ये एक एक शब्द इस कहानी को सार्थक करते है। ये कहानी है एक ऐसे आर्मी ऑफिसर की जो आदिवासी जाति से सम्बन्ध रखता था और अपनी मेहनत से उसने भारतीय आर्मी से जुड़ कर देश की सेवा करने का फैसला कर लिया था। रंजीत का सपना बचपन से देश के लिए कुछ कर गुजरने का था। गरीबी और भूख से लड़ने के बाद भी रंजीत के सपने कभी कमजोर नहीं पड़े। रंजीत का गाँव जंगल से काफ़ी करीब था और शहर से कोसों दूर जहाँ आज भी सुविधा का आभाव था। ऐसा इसलिए भी था क्योंकि आदिवासी समुदाय आज भी मुख्य धारा से जुड़ना नहीं चाहता था।

Full Novel

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नागमणि का अद्भुत रहस्य (भाग - 1)

"सहारा अपने देश का, आज ख़ुद बेसहारा हूँ, दोष किसे अब दू इसका, अपने लालच का मारा हूँ।। -"उर्वी"️ ये एक एक शब्द इस कहानी को सार्थक करते है। ये कहानी है एक ऐसे आर्मी ऑफिसर की जो आदिवासी जाति से सम्बन्ध रखता था और अपनी मेहनत से उसने भारतीय आर्मी से जुड़ कर देश की सेवा करने का फैसला कर लिया था। रंजीत का सपना बचपन से देश के लिए कुछ कर गुजरने का था। गरीबी और भूख से लड़ने के बाद भी रंजीत के सपने कभी कमजोर नहीं पड़े। रंजीत का गाँव जंगल से काफ़ी करीब था ...और पढ़े

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नागमणि का अद्भुत रहस्य (भाग - 2)

कुछ ही सेकंड मे रंजीत की आँखों के सामने अंधेरा छा गया और वो अपने होशो हवाश खो चूका जब रंजीत की आँख खुली तो ख़ुद को एक कुर्सी से मजबूती से बंधा हुआ एक बंद कमरे मे पाया, पूरे कमरे मे एक अजीब सी गन्ध आ रहीं थी। रंजीत को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था की वो इस समय कहाँ है लेकिन एक चीज उसे बखूबी समझ आ चुकी थी की उन नक्सलियों ने उसे बंदी बना लिया था। लेकिन क्यूँ? क्या चाहते थे वो रंजीत से? वो चाहते तो रंजीत को उसी समय मार सकते ...और पढ़े

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नागमणि का अद्भुत रहस्य (भाग - 3)

हिरवा और कोलवा ने बताया की इस जंगल में कई लोगों ने नागमणि देखें जाने का दावा किया है संदीपन को उसी नागमणि की तलाश है। इंटरनेशनल मार्किट में उस नागमणि की कीमत तक तय कर चूका था संदीपन, बस बाकी था तो उस नागमणि का हासिल करना।यह बात सुन कर रंजीत को अंदर ही अंदर बहुत हसी आयी, नागमणि जैसी कोई चीज भी होती है क्या। ये संदीपन का फितूर है और कुछ नहीं, जब कुछ समय में उसे कुछ हासिल नहीं होगा तब उसकी हालत देखने लायक होगी।पर अकेले में रंजीत में दिमाग़ में यह जरूर आता ...और पढ़े

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नागमणि का अद्भुत रहस्य (भाग - 4)

रंजीत की यह सोच बिलकुल सही थी की उसने दुश्मनों को पूरी तरह नष्ट कर दिया है, लेकिन उसके आगे क्या होना है उसे जरा भी भान नहीं था। सच भी था, आगे जो होने वाला था उनसे रंजीत की कोई दुश्मनी नहीं थी लेकिन फिर भी रंजीत ने ख़ुद उनसे दुश्मनी मोल ले ली। अब आगे.... रंजीत जंगल के रास्ते चलता जाता है बिना रास्ते के पता हुए, इस घने जंगल में और वो भी अँधेरी रात में रास्ता बुझना भी बड़ा कठिन काम है। रंजीत अब तक काफ़ी आगे आ चूका था फिर भी ना तो उसे ...और पढ़े

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नागमणि का अद्भुत रहस्य (भाग - 5)

रंजीत बस उस घने जंगल में बेतहाशा भाग रहा था और नाग उसका पीछा छोड़ने को बिलकुल तैयार नहीं रंजीत को ऐसा लगने लगा की शायद उसने अपने जीवन का सबसे बड़ा गुनाह कर दिया है और उस गुनाह की सज़ा देने स्वम् काल उसके पीछे पड़ गए हों। अब आगे..... "भटक रहे हैं दर-बदर, इन काली घनी रातों में, पाना है नागमणि को, हर मुमकिन हालातों में।।" -"उर्वी"️️ भागते भागते रंजीत के दिमाग़ में कोई ख्याल आया और उसने अपनी गति अचानक और बढ़ा दी। नाग और रंजीत के बीच फासला इतना बढ़ गया था की अब रंजीत ...और पढ़े

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नागमणि का अद्भुत रहस्य - अंतिम भाग

रंजीत की आँखे एक दम से बड़ी हो गयी, उसने देखा जंगल की तरफ से जलाशय तक बहुत से चलते चले आ रहे है। सभी साँपो ने आकर जलाशय को घेर लिया, रंजीत ने अपने कदम वापस खींच लिए। रंजीत ने देखा जलाशय के चारों तरफ अनेक प्रकार के साँप एकत्र हो चुके थे, कुछ तो ऐसी प्रजाति के साँप थे जिनके बारे में ना तो आज तक रंजीत ने कभी देखा और ना कभी सुना था। कहाँ से आ गए इतने साँप? क्या मणि वाले नाग ने उन्हें अपनी मदद के लिए उन्हें बुलाया था? क्या नाग ने ...और पढ़े

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