अंशिका के घर का सीन इतनी चिंता क्यों कर रही हो जो भी होगा अच्छा ही होगा मुझे पूरी उम्मीद है कि तुम्हारा बेस्ट रिजल्ट आएगा। मां लगातार बोले जा रही है, पर अंशिका की नजर अपने लैपटॉप स्क्रीन पर अटकी हुई है। मां-क्यों इतनी चिंता कर रही हो बेटा एक काम करती हूं गरम-गरम चाय ले आती हूं तुम्हारा भी दिमाग हल्का हो जाएगा और हमारी टेंशन भी थोड़ी कम हो जाएगी। अंशिका-मैं कब आप लोगों को टेंशन दे रही हूं मम्मी! मैं तो सिर्फ खुद को समझा रही हूं। मां किचन से चाय लेकर आते हुए...

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लबसना वाला प्यार - 1

अंशिका के घर का सीन इतनी चिंता क्यों कर रही हो जो भी होगा ही होगा मुझे पूरी उम्मीद है कि तुम्हारा बेस्ट रिजल्ट आएगा। मां लगातार बोले जा रही है, पर अंशिका की नजर अपने लैपटॉप स्क्रीन पर अटकी हुई है। मां-क्यों इतनी चिंता कर रही हो बेटा एक काम करती हूं गरम-गरम चाय ले आती हूं तुम्हारा भी दिमाग हल्का हो जाएगा और हमारी टेंशन भी थोड़ी कम हो जाएगी। अंशिका-मैं कब आप लोगों को टेंशन दे रही हूं मम्मी! मैं तो सिर्फ खुद को समझा रही हूं। मां किचन से चाय लेकर आते हुए... ...और पढ़े

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लबसना वाला प्यार - 2

जैसा कि हमने बताया कि अंशिका कहती है कि उसे अपने घर जैसा खाना तो कहीं भी मिल सकता पर इस गांव के खाने का मजा वह यहीं ले सकती है अगर उसे आज यह मौका मिला है तो वह इस मौके को गवाना नहीं चाहती। उसकी बातें सुनकर सभी लोग सोचने लगे कि बात तो सही है इतने में ही अंशिका का ऑर्डर तैयार होकर आ गया। बाकी लोगों का ऑर्डर तैयार होने में थोड़ा समय लगने वाला था अंशिका ने कहा कि क्यों ना आप लोग मेरे इस ऑर्डर को ट्राई कर लें जब तक आपका ऑर्डर ...और पढ़े

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लबसना वाला प्यार - 3

सुबह के 7:00 बज रहे थे कुछ लोग साइकिलिंग कर रहे थे तो कुछ योगा और कुछ अपने पैशन फोलो कर रहे थे। सुबह सुबह का टाइम था इसलिए अंशिका जानती थी कि ध्रुव उसे वही पहाड़ों के बीच नदी किनारे फोटोग्राफी करते हुए मिलेगा अंशिका धीरे धीरे चल कर ध्रुव के पास गई उसने ध्रुव से कहा हाय गुड मॉर्निंग। धु्व_ गुड मॉर्निंग, यहां कैसे। अंशिका-मैंने तुम्हें डिस्टर्ब तो नहीं किया। ध्रुव- नहीं नहीं ऐसा कुछ नहीं है मैं तो बस यूं ही.... एनीवे तुम्हें कुछ काम था। अंशिका- हां, एक्चुअली मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी थी। ...और पढ़े

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लबसना वाला प्यार - 4

इस दोस्ती यारी में कब 3 महीने निकल गए पता भी नहीं चला । आज अंशिका के सारे दोस्तों इस सेंटर और लबसना में आखिरी दिन था यह रात उनके इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए थी। बहुत से लोग अपनी नई जर्नी के लिए खुश थे तो कुछ अपने दोस्तों और बिताए हुए उन लम्हों को छोड़कर जाने के लिए दुखी थे यह बता पाना मुश्किल था कि आखिर अंशिका के दिमाग में क्या चल रहा है पर इशिका और बाकी सब लोग काफी दुखी थे। जितने भी लोग यही रुकने वाले थे उन्होंने जाने वाले सभी ...और पढ़े

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लबसना वाला प्यार - 5

सेकंड फेस की ट्रेनिंग शुरू हो चुकी थी सभी लोग अपनी तैयारी में लगे हुए थे इस फेज के कैंडीडेट्स को नई नई जगहों पर भेजा जाता है जहां वह अपने ज्ञान का धरातल पर उपयोग करते हैं अंशिका अगले 1 साल के दौरान पूरी तरीके से अपने आप को इस ट्रेनिंग में झोंक देना चाहती थी। पूरी तरह से वह ध्रुव और उसकी यादों से अपने आप को बाहर निकाल देना चाहती थी वह जानती थी कि उसके मन में ध्रुव के लिए जो प्यार है वह कभी खत्म नहीं होगा ना ही उसे वह मिटा सकती है ...और पढ़े

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लबसना वाला प्यार - 6

ध्रुवा अपने मन की बात अंशिका को बताना चाहता था पर इतने में ही अंशिका ने कहा कि उसे अपने घर के लिए निकलना होगा जब उसके दोस्तों ने पूछा कि अचानक ऐसा क्या हो गया तब अंशिका ने कहा कि पहले तुम मेरी फ्लाइट की टिकट बुक कर दो मैं अपना सामान पैक करती हूं मैंने सीनियर से बात कर ली है उन्होंने मुझे दो हफ्तों के लिए छुट्टी दे दी है । इतना कहकर वह तुरंत अपने हॉस्टल रूम की तरफ गई और वहां जाकर जल्दी से चेंज कर कर 15 मिनट में ही वह अपना सारा ...और पढ़े

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