कुंडली भाग्य-3*****************पिछले भाग में.... " सीधे मुंह बात नहीं कर सकते , तो जाओ मुझे भी कोई शौक नहीं तुमसे मुंह जोरी करने का ।" " मुझे तो है शौक! जब तक तुम्हारी जली कटी ना सुन लूं, मुझे नॉर्मल फील नहीं होता ! शादी के पहले क्या ही सुकून भरी जिंदगी थी, जब से शादी हुई है, सुकून का एक पल भी मिल जाए तो काटने को दौड़ता है, लगता है कौन सी गलती कर बैठा हूं जो तुम शांत हो! तूफान के पहले की शांति सी महसूस होने लगती है तुम्हारी चुप्पी!" " तुम्हारी बातें बिना क्वेश्चन मार्क