रेत होते रिश्ते - भाग 6

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सारा ट्रैफिक रुका हुआ था। उसे व्यवस्थित किया जा रहा था। काली सदन से लेकर नरीमन पॉइण्ट के सिरे तक सडक़ पर ढेर सारे पुलिस के आदमी खड़े थे। कई गाडिय़ाँ इधर-उधर गश्त लगा रही थीं। मुख्य गेट से लगभग पौन किलोमीटर के क्षेत्र में पार्किंग की जगह बिलकुल भर गयी थी और अब देर से आने वाले लोग काली सदन से काफी दूर गाडिय़ाँ खड़ी कर-करके पैदल ही आ रहे थे। ट्रैफिक वालों का काम भी पूरी मुस्तैदी से चल रहा था। बम्बई शहर की लगभग सभी साहित्यिक हस्तियाँ इस समय काली सदन का ही रुख किये हुए थीं।