1. राक्षस का भाई भाक्षस --------- ये सारी लोक कहानियां हमारे गाँव के बजुर्ग हमें सुनाया करते थे ...उस समय हम बहुत छोटे होते थे ..तो आज मैं इन कहानियों को यहां आप सबके सामने प्रसतुत कर रहा हूं। यह कहानियां हमारी लोकभाषा में है जिसे पहाड़ी भाषा कहा जाता है।हिमाचल प्रदेश में हर गाँव की अपनी ही एक अलग बोली होती है ..जिसे पहाडी भाषा का नाम दिया जाता है।उनमें से प्रमुख :- कुल्लुवी,मंडयाली,किन्नौरी,कांगडी़,डाम्बरी,आदि है। इनमें से ज्यादा कहानियां मुझे मेरे छोटे मामा जी जिनका नाम श्री दिलेराम है उन्होंने सुनाई। मैं उम्मीद करता

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गाँवों की लोक कहानियां - 1

1. राक्षस का भाई भाक्षस ---------------------------------------------- ये सारी लोक कहानियां हमारे गाँव के बजुर्ग हमें सुनाया करते ...उस समय हम बहुत छोटे होते थे ..तो आज मैं इन कहानियों को यहां आप सबके सामने प्रसतुत कर रहा हूं। यह कहानियां हमारी लोकभाषा में है जिसे पहाड़ी भाषा कहा जाता है।हिमाचल प्रदेश में हर गाँव की अपनी ही एक अलग बोली होती है ..जिसे पहाडी भाषा का नाम दिया जाता है।उनमें से प्रमुख :- कुल्लुवी,मंडयाली,किन्नौरी,कांगडी़,डाम्बरी,आदि है। इनमें से ज्यादा कहानियां मुझे मेरे छोटे मामा जी जिनका नाम श्री दिलेराम है उन्होंने सुनाई। मैं उम्मीद करता ...और पढ़े

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गाँव की लोक कहानियां - 2 - राक्षस का भाई भाक्षस

गतांक से आगें:- जब वे दोनों अर्थात साहूकार का लड़का और ब्रह्माण का लड़का विश्राम करने के उठते है तो फिर वे दोनों शहर के तरफ जाने वाले रास्ते में आगे बढ़ते हुये अपनी यात्रा को शुरू कर देते है। कुछ दूरी तक चलने पर उन दोंनों को रास्ते में एक नगाड़ा मिलता है तो ब्राह्मण का लड़का उसे भी उठाकर अपने पास रख लेता है। इसी तरह से रास्ते पर चलते हुुये उन्हें साहींकांटा(शाही कांटा),जमूरा आदि समान मिलता है जिन्हें ब्राह्मण का लड़का उठाकर अपने पास रख लेता है। अब वे सभी समान को ...और पढ़े

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