फेसबुक और तीन प्रेमी युगल

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“इधर फेसबुक पर बने रहना एक फैशन हो गया है। मैं भी उस फैशन का शिकार हूँ। बच्चों और बीवी के साथ समय न बिताकर इस वर्चुअल कम्युनिटी सेंटर पर अपना समय बिताता हूँ। यह ग़लत है, मगर क्या कीजिए एक लत है। जिस तरह धूम्रपान और शराब की आदत होती है, उसी तरह ऑनलाइन रहना की भी एक व्यसन है”, डॉ. कोठारी शहर के जाने-माने मीडिया विशेषज्ञ थे। विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में आज ‘वर्चुअल दुनिया और हमारा समाज’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया था। डॉ. कोठारी के अतिरिक्त, मनोवैज्ञानिक डॉ. इला त्रिपाठी एवं शिक्षाविद डॉ. प्रेमशंकर उपाध्याय जैसे कुछ महत्वपूर्ण वक्ता इस विषय पर अपने विचार अभी रखनेवाले थे। कार्यक्रम की रूपरेखा में स्वयं आर्ट्स फैकल्टी के डीन डॉ. शिवशंकर श्रीवास्तव ने पूरी रुचि ली थी।

Full Novel

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फेसबुक और तीन प्रेमी युगल - 1

“इधर फेसबुक पर बने रहना एक फैशन हो गया है। मैं भी उस फैशन का शिकार हूँ। बच्चों और के साथ समय न बिताकर इस वर्चुअल कम्युनिटी सेंटर पर अपना समय बिताता हूँ। यह ग़लत है, मगर क्या कीजिए एक लत है। जिस तरह धूम्रपान और शराब की आदत होती है, उसी तरह ऑनलाइन रहना की भी एक व्यसन है”, डॉ. कोठारी शहर के जाने-माने मीडिया विशेषज्ञ थे। विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में आज ‘वर्चुअल दुनिया और हमारा समाज’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया था। डॉ. कोठारी के अतिरिक्त, मनोवैज्ञानिक डॉ. इला त्रिपाठी एवं शिक्षाविद डॉ. प्रेमशंकर उपाध्याय जैसे कुछ महत्वपूर्ण वक्ता इस विषय पर अपने विचार अभी रखनेवाले थे। कार्यक्रम की रूपरेखा में स्वयं आर्ट्स फैकल्टी के डीन डॉ. शिवशंकर श्रीवास्तव ने पूरी रुचि ली थी। ...और पढ़े

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फेसबुक और तीन प्रेमी युगल - 2

डॉ. इला त्रिपाठी ने आगे अपनी मनोवैज्ञानिक व्याख्या जारी रखी, “मित्रो, कई बार समाज के कुछ ग़लत तत्व फेसबुक फेक अकाउंट खोलकर आपको प्रलोभित करते हैं, अपने आकर्षण में आपको फाँसते हैं, आपका ई-मेल माँगते हैं और फिर क्रमशः एक अश्लील दुनिया की ओर आपका प्रस्थान होने लगता है। तमाम बंदिशों में जीनेवाले हमारे समाज में यह उन्मुक्तता आपको अच्छी लगने लगती है मगर तत्जन्य उपजी विभिन्न विकृतियाँ धीरे-धीरे आपके अंदर घर करने लगती हैं और किसी ड्रग-एडिक्ट की तरह आप उसके नियमित प्रयोक्ता हो जाते हैं। इसे एक स्वस्थ मानसिकता के लिए सही नहीं माना जा सकता।” ...और पढ़े

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फेसबुक और तीन प्रेमी युगल - 3 - अंतिम पार्ट

कोई नौ वर्षों बाद .... मनीष और मेघना की दोस्ती टूट चुकी थी। मेघना ने कई बार मनीष से शादी बात की मगर हर बार कभी करिअर तो कभी परिवार के नाम पर वह शादी की बात टालता रहा। मेघना को शक हुआ कि मनीष उसकी कोमल भावनाओं का दुरुपयोग कर रहा है। धीरे-धीरे उसने मनीष से दूरी बनानी शुरू कर दी। इस बीच मनीष ने उसे वापस अपने झाँसे में लाने की कई कोशिश की मगर वह नाकामयाब रहा। कुछ चिढ़कर तो कुछ उसे दुबारा अपने गिरफ़्त में लाने की कोशिश में उसने मेघना के साथ खींचे अपने अंतरंग चित्र और वीडियो फेसबुक की वॉल पर शेयर कर दिए। बस फिर क्या था! पूरे शहर में हड़कंप मच गया। इस बार मेघना को कोई सख़्त उठाना ज़रूरी लगा। मनीष के प्रति उसके मन में रही-सही भावना भी अब मर चुकी थी। ...और पढ़े

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