नि.र.स. --------------------------------------------------- क्या तुम्हे पता है कि - गर तुम कुछ ना कहो, ना लिखो, ना ही मेरी हकीकत में हो, तो मै नि.र.स. हो जाता हूँ। ---------------------------------------------------

Full Novel

1

नि.र.स.

नि.र.स. --------------------------------------------------- क्या तुम्हे पता है कि - गर तुम कुछ ना कहो, ना लिखो, ना ही मेरी हकीकत में हो, तो मै हो जाता हूँ। --------------------------------------------------- ...और पढ़े

2

नि.र.स. - 2 - एक प्यार का एहसास

नि.र.स. - एक प्यार का एहसास ---------------------------------------------------------------- ये गुमशुदा लेखनी लिखती मेरी कलम, किसी की यादें, बातें, व से गिर कागज पर स्याही बन, देख नि.र.स. नि:शब्दता को शब्द दे जाती हैं।।... ...और पढ़े

3

नि.र.स. - 3 - यादों का सफर

नि.र.स. - यादों का सफर --------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- बस ताउम्र तलाशता रहा, कि कोई तो वजह होगी। र.स. से मै नि.र.स. हो गया, इसकी भी तो कोई वजह होगी।। --------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- ...और पढ़े

4

नि.र.स. - 4 - एहसास हमारा, जिक्र तुम्हारा

नि.र.स. - एहसास हमारा, जिक्र तुम्हारा ---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- Dedicate to my Pen ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- गर हो इस प्यार से, तो कलम से लिख एहसास को, गर एहसास नि.र.स. हो जाए, तो नि.र.स. की स्याही ना हो। ...और पढ़े

5

नि.र.स. - 5 - इंतजार - एक लम्बा सफर

नि.र.स. - इंतजार - एक लम्बा सफर --------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- Dedicate to my Pen --------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- नज्मे १. के सवाल - जवाब २. हवा नें दखल दी ३. मै क्या लिखूँ?४. बहुत देर तक५. मै, तुम और उलझन६. मै खफा हूँ, बस बेवजह हूँ७. एक अंजान सफर --------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- प्यार के सवाल - जवाब उसने अगर पूछ लिया, कि तुम कितना प्यार करते हो? तो हम धरा क्षितिज से, गगन धुरी तक गहरा प्यार बता देंगे।। उसने अगर पूछ लिया, कि तुम इतना क्यो प्यार करते हो ? तो हम आँखो के नम से, उसको रूह तक समाई दिखा देंगे।। उसने अगर ...और पढ़े

6

नि.र.स. - 6 - कलम के किरदार

नि.र.स. - कलम के किरदार -------------------------------------------------------------------------------------------------- Dedicate to my pen -------------------------------------------------------------------------------------------------- नज्में १. खुद की तलाश२. अंहकार की कलम३. तो हमें आता ही नहीं४. मुझे कौन जाने५. उलझे हुए सवाल६. ये डर क्यो है?७. कलम के किरदार ८. क्या ये अंधेरा मेरा है?९. मेरी कलम से कुछ मांग तो१०. ये नग्में आपके है -------------------------------------------------------------------------------------------------- खुद की तलाश खुद को बनाने बैठा था "मै"। "पर", न जाने कितने रिश्ते खो गए।। और गर रिश्तो "पर" आश लिए बैठा रहता। तो "मै" का वजूद, शायद खो सा जाता।। "मै" का स्वालंभी होना गर गलत है, तो ...और पढ़े

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