हकीकत इस शब्द से महज सभी लोग पीछा छुड़ाते हैं। कोई नहीं जानना चाहता हकीकत को। सभी लोग आंखों को बंद करके जीना चाहते हैं और जीते भी हैं। पूरा जीवन उस बिल्ली कि तरह जीते हैं जो दूध पीते वक्त आंख बंद कर लेती है और समझती है कि उसे कोई नहीं देख रहा। ये उसका भ्रम होता है न कि हकीकत! लोग अपने स्वार्थ के लिए किसी भ्रम को ही हकीकत मान लेते हैं और उसी के सहारे जीवन गुजार देते हैं। क्षमा कीजिए आप लोग सोच रहे होंगे कि ऐसा कौन सा हकीकत
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हकीकत वास्तविकता - 1
हकीकत इस शब्द से महज सभी लोग पीछा छुड़ाते हैं। कोई नहीं जानना चाहता हकीकत को। सभी लोग आंखों बंद करके जीना चाहते हैं और जीते भी हैं। पूरा जीवन उस बिल्ली कि तरह जीते हैं जो दूध पीते वक्त आंख बंद कर लेती है और समझती है कि उसे कोई नहीं देख रहा। ये उसका भ्रम होता है न कि हकीकत! लोग अपने स्वार्थ के लिए किसी भ्रम को ही हकीकत मान लेते हैं और उसी के सहारे जीवन गुजार देते हैं। क्षमा कीजिए आप लोग सोच रहे होंगे कि ऐसा कौन सा हकीकत ...और पढ़े
हकीकत वास्तविकता - 2
जीवन में “हकीकत" शब्द बहुत मायने रखता है। क्योंकि यदि आप अपने जीवन में हकीकत अथवा वास्तविकता को स्थान हैं तो आप कभी दुखी या भयभीत नहीं रह सकते। क्योंकि बहुत लड़ाइयां हकीकत को छुपाने की वजह से होती हैं और बहुत सी अनबन हकीकत ना जानने की वजह से होती है। क्योंकि अधिकांश होता कुछ और है और हम मान कुछ और लेते हैं। और लोग वास्तविकता तभी छिपाते हैं जब उसमें उन्होंने ही कोई गलत काम किया हो। और उस छिपाने के ...और पढ़े
हकीकत की हकीकत - 3
कहा जाता है! कि इंसान गलतियों का पुतला होता है। और यदि कोई गलती नहीं करेगा तो सभी भगवान बन जायेगें। अतः हर किसी से गलती होना तो स्वाभाविक है। हर कोई जीवन में गलतियां करता है। क्योंकि गलतियों से ही इंसान कुछ सीखता है। मगर जो इंसान गलतियों से सीख लेने के बजाय उन्हें छिपाने लग जाए फिर वो जीवन में कुछ सीखने लायक नहीं रह जाता। वह हमेशा भयभीत बना रहता है। उस सदा यही डर रहता है कि ...और पढ़े