हीर... - 22

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कभी कभी किसी किसी इंसान की जिंदगी में कुछ ऐसे मोड़ आ जाते हैं जिनके चक्रव्यूह में उलझकर वो इंसान सही और गलत का डिसिजन नहीं ले पाता है, यहां तक कि अगर वो इस बात को महसूस भी करले कि परिस्थितियों के भंवर में फंसकर वो कुछ गलत कर रहा है और उसे ऐसा नहीं करना चाहिये तब भी... उसे वो रास्ता नज़र नहीं आता जिसपर चलकर वो खुद को संभाल सके या उन परिस्थितियों से खुद को बाहर निकाल सके और इन्हीं बातों के फेर में वो उस चक्रव्यूह में और जादा उलझता चला जाता है ठीक वैसे