ज़िद्दी इश्क़

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रात का अंधेरा चारो तरफ फैला हुआ था और रात के इसी पहर एक घर के कमरे में एक लड़की को बेदर्दी से कुर्सी पर बाँधा गया था। टिप टिप करके खून की बूंदे उसके चेहरे से टपक कर फर्श पर गिर रही थी जिसकी वजह से पूरा फर्श लाल हो गया था। लेकिन अब खून सूख चुका था। उसका चेहरा सूजा हुआ था और उसकी गर्दन पर चाकू से कट लगा हुआ था। उसके बाल बिखरे हुए थे जैसे उसे बालो से पकड़ कर घसीटा गया था। उसकी हालत देखने मे बहोत खौफनाक लग रही थी ऐसा लग रहा था जैसे उसके जिस्म में अब जान ही नही रही। अचानक उस लड़की की बॉडी में थोड़ी हलचल हुई। उसने अपनी सूजी हुई आंखों को खोला और अपने हाथ मे लिए हुए शीशे से रस्सी को काटने लगी। बाहर से आती आवाज़ों को सुनकर वोह फिर अपनी पहली वाली हालात में चली गयी। जब आवाज़ें आनी बंद हो गयी वोह फिर रस्सी को काटने लगी। रस्सी खोलने के बाद वोह दरवाज़े के पास गई और दरवाज़े को खोल कर इधर उधर देखने लगी। यह देख कर की बाहर कोई नही है वोह आहिस्ता आहिस्ता कदम उठाते हुए ऊपर की तरफ चली गयी। वोह ऊपर के फ्लोर के राइट साइड के कार्नर वाले रूम में चली गयी और अलमारी से सारे कपड़े निकाल कर बाहर फेंकने लगी। सारे कपड़े बहार निकलने के बाद उसे वहां एक बटन नज़र आई। उसने बटन को दबाया तो वहां से एक सेफ बाहर आया उसने पासवर्ड डाल कर सेफ को ओपन किया और अपना पासपोर्ट और लिफाफा निकाल कर एक जैकेट पहेन कर वहां से निकल कर बाकलनी से पाईप का सहारा ले कर नीचे उतरने लगी और तभी उसका पैर फिसल गया और वोह.....

Full Novel

1

ज़िद्दी इश्क़ - 1

रात का अंधेरा चारो तरफ फैला हुआ था और रात के इसी पहर एक घर के कमरे में एक को बेदर्दी से कुर्सी पर बाँधा गया था। टिप टिप करके खून की बूंदे उसके चेहरे से टपक कर फर्श पर गिर रही थी जिसकी वजह से पूरा फर्श लाल हो गया था। लेकिन अब खून सूख चुका था। उसका चेहरा सूजा हुआ था और उसकी गर्दन पर चाकू से कट लगा हुआ था। उसके बाल बिखरे हुए थे जैसे उसे बालो से पकड़ कर घसीटा गया था। उसकी हालत देखने मे बहोत खौफनाक लग रही थी ऐसा लग रहा ...और पढ़े

2

ज़िद्दी इश्क़ - 2

"पापा अपने पहेली बार मुझसे कुछ मांगा है मैं ज़रूर जाउंगी।" माहेरा ने अपने पापा को देखते हैए कहा वोह अपनी माँ और भाईयो की उदास भरी नज़रे खुद पर महसूस कर सकती थी। "बेगम आप दुखी क्यों हो रही है आपको तो खुश होना चाहिए हमारी बेटी पढ़ने के लिए बाहर जा रही है।" "और माहेरा आप तैयारी करलो अगले हफ्ते आप इटली जा रही है।" ज़ाकिर साहब ने पहले अपनी बीवी और फिर माहेरा की तरफ देखते हुए कहा। माहेरा जो खुश थी कि अभी एक या दो महीने बाद इटली जाएगी अपने पापा की आखिरी बात ...और पढ़े

3

ज़िद्दी इश्क़ - 4

माहेरा को जब होश आया तो उसने खुद को एक अनजान जगह पाया। वोह जितनी भी बहादुर थी पर उसे इस जगह से डर लग रहा था। कमरे में बिल्कुल अंधेरा था। अचानक कमरे का दरवाजा खुला और रामिश अंदर आया। रामिश ने उसे इशारा करके अपने साथ चलने के लिए कहा। उसका इशारा समझ कर माहेरा जल्दी से खड़ी हुई और उसके पीछे चलने लगी। बाहर जाते हुए उसे अचानक सोफ़िया का खयाल आया। "मेरी दोस्त कहा है?" माहेरा ने इटेलियन लैंग्वेज में कहा। "वोह ठीक है तुम फिक्र मत करो।" रामिश ने मुड़ते हुए उसे जवाब दिया। ...और पढ़े

4

ज़िद्दी इश्क़ - 3

माज़ और रामिश इस वक़्त अल्बर्टो के मेंशन में थे। उन लोगो ने एक घण्टे पहले ही उस पर किया था क्योंकि अल्बर्टो का कमरा साउंडप्रूफ था और उन लोगों ने इस तरह हमला किया था कि अपबर्टो के आदमियों को अभी इस हमले की कुछ खबर ही नही थी। माज़ सोफे पर बैठा था और उसके साथ मे रामिश खड़ा था और उस के बिल्कुल सामने अल्बर्टो खड़ा दर्द से कार्रह रह था। उसके मुंह से खून निकल रहा था, उसका होंठ फटा हुआ था, और उसने अपने बाज़ुओं को पकड़ा हुआ था जिस से खून बह रहा ...और पढ़े

5

ज़िद्दी इश्क़ - 5

माहेरा जब केफे से घर आई तो सोफ़िया उसे कहि नही दिखी, उसे लगा कि वोह मार्किट गयी होगी वोह भी जा कर अपने रूम में लेट गयी और देखते ही देखते वोह नींद की वादियों में उतर गई। जब उसकी आंख खुली तो रात के आठ बजे रहे थे। वो जल्दी से उठ कर बाहर गयी तो देखा की सोफ़िया अभी तक घर नही आई है। उसने परेशान होते हुए सोफ़िया को कॉल की, लेकिन सोफ़िया ने उसका फ़ोन नही उठाया। "यार सोफ़िया फ़ोन क्यों नही उठा रही हो।" माहेरा ने बड़बड़ाते हुए दोबार उसका नंबर डायल किया। ...और पढ़े

6

ज़िद्दी इश्क़ - 6

"सिस्सो मैं ने तुम्हारे लिए एक शायरी लिखी है।" ज़ाहिद ने शरारत से मुस्कुराते हुए कहा। "सुनाओ।" सोफ़िया ने से कहा। उसकी बात सुनकर माहेरा उसे घूरने लगी क्योंकि वोह जानती थी उस शायरी में इसकी बेइज़्ज़ती के इलावा कुछ भी नही होगा। क्योंकि पिछले दो साल से ज़ाहिद ऐसा ही कर रहा था और अब उसे उसकी शायरी की आदत हो गयी थी। "सबसे अलग सबसे प्यारे हो आप।" "वाह ज़ाहिद इस बात तुम में इम्प्रोवमेंट हुई है।" सोफीया ने मुस्कुराते हुए कहा। "यार सोफी आगे तो सुनो।" उसके बीच मे टोकने पर ज़ाहिद मुंह फुला कर बोला। ...और पढ़े

7

ज़िद्दी इश्क़ - 7

"तुम होंगे भुक्खड़.........तुम्ही खाओ कीड़े।" माहेरा ने मुंह बना कर कहा। अब तक सोफ़िया को भी होश आ चुका वोह मुस्कुराते हुए उनकी बहेस सुन रही थी। "वैसे तुम लोगो का नाम क्या है? हम तीन बार मिल चुके है लेकिन तुम लोगो ने हमे अब तक अपना नाम नही बताया।" सोफ़िया ने हिचकिचते हुए माज़ की तरफ देख कर पूछा क्योंकि वोह रामिश से पूछ कर अपनी बेइज़्ज़ती नही कराना चाहती थी। "इन्हें हमरा नाम पता है लेकिन इन से अगर इनका नाम पूछ लिया तो मानो हमने कोई गुनाह कर दिया हो।" माहेरा माज़ की बात याद ...और पढ़े

8

ज़िद्दी इश्क़ - 8

हॉस्पिटल में एक औरत मशीनों में लिपटी हुई होशो हवास की दुनिया से बहुत दूर थी। एक आदमी उसके को पकड़े हुए उसे ही देख रहा था और उसके हाथों को अपने होंठो से लगाए हुए किसी सोच में गुम था। मोबाइल पर आने वाले कॉल ने उसे उसकी सोच से बाहर निकाला और उस आदमी ने पॉकेट से अपना फोन निकाल कर आने वाले कॉल का नाम देखा। स्क्रीन पर कॉलर नाम देखते ही उसके माथ पर बल पड़ गए। उस आदमी ने आराम से उस औरत का हाथ बेड पर रखा और उसके माथे पर किस कर ...और पढ़े

9

ज़िद्दी इश्क़ - 9

रामिश सोफिया को लेने के लिए उसके घर पहुंचा और उसने गाड़ी से निकल कर दरवाजे की बेल बजाई। जो भी शावर लेकर निकली थी उसके बाल अभी भी गीले थे उसने अपने बालों को हल्का-हल्का साफ किया और दरवाजा खोलने के लिए चली गई। सोफिया ने दरवाजा खोला तो रामिश को सामने खड़ा पाया। "आ आपने बताया नहीं था कि आप था कि कब तक आएंगे तो इसीलिए मैं तैयार नहीं हुई थी।" रामिश को देखते ही सोफिया ने मासूमियत से कहा। जबकि रामिश की नजर उसके हुलिए पर थी जो धीले ट्राउजर और सफेद शर्ट में खड़ी ...और पढ़े

10

ज़िद्दी इश्क़ - 10

सोफ़िया ने कुछ सोचते हुए अपनी गर्दन हाँ में हिलायी। रामिश से दूर रहने के बारे में वोह सोच नही सकती थी। उसे इस बात की उम्मीद थी कि वोह अपने डैड को मना लेगी। .............. "माहेरा उठो और मेरे साथ चलो वरना मुझे तुम्हे दोबारा घसीट कर ले जाने में मुझे कोई प्रॉब्लम नही है।" माज़ जो सबक जाने के बाद दोबारा माहेरा से उठने का कह चुका था। मगर वो है कि उठने का नाम ही नही ले रही थी और बस एक टक ज़मीन को ही घूरे जा रही थी। माज़ ने गुस्से से माहेरा का ...और पढ़े

11

ज़िद्दी इश्क़ - 11

माज़ के जाने के बाद महेरा गुस्से से उठ कर खड़ी हुई तभी रोज़ी दरवाज़ा खोल कर कुछ शॉपिंग ले कर अंदर आयी और कबर्ड के पास रख कर वहां से चली गयी।माहेरा ने जल्दी से उस मे से एक ड्रेस निकाला और शावर लेने चली गयी। शावर ले कर आने के बाद वोह ड्रेसिंग रूम में गयी और अपना बाल ड्राई करने के बाद अपने गले मे स्टालर डाल कर वोह मेंशन घूमने के लिए निकल गयी।अपने कमरे से निकल कर वोह कॉरिडोर से आते हुए लाउंज में आई तो वहां सामने एक बड़ा सा किचन था। जिस ...और पढ़े

12

ज़िद्दी इश्क़ - 12

"तुम्हे इसके इलावा आता ही क्या है।" माहेरा ने गुस्से से उसे घुरते हुए कहा। "मतलब तुम मुझ से सवाल जवाब किये रह ही नही सकती ना।" माज़ ने उसके होंठो की तरफ देखते हुए कहा और उसका गला हल्का सा दबा कर छोड़ते हुए कहा और साथ ही उसकी बची कूची सांसे अपनी सांसो में कैद करली। माहेरा उसे धकेलने की नाकाम कोशिश कर रही थी लेकिन माज़ की पकड़ इतनी मज़बूत थी कि माहेरा ने थक हार कर कोशिश करना बंद कर दिया। माज़ उससे दूर हुआ और माहेरा का गुस्से से लाल चेहरा देखते हुए फ्रेश ...और पढ़े

13

ज़िद्दी इश्क़ - 13

सैंडविच खा कर वोह अपने कमरे में आई तो माज़ पहले से ही वहां उसका इंतेज़ार कर रहा था। दो हफ़्तों में माज़ कुछ ज़्यादा ही बिजी था। मगर वोह दोनो जब भी मिलते थे एक दूसरे को तंग करने का एक भी मौका नही छोड़ते थे। "माहेरा मेरी बात सुनो और इधर आओ मेरे पास बैठो.........." माज़ ने सोफे पर अपने पास इशारा करते हुए माहेरा से कहा। माहेरा बुरा सा मुंह बना कर उसके साथ बैठ गयी। वोह जानती थी अगर वोह ना बैठी तो माज़ को गुस्सा आने में सिर्फ एक सैकेंड लगेगा। "बोलो,,,,,,क्या बात करनी ...और पढ़े

14

ज़िद्दी इश्क़ - 14

"तुम्हे आज मुझ से कोई भी नही बचा सकता माहेरा तो फिलहाल अपना येह छोड़ा सा दिमाग मत चलाओ। आज मैं तुम्हरी कोई भी बकवास सुनने के मूड में बिकुल भी नही हु। आज तुम्हे सज़ा से कोई नही बजा सकता।" माज़ उसके कान के करीब जा कर बोला। माहेरा उसके होंठो का स्पर्श अपने कान पर महसूस कर सकती थी। जबकि वोह माज़ की झुलसा देने वाली सांसो से आप गर्दन जलती हुई महसूस कर रही थी। "आह........." माज़ ने अपनी बात पूरी करते ही माहेरा की गर्दन में अपने दांत धँसा दिए, जिसकी वाजह से माहेरा की ...और पढ़े

15

ज़िद्दी इश्क़ - 15

"मॉम" माहेरा ने घबरा कर चीखते हुए अपनी आंखें खोली तो माज़ उसे अपने गले लगाते हुए बोला। "माहेरा ठीक है।" माहेरा ने कस कर उसे पकड़ लिया। माज़ की नज़र माहेरा के पैरों पर पड़ी तो वोह उस को बिठाने लगा लेकिन माहेरा उसे छोड़ने का नाम ही नही ले रही थी। "माहेरा मैं बस फर्स्ट एड किट ले कर आता हूं तुम बस दो मिनट रुको।" वोह माहेरा का बाज़ू अपनी गर्दन से निकालते हुए उसके माथे पर किस करके बोला। वोह माहेरा को बेड पर बिठा कर जल्दी से फर्स्ट ऐड किट ले कर आया और ...और पढ़े

16

ज़िद्दी इश्क़ - 16

माज़ ने रामिश की बात सुनी और माहेरा की तरफ देखा जो सूजी आंखों से उसे देख रही थी। हम मिल कर इस बारे में बात करते है।" माज़ ने कहा और फ़ोन रख कर माहेरा की आंखों को चूमते हुए वाशरूम में चला गया माहेरा आंखे बंद किये हुए अपनी आंखों पर उसका स्पर्श महसूस कर रही थी। वोह जानती थी रात को उस ने माज़ की एविल साइड देखी थी जो वोह उसे कभी भी दिखाना नही चाहता था। चाहे वोह कितनी ही शरारत क्यों ना करे। माज़ चेंज करने के लिए ड्रेसिंग रूम में गया और ...और पढ़े

17

ज़िद्दी इश्क़ - 17

माहेरा ने हैरान हो कर उस आदमी को देखा जो शक्ल से बिल्कुल माज़ की तरह दिख रहा था। येह जानने में दो मिनट भी नही लगा कि वोह आदमी माज़ के डैड है। शेर खान आज ही रोम से वापस आये थे। वोह अपने दूसरे मेंशन में जाने के बजाए माज़ और रामिश से मिलने सीधे ब्लैक रोज़ मेंशन आये थे। वोह जब मेंशन में एंटर हुए तो किसी लड़की की हिंदी में माज़ का नाम पुकारने की आवाज़ आयी। जिससे वोह हैरान हुए बिना ना रह सके। क्योंकि उनके ख्याल में माज़ लड़कियों से कोसों दूर रहता ...और पढ़े

18

ज़िद्दी इश्क़ - 18

माज़ और रामिश भागते हुए अंदर आये तो देखा शेर खान सीरियस एक्सप्रेशन के साथ सोफे पर बैठे थे। सामने सोफे पर माहेरा अपना सिर झुकाए बैठी अपनी नाखूनों से खेल रही थी। "डैड व्हाट आ सरप्राइज आप ने बताया नही आप जल्दी वापस आ रहे है।" माज़ ने माहौल को ठीक करने के लिए कहा और शेर खान के पास जाने ही लगा था की शेर खान ने उसे हाथ के इशारे से वही रुकने के लिए कहा और एक ठंडी नज़र माज़ और उसके पीछे खड़े रामिश पर डाली। "माज़ क्या येह लड़की सच कह रही है ...और पढ़े

19

ज़िद्दी इश्क़ - 19

"अब क्या तुम मुझे मारोगे की मैं ने तुम्हारा मज़ाक़ बनाया।" महिलाओं से बचने की कोशिश करते हुए थक कर बोली। बिल्कुल नहीं मैं तुम्हें मारूंगा नहीं मेरे पास तुम से बदला लेने के लिए और भी तरीके हैं। मांस उसके होठों को देखते हुए मीनिंग फुल अंदाज़ में बोला। माहेरा उसकी बात सुन के नासमझी से उसे देखने लगे और फिर सेल वाला वाक्य याद आने पर जल्दी से बोली। "क्या तुम दोबारा मुझे सेल में बंद करोगे?" वोह जो अभी बोल रही थी माज़ ने आगे बढ़ कर अपने एक हाथ को उसके बाल में डाल कर ...और पढ़े

20

ज़िद्दी इश्क़ - 20

"माज़ क्या तुम्हें गंजी लडकिया पसंद है?" "नही क्यों? अपने बाल कटवाने के बारे में सोचना भी मत मुझे बाल वाली लडकिया बहोत पसंद है।" माज़ उसकी अजीब सी बात सुनकर उसकी तरफ देख कर कुछ सोचते हुए बोला। "मुझे अपने बाल बहोत पसंद है लेकिन मुझे लगता है तुम्हे गंजी लडकिया पसंद है। वरना क्यों जब देखो तुम मेरे बालो में हाथ डालते हुए खींचते? अभी मैं ने अपने बालों में कंघी की है मेरे इतने ज़्यादा बाल झड़े है। मुझे पूरा यकीन है जब तक तुम्हे इन खीजना नही छोड़ोगे जब तक मैं गंजी ना हो जाओ।" ...और पढ़े

21

ज़िद्दी इश्क़ - 21

माज़ किसी से फोन पर बात कर रहा था जब रोज़ी उसके पास आ कर बोली। "सर मैडम ड्रेस पहेन रही है कह रही है आप से बात करनी है।" माज़ जो फोन पर बिजी था रोज़ी की बात सुनकर उसे माहेरा पर बहोत गुस्सा आया। वोह गुस्से से अपने कमरे की तरफ चला गया। वोह कमरे में आया तो उसके कान में माहेरा की आवाज़ गयी। "मैं येह ड्रेस नही पहेनुगी। तुम ले कर जाओ इसे।" माहेरा ने गुस्से से कहा। उस पागल को नही पता था वोह सोये हुए वहशी के गुस्से को और हवा दे रही ...और पढ़े

22

ज़िद्दी इश्क़ - 22

माज़ ने आस पास देखा लेकिन माहेरा कहि नही थी। वोह गुस्से से चलते हुए रामिश के पास आया बोला। "माहेरा कहा है?" रामिश ने उसकी बात सुनकर हैरानी से उसे देखा और फिर अपने आस पास देखते हुए बोला। "यार अभी तो यही बैठी थी। मुझे मास्टर ने बुलाया था मैं उनकी बात सुनने गया था तब भी वोह मुझे यही बैठी दिख रही थी।" "रामिश अगर माहेरा को कुछ भी हुआ तो मैं तुम्हे छोडूंगा नही।.........अब मेरा मुंह क्या देख रहे हो जाओ जा कर ढूंढो उसे, मैं पहले मेंशन के अंदर देख लेता हूं।" माज़ गुस्से ...और पढ़े

23

ज़िद्दी इश्क़ - 23

अपने गुस्से को कम करने के लिये माज़ ने अपने बालों में हाथ फेरा और बाहर जा कर एक को आवाज़ दी। उसकी आवाज़ सुनकर मेड भगति हुई उसके पास आई। "इस कमरे की सफाई करो और इसे लॉक करदो।" माज़ ने कहा और स्टडी रूम में चला गया। उसने अपने गुस्से को कम करने के लिए सिगरेट सुलगाई और गहरे गहरे कश भरने लगा। वोह अभी चौथी सिगरेट पी रहा था जब रामिश दरवाज़ा खोल कर अंदर आया। उसने अपनी लाल आंखों से रामिश को देखा तो वोह एक पल के लिए डर ही गया और फिर हिम्मत ...और पढ़े

24

ज़िद्दी इश्क़ - 24

"आप...कौन है? और आप ने मेरा हाथ क्यों पकड़ा है?" माज़ जो माहेरा के होश में आने से खुश उसकी बात सुनकर उनक होश ही उड़ गए। "क्या मतलब तुम्हे याद नही मैं तुम्हारा हसबैंड हु इसीलिए तो मैं ने तुम्हारा हाथ पकड़ा है और मेरे साथ येह ड्रामे मत करो मैं जानता हूं तुम मुझे तंग करने के लिए मज़ाक़ कर रही हो।" माज़ उसके करीब बैठते हुए बोला। माहेरा ने उसकी बात सुनकर हैरानी से उसकी तरफ देखा और पीछे हटते हुए बोली। "मैं आपसे क्यों मज़ाक़ करूँगी और कोई मेरा हस्बैंड कैसे हो सकता है। मैं ...और पढ़े

25

ज़िद्दी इश्क़ - 25

माहेरा मुंह बना का रामिश की तरफ मुड़ी और और उसका चेहरा देख कर हैरान हो कर बोली। "रामिश सीढ़ियों से मैं गिरी थी और चेहरा आपका सूजा हुआ है।" "येह उसकी गलती का इनाम मिला है।" जवाब रामिश की बजाए माज़ ने दिया जबकि रामिश खामोश ही रहा। माज़ की बात सुनकर माहेरा ने उसे घूरते हुए पूछा। "माज़ क्या तुम ने रामिश भाई को मारा है?" "माहेरा येह मेरी गलती की सज़ा है। माज़ जब बाहर गया था तो उसने मुझे तुम्हारा ध्यान रखने के लिए कहा था लेकिन मैं नही रख सका और देखो मेरी एक ...और पढ़े

26

ज़िद्दी इश्क़ - 26

"येह सब तुमने साफ किया है?!" माज़ ने हैरान हो कर पूछा। "हाँ मैं ने किया है, तुम्हे यहां और दिख रहा है क्या और देखो मेरे हाथ भी लाल हो गए है।" माहेरा माज़ की बात सुनकर जल्दी से बोली और आखिर में अपनी हथेलियां दिखाई जो उसने ज़मीन से बर्फ उठा कर रगड़ कर लाल की थी। माज़ उसका हाथ देख कर मुस्कुराते हुए बोला। "हम्म्म्म....मैं भी देखना चाहता हु की तुमने इतनी मेहनत से इतनी जल्दी सारा काम कैसे खत्म कर दिया।" वोह बोल कर उसके करीब आया और साइड टेबल से अपना फ़ोन उठाया जो ...और पढ़े

27

ज़िद्दी इश्क़ - 27

माज़ ने ज़बरदस्ती उसका मुंह खोला और माहेरा माज़ से बिरयानी खाते हुए तीखा लगने की एक्टिंग करने लगी। अपनी आंखों में आंसू लिए हुए मासूम सी शक्ल बना कर उसे देख रही थी। माज़ ने उसकी आँखों मे आंसू देख कर उसके हाथ पैर खोल दिए। उसके खोलते ही माहेरा उठ कर किचन में गयी और पेस्ट्री निकाल कर आराम से बैठ कर खाने लगी। उसे माज़ की हालत सोच कर अब भी हँसी रही थी। ....... रामिश सोफ़िया के कहने पर एक घण्टे बाद उसके घर के सामने खड़ा था। उन अपना फोन निकाल कर सोफ़िया को ...और पढ़े

28

ज़िद्दी इश्क़ - 28

माज़ ज़रूरी काम से बाहर गया था और माहेरा रोज़ी के साथ लॉन में बैठी हुई थी। बहोत देर बैठने की वजह से अब माहेरा को भूख लगने लगी थी। "रोज़ी मुझे भूख लगी है मेरे लिए पास्ता बना कर लाओ।" माहेरा ने अपने पास बैठी रोजी से कहा। "मैम सर ने कहा है आपको अकेला नही छोड़ना है। आप मेरे साथ अंदर चले मैं पास्ता बना लेती हूं फिर हम बाहर आ जायेंगे।" रोज़ी ने कहा। "रोज़ी मेरा यहाँ से हिलने का बिल्कुल भी मूड नही है और तुम फिक्र मत करो यहां इतनी सिक्योरिटी है मुझे कुछ ...और पढ़े

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ज़िद्दी इश्क़ - 29

माज़ जिसने गाड़ी का दरवाजा खोलते ही अपनी गन माहेरा की गाड़ी की तरफ पॉइंट की थी माहेरा को से निकलते देख उस ने चैन की सांस ली। माहेरा को ज़ख़्मी देख उसकी दिल की धड़कने बंद होने लगी थी। इससे पहेले की माहेरा बेहोश हो कर नीचे गिरती माज़ भागते हुए उसके पास आया और आगे बढ़ कर उसे अपनी बाहों में ले लिया। उसने माहेरा को अपनी बाहों में उठाया और भागता हुआ अपनी कार की तरफ आया। रामिश जल्दी से ड्राइविंग सीट पर बैठ गया। माज़ ने माहेरा को कार में ले कर आया तो रामिश ...और पढ़े

30

ज़िद्दी इश्क़ - 30

वोह सोई हुई थी जब सूरज की रौशनी हल्की हल्की उसके चेहरे पर पड़ने से उसकी आंख खुली। उसने लेनी चाही तो किसी चीज़ ने उसे रोज़ दिया। माहेरा ने धीरे से अपनी आंखे खोली तो उसकी नज़र सामने दीवार पर लगी घड़ी पर पड़ी जिसमे सुबह के आठ बज रहे थे। एक नज़र घड़ी पर देखने के बाद उसने अपने साथ लेटे माज़ की तरफ देखा जो उसे बाहों में लिए हुए सुकून से सो रहा था। उसने अपने सूखे होंठो को ज़ुबान से तर किया और उसका हाथ हटा कर उठ गई। उसने साइड टेबल से गिलास ...और पढ़े

31

ज़िद्दी इश्क़ - 31

रोज़ी रामिश और माहेरा इस वक़्त हॉस्पिटल रूम में बैठे माज़ को मनाने की प्लानिंग कर रहे थे। रामिश उसे बताया था माज़ थोड़ी देर के लिए मेंशन गया है जब वोह वापस आएगा तो वोह रोज़ी के साथ जा कर उसका काम कर देगा। वोह थोड़ी देर के लिए आंखे बंद करके लेट गयी। थोड़ी देर बाद उसे दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आयी और फिर माज़ की आवाज़ आयी जो रोज़ी को घर जाने के लिए कह रहा था। रोज़ी के जाने के बाद भी माहेरा ने अपनी आंखें नही खोली फिर उसे अपने माथे पर माज़ का ...और पढ़े

32

ज़िद्दी इश्क़ - 32

माहेरा ने धड़कते दिल के साथ अंदर कदम रखा लेकिन अंदर का मंजर दिल दहलाने वाला था। हर तरफ की बू फैली हुई थी और अंदर चार लोग खून से लथ पथ पड़े थे। फिर वोह थी और उसकी दिल दहला देने वाली चीखे। वोह भागते हुए उनके पास आ गयी, आज वोह अपने घरवालों से मिलने के बारे में सोच कर कितनी खुश थी लेकिन उसने कभी नही सोचा था कि कुछ ऐसा हो जाएगा। सामने उसके मॉम, डैड, कामवाली और सिक्योरिटी गार्ड की लाशें पड़ी थी। वोह अपना बैग फेंक कर अपने डैड के पास गई जिनके ...और पढ़े

33

ज़िद्दी इश्क़ - 33

मिलान, इटली: सलमान ने अपनी सारी पैकिंग कर ली थी और लीना के साथ अपने अपार्टमेंट बैठा मूवी देख था। वोह आज उसके साथ ही रुकने वाली थी इसीलिए सलमान ने दूसरा कमरा भी साफ करवा दिया था। उन दोनों ने थोड़ी देर बाते की और अपने अपने कमरों में चले गए। ..... सलमान नींद में था जब उसे अपने रूम में हलचल हुई वैसे भी उसकी नींद बहोत कच्ची थी। छोटी सी आवाज़ पर ही उसकी नींद खराब हो जाती थी। उसे लगा कोई उसके बेड के करीब आ रहा है। उसने अपने तकिये के नीचे डाला और ...और पढ़े

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ज़िद्दी इश्क़ - 34

किसी के मुंह हिलाने पर माहेरा ने अपनी सूजी हुई आंखे खोली। कोई आदमी उसके सामने खड़ा था। माहेरा ध्यान से देखा तो येह वही आदमी था जिसने उसे सबसे पहले थापड़ मारा था। "चलो लड़की जल्दी से खाना खाओ।" वोह उसका हाथ खोलता हुआ और उसके मुँह पर से टेप निकालते हुए बोला। माहेरा ने प्लेट में रखा दाल चावल देखा और चुप चाप खाने लगी क्योंकि वोह आदमी वही खड़ा था। खाना खाते हुए माहेरा का दिमाग भी चलने लगा था। उसने पानी का गिलास पकड़ा और जान बुझ कर नीचे गिरा दिया। वोह गिलास ज़मीन पर ...और पढ़े

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ज़िद्दी इश्क़ - 35

माज़ माहेरा को ले कर मेंशन में आया। वोह उसे बहो में उठाये हुए मेंशन के अंदर आया और हैरानी से आंखे खोले उसे ही देख रहा क्योंकि आज से पहेले उसने माज़ को किसी भी लड़की के करीब नही देखा था। माज़ ने माहेरा को सोफे पर लेटाया और डॉटर स्टेला को बुलाया। उसने सोफिया के घर से निकलते ही स्टेला को कॉल करके सब कुछ बता दिया था इसलिए वोह भी वहां पहोंच गयी थी। उसने माहेरा को चेक किया और फिर उसे इंजेक्शन लगा कर माज़ से बोली। "आप फिक्र ना करे येह बिल्कुल ठीक है ...और पढ़े

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ज़िद्दी इश्क़ - 36

"वैसे माहेरा मैं ने तुम्हारी ज़ुबान का बिरयानी से इलाज किया था।" माज़ उसे बिरयानी वाली बात याद दिलाते बोला। "हाहाहा....जिसमे मिर्चें नही थी।" माहेरा हस्ते हुए बोली तो माज़ का मुंह हैरानी से खुल गया। "रामिश भाई मेरी दोस्त प्लस भाभी कैसी है??" माहेरा ने अचानक से रामिश से पूछा। "रामिश तुम्हारी भी बीवी है?????" क्योंकि शेर खान ने अलीज़ा को बस माज़ की शादी के बारे में बताया था इसलिए रामिश कि शादी का सुनकर वोह हैरान होकर बोली। "जी मैम...वोह मैं ने भी माज़ के साथ ही शादी करली थी। वोह माहेरा की दोस्त है। कल ...और पढ़े

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ज़िद्दी इश्क़ - 37

"तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है।" रामिश ने मुस्कुराते हुए कहा। "क्या आप सच बोल रहे है??" सोफिया खुश होते बोली। "हां मेंशन जाने के बाद तुम्हे तुम्हारा सरप्राइज मिल जाएगा।" रामिश ने मुस्कुराते हुए कहा। उसने अन्नू के बारे में अभी सोफिया को नही बताया था। .......... माहेरा अलीज़ा के साथ बात करने के बाद अब हाल में बैठी रोज़ी से बाते कर रही थी और माज़ स्टडी रूम में सलमान के साथ बात कर रहा था। "रोज़ी मेरे लिए पास्ता बना दो मैं ने इंडिया में तुम्हारे हाथ के बने खाने को बहोत मिस किया। वोह इंडिया की ...और पढ़े

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ज़िद्दी इश्क़ - 38

"हम्म्म्म.....सारे आदमियो को तैयार करो हम अभी उसके मेंशन के लिए निकल रहे है।" माज़ ने जॉन से कहा वोह वहां से चला गया। "माहेरा मैं चाहता हु की तुम मॉम के साथ उनके कमरे में रो क्योंकि किसी को भी इस रूम के बारे में पता नही है और जल्दी ही अन्नू और सोफिया भी वहां आ जाएंगी और कुछ भी हो जाये तुम किसी को भी उस रूम से बाहर मत आने देना।" माज़ ने उसका चेहरा अपने हाथों में ले कर कहा। "मैं उसे खुद मारना चाहती हु माज़।" माहेरा उसकी बात सुनकर अपना सिर हिलाते ...और पढ़े

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ज़िद्दी इश्क़ - 39

"वाह....भाभी आप फिक्र न मरे आप बस मेरी शादी की तैयारियां करे, मैं कल ही उनको इटली बुलाने का करता हु।" सलमान खुश होते हुए बोला। माहेरा ने खुश होते हुए माज़ को देखा जो मुस्कुराते हुए उसे देख रहा था। माज़ के हाथ मे अब दर्द होने लगा था इसीलिए वोह सबको एक्सक्यूज करते हुए वहां से चला गया। माहेरा ने उसे जाते देखा तो उसे लगा वोह उससे नाराज़ हो गया है। वोह भी थोड़ी देर सबसे बात करने के बाद अपने कमरे में चली गयी और बाकी सब भी अपने कमरे में चले गए थे। .............. ...और पढ़े

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ज़िद्दी इश्क़ - 40 - हैप्पी एंडिंग

सैम साहब कुछ दिन पहेले ही रोम वापस आ गए थे और वोह अन्नू से मिल चुके थे। उन्हें तक यकीन नही हो रहा था अन्नू ज़िंदा है। फिर शेर खान ने उन्हें धमका कर ड्रग लेने से मना भी कर दिया था और साथ ही सोफिया की शादी का बता कर अन्नू का भी हाथ मांग लिया था जिसके लिए वोह फौरन तैयार हो गए थे। आज कल माहेरा बाकी सबक साथ शॉपिंग में बिजी थी। उसेवपता चला था शाहिद और ज़ाहिर के पेपर होने वाले है इसीलिए वोह इटली वापस नही आ सकते जिसे सुनकर वोह उदास ...और पढ़े

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