सीप में बंद घुटन.... ज़किया ज़ुबैरी (ब्रिटेन) (1) आज वह घुट रही थी कि रवि चुप क्यों है---!! जब रवि की बड़ी बड़ी शरबती आँखों में शीला की गहरी काली काली आँखों ने झाँका था तो रवि ने अपनी आँखें ऐसे बंद करली थीं जैसे उसने शीला के पूरे वजूद को अपनी लम्बी लम्बी पलकों वाली आँखों में समां लिया हो....उसको अपने साए में सुरक्षित कर लिया हो....मोती को सीप में बसा लिया हो हमेशा के लिए..! उस शाम दोनों उस पार्टी में आँखों ही आँखों में एक दूसरे से बातें करते रहे - बिलकुल लेज़र लाइट की तरह एक दूसरे का पीछा करते रहे. जैसे ही शीला चुपके से उसकी ओर देखने की हिम्मत करती वो एकदम से अपनी नज़रों

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सीप में बंद घुटन.... - 1

सीप में बंद घुटन.... ज़किया ज़ुबैरी (ब्रिटेन) (1) आज वह घुट रही थी कि रवि चुप क्यों है---!! जब की बड़ी बड़ी शरबती आँखों में शीला की गहरी काली काली आँखों ने झाँका था तो रवि ने अपनी आँखें ऐसे बंद करली थीं जैसे उसने शीला के पूरे वजूद को अपनी लम्बी लम्बी पलकों वाली आँखों में समां लिया हो....उसको अपने साए में सुरक्षित कर लिया हो....मोती को सीप में बसा लिया हो हमेशा के लिए..! उस शाम दोनों उस पार्टी में आँखों ही आँखों में एक दूसरे से बातें करते रहे - बिलकुल लेज़र लाइट की तरह एक दूसरे का पीछा करते रहे. जैसे ही शीला चुपके से उसकी ओर देखने की हिम्मत करती वो एकदम से अपनी नज़रों ...और पढ़े

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सीप में बंद घुटन.... - 2 - अंतिम भाग

सीप में बंद घुटन.... ज़किया ज़ुबैरी (ब्रिटेन) (2) “अब मेरा यही काम रह गया है कि मै तेरा जी मज़दूरी तू करेगा..?.तेरे पेट का नरख कौन भरेगा..?” एयर कन्डीशन कमरे मे गदीले क़ालीन कि तह जूतों के नीचे दबाकर बैठे बैठे चाय और कॉफ़ी के साथ सिगरेट का धुआं उड़ाते और घंटी बजा बजा कर लम्बी गोरी सुनहरे बालों वाली और काली पतली कमर वाली.... आगे पीछे से गोल गोल शरीर वाली सेक्रेट्रियों को बार बार कमरे मे बुलाकर ख़िदमत करवाने को दामोदर मज़दूरी करना कहता था. पर बोलता ऐसे था जैसे...सीधा झोपड़पट्टी से उठ कर आया हो. शायद वो आख़िरी दिन था ...और पढ़े

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