पराये स्पर्श का एहसास

(26)
  • 26.2k
  • 9
  • 8.3k

सब सहकर्मियों के जाने के बाद सुमित्रा ने राहत की सांस ली थी।वह अभी भी अपने को यहाँ के वातावरण के अनुसार नही ढाल पायी थी।सब लोगो की उपस्थिति में उसे आफिस का माहौल बोझिल सा लगता था।मर्दों के बीच उसे परायेपन का एहसास होता।ऐसा महसूस करती मानो अनजान,अजनबी लोगो के बीच आ फसी हो।मर्दो के सामने स्वंय को उपेक्षित सा महसूस करती।इसलिए ऑफिस खाली हो जाने के बाद वह सकून सा महसूस कर रही थी। ऑफिस के लोगों ने नियम बना रखा था।10 बजे के बाद आना और 5 बजे से पहले चले जाना।और लोग चाहे जब आये,

Full Novel

1

पराये स्पर्श का एहसास(भाग 1)

सब सहकर्मियों के जाने के बाद सुमित्रा ने राहत की सांस ली थी।वह अभी भी अपने को यहाँ के के अनुसार नही ढाल पायी थी।सब लोगो की उपस्थिति में उसे आफिस का माहौल बोझिल सा लगता था।मर्दों के बीच उसे परायेपन का एहसास होता।ऐसा महसूस करती मानो अनजान,अजनबी लोगो के बीच आ फसी हो।मर्दो के सामने स्वंय को उपेक्षित सा महसूस करती।इसलिए ऑफिस खाली हो जाने के बाद वह सकून सा महसूस कर रही थी। ऑफिस के लोगों ने नियम बना रखा था।10 बजे के बाद आना और 5 बजे से पहले चले जाना।और लोग चाहे जब आये, ...और पढ़े

2

पराये स्पर्श का एहसास(भाग 2)

सुमित्रा की भाभी सचिवालय में थी।फिर भी उसे अपनी ननद की एडहॉक पर नौकरी लगाने के लिए काफी बेलने पड़े थे।काफी भागदौड़ और सिफरिश के बाद वह अपनी ननद को सुप्रिण्डेन्ट इंजीनयर ऑफिस में स्टेनो की नौकरी दिला पायी थी।तीन महीने पहले सुमित्रा इस ऑफिस में आयी थी।मझले कद,सांवले रंग और तीखे नेंन नक्श की दक्षिण भारतीय युवती के रूखे बाल और उदास निगाहे उड़की सुंदरता में निखार ला रहे थे।आफिस मे कोई ऐसा नही था,जो उसको देख कर प्रभावित न हुआ हो।सबने ऑफिस मे आये रूप के वासन्दित झोंके को भरपूर ललचाई नज़री से जी भरकर देखा था।ऑफिस ...और पढ़े

3

पराये स्पर्श का एहसास(अंतिम भाग)

ऑफिस में काम करने वाली औरतो का बॉस यौन उत्पीड़न करते है।औरतो को नौकरी बचाये रखनेव के लिए चाहे समर्पण करना पड़ता है।आज उसे लग रहा था।जो उसने सुना सही था।तभी तो न चाहते हुए भी उसे बॉस के साथ आना पड़ा था।वह साथ आ तो गई थी,लेकिन जहाँ तक समर्पण का सवाल है। चाहे जो हो जाये, वह समर्पण नही करेगी।चाहे उसे नौकरी छोड़नी ही क्यों न पड़े।सुमित्रा सोच विचार में खोई थी,तभी कार होटल के कंपाउंड में आकर रुकी थी।"कम ऑन,"कार से उतरते हुए बॉस बोले थे।बॉस की आवाज सुनकर सुमित्रा यंत्र चालित गुड़िया की तरह कार ...और पढ़े

अन्य रसप्रद विकल्प