आज मैं कोई कहानी नही बल्कि एक ऐसी सच्ची घटना के बारे में लिख रहा हूं जिसका प्रमाण वो ख़ुद है जो किसी और कि एक अनजाने में हुई गलती का परिणाम एक श्राप के रूप में आज भी भुगत रहा है। कोई सोच भी नही सकता कि एक श्राप ऐसा भी हो सकता है। ये घटना कुछ लम्बी हो सकती है पर मेरी पूरी कोशिश यही है कि इस घटना को कहानी की बजाय मैं अपने शब्दों के माध्यम से आप सभी को लाइव दिखाऊँ। एक एक घटनाक्रम आपकी आंखों के सामने चलचित्र की भांति चलता महसूस हो। इसलिए कृपया धैर्य के साथ मेरा साथ दें यकीन मानिए ये घटना आपको सोचने के लिए मजबूर कर देगी...कि ऐसा भी हो सकता है ?

Full Novel

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अघोरी का शाप - 1

आज मैं कोई कहानी नही बल्कि एक ऐसी सच्ची घटना के बारे में लिख रहा हूं जिसका प्रमाण वो है जो किसी और कि एक अनजाने में हुई गलती का परिणाम एक श्राप के रूप में आज भी भुगत रहा है। कोई सोच भी नही सकता कि एक श्राप ऐसा भी हो सकता है। ये घटना कुछ लम्बी हो सकती है पर मेरी पूरी कोशिश यही है कि इस घटना को कहानी की बजाय मैं अपने शब्दों के माध्यम से आप सभी को लाइव दिखाऊँ। एक एक घटनाक्रम आपकी आंखों के सामने चलचित्र की भांति चलता महसूस हो। इसलिए ...और पढ़े

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अघोरी का शाप - 2

वो थी तो पंचर की दुकान पर वँहा दिन भर जमघट लगा रहता। जिसमे गांव के बड़े बुज़ुर्ग भी थे। मुझे बाबा के बारे में पता करने के लिए वही जगह मुफ़ीद लगी। अपनी साइकिल बनने को देकर मैंने वंही बैठे एक बहुत उम्रदराज दिख रहे बुज़ुर्ग से यूँ ही बाबा की बात छेड़ दी। ************************************ और फ़िर वही हुआ जो हम सोच भी नही पा रहे थे....पर आजकल ऐसा भी होता है यकीन नही हो रहा था, पर उस बुज़ुर्ग के कहने के अनुसार ये बिल्कुल सच था और उनके सामने की घटना थी वो। और इस घटना ...और पढ़े

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अघोरी का शाप - 3

कुछ देर तक उन दोनों को निहारने के बाद वो अघोरी एक भयानक खरखरती तेज आवाज़ में आदेशित अंदाज़ उनसे बोला...हर हर महादेव...जल पिला मुझे। उस की आवाज़ इतनी अजीब थी जैसे कोई जानवर की गुर्राहट हो। उस आवाज़ ने बाबा के माँ बाप को और भी दहशत में डाल दिया। बाबा के पिता ने तुरंत ही उस अघोरी को हाथ जोड़ प्रणाम किया और बिना कुछ बोले कांपते हाथों से कुंए में लगी बाल्टी में पानी भरकर उस अघोरी की ओर बढ़ाया। बाबा की माँ कुएं की जगत की ओट से उस अघोरी को देख रही थी। उसे ...और पढ़े

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अघोरी का शाप - 4

शायद बाबा के बाप और विनती का असर अघोरी पर पड़ा और वो अपनी उसी गुर्राहट भरी आवाज़ में "तूने मुझे जल पिलाया है, मेरी प्यासी आत्मा को तृप्त किया है इसलिए मैं तेरा ऋणी हो गया हूँ , तेरे इस उपकार के बदले मैं तेरी विनती को मान कर अपने श्राप का असर कम तो कर सकता हूँ पर वापस नही ले सकता।" ऐसा मत कहो महाराज, हम अभागों पर दया करो, ये हमारी पहली संतान है और अगर ये ही मंदबुद्धि या किसी और कमी से ग्रसित हुई तो हमारा क्या होगा, उसका भी भविष्य दुखदायी होगा ...और पढ़े

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अघोरी का शाप - अंतिम

समय के साथ साथ वो सब भूल गयी। बाबा के पिता ने भी उसे कुछ भी न बताया और भी अपनी गृहस्थी में रमने की कोशिश करने लगा। उस अघोरी को वो कभी नही भूला था और न ही उसकी कही बातों को। वो हमेशा अंदर से डरा ही रहता अपने आने वाले बच्चे के बारे में सोच कर पर इसे नियति का खेल मानकर अपने को झूठी तसल्ली देता रहता। सही समय पर बालक ने जन्म लिया और धीरे धीरे सभी बच्चों की तरह ही बड़ा होने लगा वो पूरी तरह स्वस्थ और बुद्धिमान था। पर जैसे ही ...और पढ़े

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