संग विज्ञान का - रंग अध्यात्म का

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इस लेख श्रृंखला में , हम एक ऐसे विषय से परिचित होने की कोशिश करेंगे जो बहोत ही मौलिक एवं सहज होने के साथ साथ प्रत्येक मनुष्य के जीवन से जुड़ा हुआ होने के बावजूद समाज में इसके बारे में बहोत ही सिमित जानकारी उपलब्ध है | इस विषय का नाम है "मेटाफिजिक्स"(तत्वमीमांसा) |

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संग विज्ञान का - रंग अध्यात्म का - 1

मेटाफिजिक्स इस लेख श्रृंखला में , हम एक ऐसे विषय से परिचित होने की कोशिश करेंगे जो ही मौलिक एवं सहज होने के साथ साथ प्रत्येक मनुष्य के जीवन से जुड़ा हुआ होने के बावजूद समाज में इसके बारे में बहोत ही सिमित जानकारी उपलब्ध है | इस विषय का नाम है "मेटाफिजिक्स"(तत्वमीमांसा) | आज सोशियल मीडिया, तस्वीरें और सेल्फी का युग है | बड़े कैमरे का उपयोग धीरे धीरे म|नो अतीत की बात होती जा रही है | एक से बढ़कर एक केमेरा मोबाइल में ही उपलब्ध है| विभ्भिन फीचर्स वाले फोटो एडिटर्स भी प्राप्य है जो ...और पढ़े

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संग विज्ञान का - रंग अध्यात्म का - 2

ओरा, कुण्डलिनी, नाड़ी लेखांक १ में मेटाफिजिक्स और ोरा (Aura)के बारे में कुछ चर्चा हुई [ आगे से पहले इस लेखमाला में आगे क्या आने वाला है, इस के बारे में कुछ जानकारी लेते है [ 'विज्ञानं की आँखों से, अध्यात्म के पंखो पर' शीर्षक के अंतर्गत गुजराती में Aura, कुंडलिनी, नाड़ी और ७ चक्रो के बारे में विस्मय, सृजन, अध्यात्म लिमिटेड १० और कुछ अन्य डिजिटल मैगज़ीन के माध्यम से यह लेखमाला करीबन ५ लाख से भी अधिक लोगों तक पहुंची है l 'चक्रसंहिता' नामक गुजराती पुस्तक (जो अभी प्रिंट में है) इन सब लेख और अन्य बहुत ...और पढ़े

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संग विज्ञान का - रंग अध्यात्म का - 3

नाड़ीतंत्र प्रथम दो लेखांक दौरान ओरा (Aura) और कुँडलिनी के बारे में चर्चा हुईl नाड़ि के बारे प्राथमिक बात हुई कि जैसे बिजली, रेडियो या लेसर तरंगे अदृश्य होने के बावजूद भी अस्तित्वम में है और प्रवाहित है उसी तरह से प्राणशक्ति का प्रवाह नाड़िओं के माध्यमसे बहता रहता है| नर्वस सिस्टम स्थूल शरीरमें है जब कि नाड़ीतंत्र प्राणशरीर में स्थित है| एक बहुत ही विशाल, जटिल और प्रकृति ही जिसकी रचना कर सकती है ऐसे व्यवस्थित नाड़ीतंत्र के नेटवर्क द्वारा ऊर्जाका प्रवाह शरीर के प्रत्येक अंग एवं कोष में पहुंचता रहता है| इस हप्ते हम ...और पढ़े

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संग विज्ञान का - रंग अध्यात्म का - 4

चक्र: जीवन यात्रा के सप्त सूर ऑरा, कुंडलिनी और नाड़ी के बारे में चर्चा हुई. अब चलते हैं यात्रा पर l चक्रों के बारे में चर्चा शुरू करने से पहले एक बात समझ लेते हैं lजीवन के तीन पहलू हैं; तन, मन और आत्मा. ये तीनो पहलू सात चक्रो से ही संबंधित हैं. संपूर्ण स्वास्थ्य, दूसरे शब्दों में बताये तो कोई भी रोग, हर प्रकार की भावनाएं और अध्यात्म - सब कुछ कोई न कोई चक्र से जुड़ा हैl इस लिए चक्रों के बारे में माहिती होना, उन्हें संतुलित रखना अति आवश्यक है l गुजराती में प्रसिद्द ...और पढ़े

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संग विज्ञान का - रंग अध्यात्म का - 5

5: मूलाधार चक्र – चक्र व्यवस्था का आधारस्तंभ किसी भी प्रकार की साधना जाने-अनजाने में हो रही चक्रयात्रा है। तो चले इस यात्रा पर ... आरंभ करते हैं मूलाधार चक्र से। चक्रयात्रा का प्रथम चरण है, मूलाधार चक्र। वैकल्पिक नाम, शरीर में स्थान, रंग, तत्त्व, बीजमंत्र सबसे नीचे, नींव का चक्र है 'मूलाधार चक्र'। इसे Root Chakra या Base Chakra भी कहा जाता है। स्थूल शरीर में जहाँ दो पैर जुडते हैं उस भाग को, गुदाद्वार एवं जननेन्द्रिय के बीच स्थित भाग (जिस स्थान से भीम ने जरासंघ के दो टुकड़े किए थे वह हिस्सा, जिसे सीवनी, अँग्रेजी ...और पढ़े

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