चरित्रहीन - (भाग-16)

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चरित्रहीन.......(भाग-16)संडे को नीरज शाम को जब हमारे घर आया तब आरव घर पर ही था। मैंने नीरज और आरव को मिलवाया। आरव पहले भी मिल चुका था नीरज से जब मैंने घर पर पार्टी दी थी......आरव कुछ देर तो नीरज के पढाई से रिलेटिड सवालों का जवाब देता रहा और मैं चाय बना कर ले आयी। आरव के आस पड़ोस में कुछ दोस्त बन गए थे तो उनसे मिलने चला गया। उसके जाने के बाद मैंने नीरज से पूछा, "क्या बात करनी थी तुम्हें मुझसे? अब बताओ"....! मेरा सीधा ही बात के बारे में पूछने से नीरज थोड़ी सोच में