तुझे , समीर ने गर्दन हिला के ना बोल दिया और अपने पास से सिगरेट निकाल कर पीते हुए बोला यार मुझे तो बचपन से ही वहा जाने नहीं दिया गए और फिर मुझे शहर भेज दिया पढ़ने के लिए। शिवाय ...और पढ़े
एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 6
अगले दिन सुबह , सारे दोस्त मिलके बाहर जाने के लिए तैयार थे , तभी समीर की माँ ने सबकी तरफ देख के पूछा आज कहा जा रहे हो तुम सब बेटा। तो उन्होंने एक दूसरे को देखा और आँखों ही आँखों में एक -दूसरे को कुछ इशारा किया और बोले आज हम सब पास के बाजार में जा रहे है और शाम तक आ जायेगे। फिर समीर ने अपनी माँ को गले लगा कर कहा -"माँ आप टेंशन ना लीजिये हम जल्दी आ जायेगे । ये बोलने के बाद सब वह से बहार निकल गए , बहार जाते ...और पढ़े
एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 7
सारे धीरे -धीरे एक साथ पीछे मुड़ते है , लेकिन उन्हें पीछे कोई नही दिखाई देता , इसपे शिवाय है लगता है कोई है जो हमारे साथ मजाक कर रहा है अब तो इस गेट को खोलना ही परेगा । इसपे करन भी शिवाय का साथ देते हुए कहता है हा यार अब तो इसे खोलना ही परेगा। ये सोचने के बाद शिवाय और करन उस गेट पर लगे लाल कपड़े को हटाने लगे थे । जैसे जैसे वो उस दरवाज़े को खोलने लगते है , मौसम का रुख बदलने लगता है ।करन ने उस लाल कपड़े को निकल ...और पढ़े
एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 8
रीया ने मुड़ कर सावी की तरफ देखा और बोला अरे सावी जल्दी चल थोड़ा ,इस्पे सावी मुस्कुराते हुए अभी तो चलना शुरू ही किया है। रीया ने फिर पूछा -क्या कह रही है यार। इसपे सावी ने कहा कुछ नहीं , और उनके पीछे चलने लगी। सावी के पीछे एक साप भी था , जो सावी के पिछले शरीर पे ऐसे चिपका था जैसे वो सावी के शरीर का ही एक हिस्सा हो। सावी की चाल भी बदल गयी थी मनो जैसे वो कही की रानी हो जो सैर पर जा रही हो , सावी एक बार फिर ...और पढ़े
एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 9
जहा एक तरफ शिवाय और उसके दोस्त गहरी नींद में थे, वही एक तरफ कुछ ऐसा होने वाला था सबके रोंगटे खड़े होने वाले थे।वही अजबगढ़ के पास के एक गांव में नयी नयी शादी के बाद उन दोनों की पहली रात थी। लड़की कमरे में बेड पर आराम से घूँघट में बैठी थी , तभी उसके कमरे का दरवाजा बाहर से खोला गया। दरवाजा खोलने वाला इंसान उस लड़की का पति था उसने अपने कदम कमरे में बढ़ाये और कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। धीरे - धीरे वो अपनी पतनी के पास जा कर बैठ ...और पढ़े
एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 10
धीरे - धीरे इस हादसे की बात सारे गांव और आस- पास के गांव में आग जैसी फ़ैल गयी। सुनके सबके हाँथ - पाँव ठन्डे पर गए थे। ये बात मुखिया के पास भी पहुंची तो वो दंग रह गए और घर से निकल कर जाने लगे। तभी समीर और उसके दोस्त सीढ़ियों से नीचे आ रहे थे , तभी समीर ने देखा उसे पिता जल्दी में कही बाहर जा रहे थे ये देख के समीर ने अपनी माँ से पूछा माँ पिता जी इतनी जल्दी में कहा गए ?इसपे मुखियाइन जी ने समीर और उसके दोस्तों से पूछा ...और पढ़े
एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 11
जब ये सब बाते सभी कर ही रहे थे कि उन्होंने देखा गांव वाले वापिस आ रहे थे। तभी और करन अपनी जगह से उठे और उस बाबा को ढूढ़ने लगे। मुखिया जी ने कहा तुम दोनों किसे देख देख रहे हो बेटा। इसपे शिवाय ने कहा उन बाबा को जो हमे बताने वाले थे उस मझल के बारे में। तभी उन्हें पीछे वो बूढ़े बाबा दिखे। वो दोनों बूढ़े बाबा कि तरफ़ा बढे और उनसे बोला बाबा हमे उस महल के बारे में जानना है। तभी सावी , रीया और समीर भी उनके पास आये।इसपे बाबा ने कहा ...और पढ़े
एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 12
सभी जब शांत हो गए तब बाबा ने आगे बताना शुरू किया। बाबा ने कहा जैसे मैंने तुम्हे बताया बहुत सुंदर थी और युद्ध भी करना जानती थी , लेकिन एक चीज थी जो सिर्फ राजकुमारी के पास थी और जिसकी वजह से उनका नाम एकजा रखा गया था। ये सुनके शिवाय ने झट से पूछा क्या ? बाकि लोग भी इस सवाल का जवाब सुनने के लिए बेताब हो रहे थे। तभी बाबा ने कहा - राजकुमारी की आँखे। ये सुनके सब हैरान रह गए और धीरे से बोले आँखे। तभी रीया ने कहा आँखों में भला क्या ...और पढ़े
एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - भाग 13
ये सुनके करन ने सबको बताते हुए कहा - हिन्दू धर्म में गति और कर्म अनुसार मरने वाले लोगों विभाजन किया है- भूत, प्रेत, पिशाच, कूष्मांडा, ब्रह्मराक्षस, वेताल और क्षेत्रपाल। इनमे भी और कई प्रकार होते है। आयुर्वेद के अनुसार 18 प्रकार के प्रेत होते हैं। भूत सबसे शुरुआती पद है या कहें कि जब कोई आम व्यक्ति मरता है तो सर्वप्रथम भूत ही बनता है। इसी तरह जब कोई औरत मरती है तो उसे अलग नामों से जाना जाता है। माना गया है कि नवयुवती मरती है तो चुड़ैल बन जाती है मतलब जो शादीशुदा होती है और ...और पढ़े
एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - भाग 14
शिवाय ने जब ये सुना तो वो बाबा के घर की तरफ देखने लगा , वह सिर्फ एक छोटी सी कुटिया थी। जो गांव से दूर नदी के छोड़ पर थी जहा शायद ही कोई आता हो। शिवाय ने बाबा से पूछा - "बाबा आप यहाँ रहते है " इसपे बाबा ने कहा हां बेटा। फिर बाबा शिवाय के साथ उसके अंदर चले गए। अंदर जा कर शिवाय ने देखा उस कुटिया में ज्यादा सामान नहीं था सिर्फ कुछ बर्तन और एक बिस्तर। ये देखके शिवाय ने बाबा से पूछा - बाबा क्या आप अकेले यहाँ रहते है ?गांव ...और पढ़े
एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - भाग 15
शिवाय जब वापिस लौटा तो देखा सब उसी का इंतज़ार कर रहे थे तभी उसने अपने हाँथ में ली को अपने पीछे छिपा लिए ताकि कोई उसे देखे नहीं। तभी समीर ने कहा - आ गया तू हमे लगा तू वही रहने वाला है और ऐसा क्या काम था जो तू हमारे साथ नहीं आया। इसपे शिवाय ने कहा कुछ नहीं यार बस गांव के बारे में जानने का मन था। वही करन जो चुप चाप वही बैठा था उसने नोटिस किया शिवाय अपने पीछे कुछ छिपा रहा है लेकिन उसने सबके सामने शिवाय से कुछ नहीं कहा। तभी ...और पढ़े
एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - भाग 16
तभी उन्हें हसने की आवाज आई जिसे सुनके दोनो एक दूसरे के ऊपर से जल्दी से उठे । खुद संभालने के बाद वो अपने दोस्तो की तरफ देखने लगे जो अभी उन्हे देख के हस रहे थे । तभी शिवाय ने कहा तुम सब ऐसे क्यू हस रहे हो , वो हम गलती से गिर गए थे। तभी रीया ने कहा हां हां हमे पता है सब , क्या चल रहा है तुम दोनो का । ये सुनके सांवी मुस्कुराने लगी ,लेकिन उसकी मुस्कान बनावटी थी मन ही मन तो वो कुछ और ही सोच रही थी । तभी ...और पढ़े
कजा द स्टोरी ऑफ डेथ - भाग 17
ये सुनके सबने एक साथ कहा रीया तुम क्या कहना चाहती हो ? रीय आने फिर कहा बड़ा- सा ये सुनके सब जोर- जोर से हसने लगे। तभी सावी ने कहा - रीया ये क्या बोल रही हो बड़ा - सा साँप। समीर भी बिच में बोल परा रीया तू पागल हो गयी है। इसपे रीया ने शिवाय की तरफ देख कर कहा - शिवाय मैं सच बोल रही हूँ तुम तो मेरी बात सुनो। ये सुनके शिवाय ने रीया से कहा ठीक है। मैं मनाता हूँ। तुम शांत हो जाओ। अब चलो हमे यहाँ से जान भी है ...और पढ़े
एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - भाग 18
सारी बात बताने के बाद शिवाय ने कहा मुझे लगता है हमे बाबा से कल सुबह ही मिलना पड़ेगा हमे पता लगाना ही पड़ेगा आखिर ये सब हो क्या रहा है। आखिर कौन है जो ये सब कर रहा है ?"तभी समीर ने कहा शिवाय हमे वो किताब तो दिखा हम भी तो देखे उस किताब में ऐसा क्या है जो तुझे बाबा ने किसी को देने से मना कर दिया। "इसपे शिवाय ने कहा अच्छा ठीक है रुको मैं दिखता हूँ तुम्हे। शिवाय ने फिर वो किताब निकली और उन्हें दिखते हुए कहा ये देखो। वो किताब देख ...और पढ़े