इस पुस्तक में उपयोग सभी किरदार सिर्फ शब्दो को बया करने के लिए उपयोग किये गए है उपयोगी किरदार का तालुख किन्ही मतभेदों को उत्पन्न करने के लिए नही किया गया है उपयोगी जानकारी काल्पनिक है जो मनुष्यो की सोच में प्रभाव उत्पन्न करने का प्रयत्न है जिससे दलितों के प्रति उनका स्वभाव परिवर्तन हो। पारंपरिक, पौराणिक मान्यताओं वाला एक कुँआ है। जिसमे कई वर्गों के लोग प्रवास करते हैं। इन सभी को देखने के लिए नजरिया भी निर्धारित किये गये है। छत्रिय, ब्राह्मण, दलित,..!इस कुएं में सिर्फ उच्च वर्ग वाले लोग को ही पानी मे उतारने का ही
नए एपिसोड्स : : Every Tuesday
दलित एक सोच - 1
इस पुस्तक में उपयोग सभी किरदार सिर्फ शब्दो को बया करने के लिए उपयोग किये गए है उपयोगी किरदार तालुख किन्ही मतभेदों को उत्पन्न करने के लिए नही किया गया है उपयोगी जानकारी काल्पनिक है जो मनुष्यो की सोच में प्रभाव उत्पन्न करने का प्रयत्न है जिससे दलितों के प्रति उनका स्वभाव परिवर्तन हो। पारंपरिक, पौराणिक मान्यताओं वाला एक कुँआ है। जिसमे कई वर्गों के लोग प्रवास करते हैं। इन सभी को देखने के लिए नजरिया भी निर्धारित किये गये है। छत्रिय, ब्राह्मण, दलित,..!इस कुएं में सिर्फ उच्च वर्ग वाले लोग को ही पानी मे उतारने का ही ...और पढ़े
दलित एक सोच - 2
जिससे राजा जी संदेह मे पड गए कि एक दलित के बेटे को कैसे मैं सम्मान दे सकता हु बात से राजा जी काफी देर तक विचार करते रहे उस दौरान राजा जी ने अपने एक चालाक मंत्री को बुलाया, और उसे इस बात से अवगत कराया।मंत्री ने भी विचार किया और एक चतुर समाधान निकाला ,जिससे “साँप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे”,इनाम वितरण का समय भी पास आ गया था और राजा जी रामकुमार को भी उसके दलित होने का एक क्रूर प्रदर्शनी से अवगत कराने वाले थे। कार्यक्रम अपने अंतिम चरण में था परुस्कार ...और पढ़े