आज ही हरिद्वार से देहरादून आया हूँ। सच में देहरादून की खूबसूरती के बारे में जितना सुना है उससे कहीं ज्यादा खूबसूरत जगह है यह। रास्ते भर प्रकृति की सुंदरता देखता आया पर यहाँ इस पुलिस क्वार्टर में देख रहा हूँ कि सारा सामान बिखरा पड़ा है और सफर की वजह से एक भी सामान रखने का मन नहीं हो रहा है यूँ तो मेरे सारे काम करने के लिए रामू काका हैं पर अपने कुछ काम तो करने ही हैं, खैर अब तो आदत सी हो गई है सामान रखने और समेटने की। क्या करें एस. पी. की जॉब

नए एपिसोड्स : : Every Friday

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मुझे याद रखना - 1

आज ही हरिद्वार से देहरादून आया हूँ। सच में देहरादून की खूबसूरती के बारे में जितना सुना है उससे ज्यादा खूबसूरत जगह है यह। रास्ते भर प्रकृति की सुंदरता देखता आया पर यहाँ इस पुलिस क्वार्टर में देख रहा हूँ कि सारा सामान बिखरा पड़ा है और सफर की वजह से एक भी सामान रखने का मन नहीं हो रहा है यूँ तो मेरे सारे काम करने के लिए रामू काका हैं पर अपने कुछ काम तो करने ही हैं, खैर अब तो आदत सी हो गई है सामान रखने और समेटने की। क्या करें एस. पी. की जॉब ...और पढ़े

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मुझे याद रखना - 2

" मुझे याद रखना " इतना कहकर वह गायब हो गई और यह सुनते ही मैं बुरी तरह से लगा और उस घने अंधेरे में भी मेरी आँखों के आगे अंधेरा छा गया और मैं बेहोश हो गया। मुझे होश आया तो देखा कि मैं हॉस्पीटल में हूँ और सामने अमन और रागिनी खड़े हुए हैं, मेरे बगल वाले बैड पर अर्जुन सोया हुआ है और उसके पैर पर प्लास्टर लगा हुआ है। मैंने अमन से पूछा " अर्जुन ठीक है न? और मुझे क्या हो गया था और वो कहा गई? " तो अमन बोला " सर अर्जुन ...और पढ़े

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मुझे याद रखना - 3

अब मेरी हालत ऐसी थी कि कमरे में मैं रुक नहीं सकता था और बाहर मैं जा नहीं पा था, दरवाजा अभी तक नहीं खुल रहा था। कल के सफर और आज की थकान के कारण कुछ देर बाद मैं करवट करके सो गया। 3 बज रहे थे जब दोबारा मेरी किस्मत मेरे साथ खेलने लगी। मुझे लगा जैसे कोई मेरे पीछे बैठा है, पर जब मेंने पीछे मुड़कर देखा तो कोई भी नहीं था। मैं दोबारा लेट गया और सोचने लगा आखिर मैंने इस चुड़ैल का क्या बिगाड़ा है जो यह हाथ धोकर मेरे पीछे पड़ गई है। ...और पढ़े

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मुझे याद रखना - 4

वह चुड़ैल हवा में उड़कर मेरी कार के बोनेट पर बैठ गई और बिना देर किए उसने काँच तोड़ और एक झटके में ड्राइवर का सिर धड़ से अलग कर दिया, और फिर एक ही झटके में उसके खून की एक एक बूँद पी गई। इतना सब देखने के बाद मैं जड़ हो गया था, मैंने सोचा आज तो मेरा मरना तय है और अगर आज मरना ही है तो क्यों न बचने की आखिरी कोशिश कर लूँ। यह सोचकर मैंने मंदिर की तरफ भागना शुरू किया और अब मुझे मंदिर न सिर्फ दिख रहा था बल्कि मैं मंदिर ...और पढ़े

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मुझे याद रखना - 5

अचानक से मेरेे फोन पर कॉल आया.....पुजारी जी का फोन था..... मैंने रिसीव किया तो वो बोले " बेटा महात्मा जी से तुम्हारे बारे में बात कर ली है उन्होने कहा है कि जितने भी लोगों को उस चुड़ैल ने देखा है, सब जल्द से जल्द आ जाओ। " " ठीक है पुजारी जी मैं सबके साथ आता हूँ। "मैंने फोन रखा और सबको बता दिया कि " हम सबको आज ही देहरादून के लिए निकलना होगा। "मैंने इतना कहा ही था कि मेरे हाथ में बहुत तेज दर्द हुआ और खून निकलने लगा जैसे किसी ने कील चुभा ...और पढ़े

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मुझे याद रखना - 6

मैं - पर बाबा इस सब में मैं कैसे फंस गया मैं अभी तक नहीं समझ पा रहा हूँ। आख्या और विश्वास राव इन सब से मेरा क्या नाता?महात्मा जी - बेटा तुम इतने अधीर क्यों हो रहे हो? सब्र रखो सब सच जान जाओगे। मैं - बाबा आगे क्या हुआ? बाबा ने कहा मैं अधीर न बनू पर उस चुड़ैल के दर्शन अब तक इतनी बार हो गए थे कि मैं अधीर बन ही गया। महात्मा जी - धारा और आख्या की मौत के बाद विश्वास राव ने बमुश्किल खुद को संभाला और डायनों से गाँव वालों को ...और पढ़े

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