ये तुम्हारी मेरी बातें - 8

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पिछले भाग में.." भाभी जी, आप बैठिए मुझे ज़रूरी काम से बाहर जाना पड़ेगा, एक मुवक्किल को टाइम दे रक्खा था अभी याद आया। प्रतिमा वो फाइल निकाल दो चलकर जल्दी से, चलो प्लीज़।" " कौन सी फाइल?" प्रतिमा ने अभिषेक को घूरते हुए पूछा।" वही लाल पीली वाली! उठो ज़रा दे दो ना।" बिनती भरे सुर से अभिषेक प्रतिमा को आवाज़ लगाता कमरे में चला गया।" वकील बाबू की मदद कर दो प्रतिमा, उन्हें देर हो जायेगी तो नुकसान हो जायेगा , जाओ। मेरा अपना ही घर है। बैठी हूं मैं। जाओ जल्दी।"अब आगे.......कमरे के अंदर पहुंचते ही नज़ारा