ऐसा कुछ नहीं हैं, मैं सिर्फ इतना जानती हूं कि वो मेरा बिता हुआ कल था... ठीक हैं जवानी में प्यार कर लिया उसकी ज़िन्दगी में हादसा होना था हो गया... मैं अब उसे भूल चुकी हूं. रीटा ने नेहा से झुंझलाह भरे शब्दों मे कहां था. नेहा- ये कैसी बातें कर रही हैं तूँ... पिछले 3 साल तुम लोगों ने एक दूसरे को प्यार करके निकाले हैं आज वो अपनी आंखे खो चुका हैं तो तूँ इतना बदल जायेगी ये मैंने सोचा नहीं था... मैं तो तुझसे इतना कहने आयी थी आज पूरे एक साल होने को हैं आज ही के दिन उसका एक्सीडेंट हुआ था... उस वक़्त तू भी उसके साथ ही थी... देख वो आज भी तेरा इंतज़ार कर रहा हैं... आज वेलेंटाइन डे हैं कम से कम आज तो उसे विष कर दें...?

Full Novel

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वेलेंटाइन डे...! - 1

वेलेंटाइन डे...!ऐसा कुछ नहीं हैं, मैं सिर्फ इतना जानती हूं कि वो मेरा बिता हुआ कल था... हैं जवानी में प्यार कर लिया उसकी ज़िन्दगी में हादसा होना था हो गया... मैं अब उसे भूल चुकी हूं. रीटा ने नेहा से झुंझलाह भरे शब्दों मे कहां था.नेहा- ये कैसी बातें कर रही हैं तूँ... पिछले 3 साल तुम लोगों ने एक दूसरे को प्यार करके निकाले हैं आज वो अपनी आंखे खो चुका हैं तो तूँ इतना बदल जायेगी ये मैंने सोचा नहीं था... मैं तो तुझसे इतना कहने आयी थी आज पूरे एक साल होने को हैं आज ...और पढ़े

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वेलेंटाइन डे...! - 2

पार्ट-2रीटा गार्डन में आती हैं जो कवर्ड हैं... कुछ मरीज और उनके परिजन हरी हरी और रंग बिरंगियों की में लोग अपने आप को तरों ताज़ा कर कर रहें हैं.. रीटा की नजर पेड के पास लगी बेंच पर पड़ती हैं जहां एक शख्स बैठा गिटार पर धुन छेड़ रहा हैं जिस धुन को सुन कर रीटा यहां तक खींची चली आई थी...रीटा रोहन के पीछे की तरफ उसके करीब आ कर ख़डी हो जाती हैं.रोहन गिटार बजाने में मगन हैं.. मंद मंद ठंडी हवा मानो बज रहें गिटार की धुन पर आठखेलिया कर रही हो... तभी रोहन को ...और पढ़े

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वेलेंटाइन डे...! - 3

पार्ट -3रोहन सडक के किनारे बाइक रोकता हैं...रीटा - यहां क्यों रोक दी तुमने बाइक ..?रोहन - अब जाना को इसी रास्ते से सीधा हैं कितना आगे से जाकर गाड़ी घुमा कर लानी पड़ेगी... और फिर वापस जाना पड़ेगा तुम यही रुको मैं यू गया और यूं आयारीटा बाइक से उतरती हैं रोहन भी बाइक का साइड स्टेण्ड लगते हुए उतरता हैं..रोहन - तुम यही रुको में अभी आता हूंऔर रोहन रोड क्रास करते हुए सडक के दूसरी तरफ जाता हैं रीटा उसे खुश होकर जाते हुए देखती हैं...गाड़िया रोड के दोनों तरफ से आ जा रही हैं...रीटा रोहन ...और पढ़े

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वेलेंटाइन डे...! - 4

पार्ट -4रात हो चली थी... अस्पताल की चहल कादमी दिन से कम पर वरकरार थी...रोहन बेड पर लेटा हुआ कुछ सोच रहा है...मुकुंद दूसरे बेड पर दूसरी तरफ करबट के बल लेटा हैं तभी रोहन मुकुंद से पूछता है रोहन- कल 3 तारीख हैं ना मुकुंद..?मुकुंद - हा भईया कल 3 जानबरी हैं... क्यों क्या हुआ भईया...?रोहन - कुछ नहीं बस ऐसे ही क्या तुम जरा वो मेरा ब्लैक फाइल फोल्डर निकाल कर दोगे..मुकुंद फ़ौरन उठते हुएमुकुंद- हा भईया एक मिनट अभी देता हूंऔर मुकुंद बेग मेसे फाइल फोल्डर निकलता हैं और रोहन को लाकर देता हैंमुकुंद - ये लो ...और पढ़े

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वेलेंटाइन डे...! - 5

पार्ट -5दूसरे दिन रीटा मेन गेट पर ख़डी हैं और गार्ड से रोहन के वार्ड में जानें के लिए से रिक्वेस्ट कर रही हैं वही गार्ड रीटा को वहां के नियमों को उसे बता रहा हैं...गार्ड - मैडम जी ये प्राइवेट वार्ड हैं... मैं इस बारे में आपको कोई भी जानकारी नहीं दे सकता जब तक पेसेंट या पेसेंट के घर वाले नहीं कहते.रीटा - अच्छा आप इतना तो बता सकते हैं क्या यहां कोई रोहन मखीजा नाम का कोई हैं क्या...?गार्ड -मेडम ऐसे तो मैं किसी रोहन मखीजा को नहीं जानता.. आप वेबजह मेरा समय बर्वाद कर रही हैं... ...और पढ़े

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वेलेंटाइन डे...! - 6 - अंतिम भाग

पार्ट - 6तीस दिन बाद रीटा- क्या मैं अपने हसबेंड को देख सकती हूं...?डॉ. अभी नहीं 24 घंटे बाद आप उन्हें दूर से देख सकती हैं... सब ठीक रहा अपना ख्याल रखियेगा....ओके टेक केयर..इतना कह कर डॉ. वहां से चला जाता हैं... रीटा अपने दोनों हाथ जोड़ कर ईश्वर का धन्यवाद करती हैं जैसे ही अपनी आंखे खोलती हैं तो उसके सामने मुकुंद खड़ा हैं..उसके हाथ में एक एनवलप हैं मुकुंद- (दोनों हाथ जोड़ कर) नमस्ते..मेडम..!रिया- (रिया आश्चर्य से ) जी नमस्ते.....! लेकिन मैंने आपको पहचाना नहीं..?मुकुंद एन वलप देते हुएमुकुंद- ये रोहन भईया ने आपको देने को कहां था.रीटा - ...और पढ़े

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