जिन्नजादी 14चिट्ठी पढ़ने के बादएक पल के लिए युसूफ अली यकीन ही नहीं होता।इतने सालों से जो उसके साथ रह रही थी।इंसान ना होकर एक जिन्नजादी थी।सच्चाई जानकर युसूफ अली को हिना पर बहुत गुस्सा आता है।वह गुस्से से पागल होकरकमरे में रखी चीजों कोइधर-उधर फेंकने लगता।शोर-शराबा सुनकर घर के बाकी लोग भी युसूफ अली के कमरे में दाखिल हो जाते हैं।नवाज हुसैन युसूफ अली को कहता हैक्या हुआ बेटा तुम इतनी गुस्से में क्यों हो ?युसूफ अली रो-रोकर सारी सच्चाई अपने घर वालों को बता देता है।सच्चाई सुनकर घर वाले भी हैरान हो जाते हैं।लेकिन बसेरा उसे कहती हैबेटा