फरार वो १९८६ का दौर था जब अंडरवर्ल्ड का बड़ा भाई, उस पावरफुल नेताजी सरकार के कहने पर दुबई भाग गया उसके बाद मुंबई के अंडरवर्ल्ड में खलबली मच गयी. हर छोटा गैंगस्टर भाई की जगह लेना चाहता था, वैसे हे एक गैंगस्टर था गन्या शिंदे उर्फ सुपारी भाई, गन्या का बाप पहले मुंबई के गोदी में स्मगलिंग के गिरोह में काम करता था, और बाप के एनकाउंटर में मर जाने के बाद उसके बेटे गन्या के मन में सरकार के खिलाफ गुस्सा भर गया और वो भी बड़े भाई के गिरोह में शामिल हो गया, उसका काम था

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फरार

फरार वो १९८६ का दौर था जब अंडरवर्ल्ड का बड़ा भाई, उस पावरफुल नेताजी सरकार के कहने दुबई भाग गया उसके बाद मुंबई के अंडरवर्ल्ड में खलबली मच गयी. हर छोटा गैंगस्टर भाई की जगह लेना चाहता था, वैसे हे एक गैंगस्टर था गन्या शिंदे उर्फ सुपारी भाई, गन्या का बाप पहले मुंबई के गोदी में स्मगलिंग के गिरोह में काम करता था, और बाप के एनकाउंटर में मर जाने के बाद उसके बेटे गन्या के मन में सरकार के खिलाफ गुस्सा भर गया और वो भी बड़े भाई के गिरोह में शामिल हो गया, उसका काम था ...और पढ़े

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फरार - 2

फरार वो १९८६ का दौर था जब अंडरवर्ल्ड का बड़ा भाई, उस पावरफुल नेताजी सरकार के कहने दुबई भाग गया उसके बाद मुंबई के अंडरवर्ल्ड में खलबली मच गयी. हर छोटा गैंगस्टर भाई की जगह लेना चाहता था, वैसे हे एक गैंगस्टर था गन्या शिंदे उर्फ सुपारी भाई, गन्या का बाप पहले मुंबई के गोदी में स्मगलिंग और शराब के गिरोह में काम करता था, और बाप के एनकाउंटर में मर जाने के बाद उसके बेटे गन्या के मन में सरकारी व्यवस्था के खिलाफ गुस्सा भर गया और वो भी बड़े भाई के गिरोह में शामिल हो गया, ...और पढ़े

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