हूँ तो ढिंगली, नानी ढिंगली (1) शुभम अपार्टमेंट्स के कम्पाउण्ड में हमेशा कोई ना कोई रहता है और कुछ नहीं तो ऊँघता सा चौकीदार ही अपने केबिन में बैठा बाहर झांकता रहता है. उस दिन तो बिल्डिंग में भीमा शाह की बेटी की शादी थी. सुबह ही सबकी कारें बाहर पार्क करवा कर टेंट लगाकर, कुर्सियां लगाकर, मंडप बना दिया गया था. कोने वाली मेज़ पर वर व वधू पक्ष के एक एक रिश्तेदार अपना कागज व पेन लेकर चांदला [शादी की भेंट के रुपये या गिफ़्टस ] लेने के लिए बैठे थे, उधर मंडप में शादी की रस्मे चल
Full Novel
हूँ तो ढिंगली, नानी ढिंगली - 1
हूँ तो ढिंगली, नानी ढिंगली (1) शुभम अपार्टमेंट्स के कम्पाउण्ड में हमेशा कोई ना कोई रहता है और कुछ तो ऊँघता सा चौकीदार ही अपने केबिन में बैठा बाहर झांकता रहता है. उस दिन तो बिल्डिंग में भीमा शाह की बेटी की शादी थी. सुबह ही सबकी कारें बाहर पार्क करवा कर टेंट लगाकर, कुर्सियां लगाकर, मंडप बना दिया गया था. कोने वाली मेज़ पर वर व वधू पक्ष के एक एक रिश्तेदार अपना कागज व पेन लेकर चांदला [शादी की भेंट के रुपये या गिफ़्टस ] लेने के लिए बैठे थे, उधर मंडप में शादी की रस्मे चल ...और पढ़े
हूँ तो ढिंगली, नानी ढिंगली - 2
हूँ तो ढिंगली, नानी ढिंगली (2) "शु करवानु?"उन्होंने भी उसाँस ली थी. सामने की बेंच पर बैठी जाड़ी [मोटी बेन आँखें नचाकर बोल पड़ी थी, "मासी दुखी मत हो ज़रूर अपने ब्वाय फ्रेंड के साथ भाग गई होगी. आ जायेगी घूम घाम कर. " ` `तमे शू वात करो छो ?एटली वधी नानी छोकरी एम कर शके ?" [ तुम क्या बात करती हो?इतनी छोटी बच्ची ऎसा कर सकती है ? ] "सौरी -- सांचु छे. " जल्पा अपने बच्चे को गाड़ी में घुमा रही थी, उदास चेहरे से इनके पास आ गई और बोली, "दुनिया भर से बहुत ...और पढ़े
हूँ तो ढिंगली, नानी ढिंगली - 3 - अंतिम भाग
हूँ तो ढिंगली, नानी ढिंगली (3) दिन घिसट रहे हैं, रेंग रहे हैं ---जैसे हेतल के आँसू. कब तक स्कूल ना जाती ?कब तक वह् मीडिया के सामने नहीं आती ?उसे भी लग रहा है वह् कैमरे के सामने अपना दुःख बाँटकर थोड़ी तो हल्की हो गई है. लोग इस दुःख को लोकल टी वी चैनल्स, यू ट्यूब में देखकर दुःख से और सराबोर हो रहे हैं --कैसे हेतल बेन रो रो कर अपने दुपट्टे से आँखें पोंछती अपनी बेटी को याद कर रही है ---तडप रही है, हिचकी भरते हुए क्रोधित हो रही है, इतने पुलिस वाले एक ...और पढ़े