आज की दुनियां में किसी समझदार व्यक्ति से किसी भूत-प्रेत, चुड़ैल, डायन के विषय मे बात करो तो वह सामने वाले शख्स को सनकी या अंधविश्वासी करार दे देता है।वहीं दूसरी तरफ किसी ऐसे शख्स से पूछिए जो ऐसे वाक्ये से गुजर चुका हो तो वो आपको अपने और उस खौफ़नाक घटना के अनुभव को बड़ी ही बेबाकी से आपको सुनाते है बशर्ते सामने वाले को उसकी बातों पर विश्वास करना ही पड़ेगा।लेकिन यकीन मानिए आज भी इन आत्माओं का वर्चस्व कायम है, बस अंतर इतना रह गया है कि यह अब शहर से दूरस्थ इलाके,जहां आवाजाही कम हो, बाग-बगीचे,
Full Novel
चुड़ैल का इंतकाम - भाग - 1
आज की दुनियां में किसी समझदार व्यक्ति से किसी भूत-प्रेत, चुड़ैल, डायन के विषय मे बात करो तो वह वाले शख्स को सनकी या अंधविश्वासी करार दे देता है।वहीं दूसरी तरफ किसी ऐसे शख्स से पूछिए जो ऐसे वाक्ये से गुजर चुका हो तो वो आपको अपने और उस खौफ़नाक घटना के अनुभव को बड़ी ही बेबाकी से आपको सुनाते है बशर्ते सामने वाले को उसकी बातों पर विश्वास करना ही पड़ेगा।लेकिन यकीन मानिए आज भी इन आत्माओं का वर्चस्व कायम है, बस अंतर इतना रह गया है कि यह अब शहर से दूरस्थ इलाके,जहां आवाजाही कम हो, बाग-बगीचे, ...और पढ़े
चुड़ैल का इंतकाम - भाग - 2
वह जैसे जैसे आगे बढ़ रही थी एक विशेष किस्म की तीव्र खुश्बू भी बढ़ती जा रही थीं अगले सेकण्ड्स में अब वह उसके सामने थी। उसकी मौजूदगी का एहसास वह मनमोहक मादकता भरी सुगंध करवा रही थी। इस से पहले इतनी अच्छी खुश्बू उसने अपनी ज़िंदगी मे कभी नहीं सूंघी थी। इस खुश्बू को जैसे जैसे वह सूंघता जा रहा था खुद पर से नियंत्रण खोता चला जा रहा था।मानो जैसे यह खुश्बू उस पर कोई जादू कर रही हो। अगले पल जयन्त की नजर उस काले साये पर पड़ी तो वह यह देखकर प्रफुल्लित हो जाता है ...और पढ़े
चुड़ैल का इंतकाम - भाग - 3
उसने आव देखा न ताव मोटरसाइकिल को फेरारी की इंजन की तरह भगाता हुआ हनुमान चालीसा पढ़ने लगा। "जय ज्ञान गुण सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजगर।राम दूत अतुलित बलधामा, अंजनी पुत्र पवन सुतनामा।।" अब वह उस अजनबी हसीना के गांव से काफी आगे आ चुका था।उसके मन मे अभी भी ख्याल आया रहे थे कि-"आखिर वह औरत कौन थी? अचानक उसे ऐसा क्या जो गया जो मुझे पीछे पलटकर देखने को मजबूर कर रही थी? क्या वह सच मे चुड़ैल या कोई बुरा साया था जैसा कि एक दफे दादा जी का भी सामना हुआ था? जिस तरह ...और पढ़े
चुड़ैल का इंतकाम - भाग - 4
उसने अपने मुंह से चुडैल शब्द निकाले ही थे कि उसने देखा कि सड़क के किनारे पीपल का पेड़ वहां उसे कोई आकृति दिखाई दी। "ओह्ह मैं तो खामखां ही डर गया था। शायद उस औरत को शौच लगी हो इस वजह से उधर जा रही हो। बेचारी शर्म के मारे मुझ से कुछ कह न पाई हो और दुपट्टे के गिरने का बहाना बनाया ताकि मैं बाइक रोक सकूँ।" यह कहने के साथ उसने अपनी खोपड़ी को हल्के से अपने हथेली से मेरी और उसके वापिस आने का इंतजार करने लग गया।जब काफी देर तक वह महिला लौट ...और पढ़े
चुड़ैल का इंतकाम - भाग - 5
यह खबर पढ़ते के साथ जयन्त वहां से सीधे भागता हुआ अपने कमरे में आ जाता है और अंदर कुंडी लगाकर उसने अपने आपको घर के अंदर ही कैद कर लिया। 3-4 दिन बीत गए लेकिन अभी तक उसके दिमाग में सिर्फ एक ही सवाल आ रहा था कि.... वह उस दिन बारात में क्यो गया?चलती हुई बाइक से वह चुडैल कैसे गायब हुई? वह चाहता तो राजीव की जान बचा सकता था। मगर....! लेकिन यह सपना एक रात का नहीं था बल्कि यह कहानी अब हर रोज और हर रात की बन चुकी थी हर रात को यहीं ...और पढ़े
चुड़ैल का इंतकाम - भाग - 6
यह सुनते ही उसकी माँ वहीं रुक गई और उसने पीछे ना देखते हुए कार के रियर व्यू मिरर देखा उसे वहां कोई भी औरत नजर नहीं आई। यह देखते ही वह समझ गई कि जयन्त बिल्कुल सच सच कह रहा है। "तो तुमदोनो नहीं मानोगे? तुम्हारा हाल भी उसी कलश की तरह होगा। मैं करती हूँ गाड़ी रोको नहीं तो पीछे देखो।" उस चुड़ैल की बात सुनते ही जयन्त ताव में आ जाता है क्योकिं आज वह अकेले नहीं था, उसके साथ उसकी माँ भी थी। जयन्त गुस्से में बोलता है- "तुझे जो करना है कर ले। मैं ...और पढ़े
चुड़ैल का इंतकाम - भाग - 7 (अंतिम भाग)
अचानके चुड़ैल जोर जोर से हंसने लग जाती है। हंसते हंसते फिर रोने लग जाती है। थोड़ी देर में वह शांत हुई तो बोलती है- "मेरा नाम मेहजबीन शेख है। मैं यहां से 150 किलोमीटर दूर स्थित किशनपुर में रहती थी। 21 वर्ष पहले मेरे जन्म होने के कुछ दिनों बाद ही मेरे वालिद मुझे और मेरी अम्मी को छोड़ कर पड़ोस की एक महिला नुसरत बानो के साथ भाग कर दुबई चले गए। मेरी अम्मी ने मेरा लालन पालन बड़ी ही ज़िम्मेदारी से किया। वो सिलाई, कढ़ाई के काम मे निपुण थी। मैं अपनी अम्मी की इकलौती संतान थी। ...और पढ़े