रेत होते रिश्ते - भाग 12 ( अंतिम भाग )

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जोसफ नादिर से मेरा परिचय बिना किसी शक-शुबहे के परवान चढ़ गया। मैं एक विशुद्ध कारोबारी ग्राहक के तौर पर ही उससे कई बार मिल लिया था और वह अब मेरे प्रति पूर्ण आश्वस्त था। अपने गैरकानूनी और अमानवीय धन्धे के कई पहलू उसने मेरे सामने बेझिझक रख दिये थे। अपनी ओर से कोई विशेष जानकारी दिये बिना मैं उसके बारे में काफी कुछ जान लेने में कामयाब हो गया था। जोसफ एक पुराना खिलाड़ी था जो लगभग दो-तीन दशकों से इन गतिविधियों में लगा हुआ था। विज्ञापन एजेन्सी, ट्रेवल एजेन्सी और फोटोग्राफी की आड़ में उसका और उसके साथी