मैथ्स टीचर एक स्टूडेंट को पूरी क्लास के सामने बुरी तरह से डांटते हुए । सोहन सर ( मैथ्स टीचर ) - ये क्या है नादिर.....???? तुम्हें समझ नहीं आता, कि ये क्लास 12th है । अभी तक तुमने जैसे भी मार्क्स लाए , मैंने तुम्हें कभी कुछ नहीं कहा । लेकिन अब....., अब तुम थर्ड टेस्ट में भी वही सेम बात दोहरा रहे हो , आउट ऑफ 20 में 5 मार्क्स से आगे तुम बढ़े ही नहीं हो। हद हो गई है ये नादिर....। अगले महीने ट्राइमेस्टर ( तिमाही परीक्षा ) हैं तुम्हारे , अगर यही पोजिशन रही तो बोर्ड एग्जाम कैसे क्विट ( पास करना ) कर पाओगे तुम...???? तुम्हारी ऐसी पढ़ाई से हर कोई परेशान है , तुम्हारे घर वाले भी और हम टीचर्स भी । कब समझोगे , कि ये सेशन कितना जरूरी है तुम्हारे लिए...???? पूरी लाइफ डिपेंड करती है , तुम्हारे इस सेशन की पढ़ाई पर । क्यों समझ नहीं आता तुम्हें...??? तुम इस क्लास के सबसे गधे बच्चे हो । हर बार लास्ट से फर्स्ट आते हो तुम ।

Full Novel

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मार्क्स - Season-1 - भाग - 1

मैथ्स टीचर एक स्टूडेंट को पूरी क्लास के सामने बुरी तरह से डांटते हुए । सोहन सर ( मैथ्स ) - ये क्या है नादिर.....???? तुम्हें समझ नहीं आता, कि ये क्लास 12th है । अभी तक तुमने जैसे भी मार्क्स लाए , मैंने तुम्हें कभी कुछ नहीं कहा । लेकिन अब....., अब तुम थर्ड टेस्ट में भी वही सेम बात दोहरा रहे हो , आउट ऑफ 20 में 5 मार्क्स से आगे तुम बढ़े ही नहीं हो। हद हो गई है ये नादिर....। अगले महीने ट्राइमेस्टर ( तिमाही परीक्षा ) हैं तुम्हारे , अगर यही पोजिशन रही तो ...और पढ़े

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मार्क्स - Season-1 - भाग - 2

घर में कदम रखते ही नादिर की नजरें एक जगह ठिठक गईं और मन डर से भर गया । सहमे हुए कदमों से घर के अंदर आया और सोफे के सामने उसे उसके पिता, बड़े - बड़े कदमों से गुस्से से भरे हुए चहल कदमी करते दिखे । उसकी मां , नादिर के पिता को समझा रही थीं, कि शांत रहें और समझदारी से काम लें । शायद अब तक नादिर के टेस्ट का रिजल्ट घर तक भी पहुंच गया था । आते हुए नादिर की नजरें सिर्फ अपने मां बाप पर थी । तभी उसके पिता की नज़र ...और पढ़े

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मार्क्स - Season-1 - भाग - 3

अगले 1 महीने में नादिर ने बहुत मेहनत की और उसकी हेल्प सुहाना ने की । नादिर दिन रात पढ़ाई करता और सुबह स्कूल अटेंड करता। टाइम पर कोचिंग जाता, साथ ही टाइम पर घर आता। वह वक्त भी नजदीक आ गया जब नादिर सुहाना के ट्राइमेस्टर थे । फर्स्ट एग्जाम के दिन नादिर बहुत डर रहा था, उसके हाथ-पांव फूल रहे थे यह सोचकर कि वह अच्छे से एग्जाम पास कर पाएगा या नहीं। हर बार की तरह कहीं इस बार भी उसकी मेहनत बेकार ना चली जाए, वह फिर से कहीं फेल ना हो जाए। नादिर अपने ...और पढ़े

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मार्क्स - Season-1 - भाग - 4

स्कूल की छुट्टी की बेल लगने पर , सुहाना जल्दी - जल्दी अपना सामान समेटने लगी , क्योंकि उसे से बात करनी थी , पूछना था कि वह इतना चुप - चुप सा क्यों है । इधर नादिर ने जैसे ही बेल सुनी , तुरंत अपना बैग उठाया और बिना किसी से कुछ कहे क्लास से बाहर निकल गया । सुहाना आगे बैठती थी और नादिर पीछे । जब तक अपना बैग लेकर सुहाना नादिर के ओर गई, तब तक नादिर पीछे के डोर से तेज़ी चला गया । सुहाना उसके पीछे गई और उसे खूब आवाज़ दी , ...और पढ़े

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मार्क्स - Season-1 - भाग - 5

नादिर चुप - चाप नदी के किनारे घंटो बैठा रहा । तभी उसे अपने दोस्तों की हंसने की आवाज़ । नादिर ने उस तरफ देखा , और अपने क्लास मेट्स को देखकर वह उनकी तरफ चला गया । नादिर की इस वक्त जो मानसिकता थी , उसमें वह ये भूल चुका था कि क्या सही और क्या गलत। वो जनता था कि उसके ये दोस्त गलत हैं , लेकिन तब भी वह उनकी तरफ गया । नादिर जब वहां पहुंचा , तब उसके दोस्त ताश खेल रहे थे । साथ में उनके पास तरह - तरह की नशे की ...और पढ़े

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मार्क्स - Season-1 - भाग - 6 - अंतिम भाग

सुहाना का अब कॉलेज का फर्स्ट सेमेस्टर कंप्लीट हो चुका था और सेकंड सेमेस्टर रनिंग में था । नादिर अपनी बीमारी के चलते अपनी डेढ़ साल की पढ़ाई से वंचित ही रह गया । नादिर अब पूरी तरह से ठीक हो गया था । हॉस्पिटल से चेकअप करवाकर घर आने के बाद , उसके मां बाप ने उसे बहुत प्यार दिया और अपनी गलती भी मानी । नादिर उसके गले लगा और उनसे कहा । नादिर - आप दोनों मेरे जन्मदाता है , आपका मेरे सामने माफी मांगना मुझे शर्मीदगी महसूस करवा रहा है । आप लोगों ने जो ...और पढ़े

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