कभी रुपाली के मन में ख़्याल आता कि अजय उसका इतना अच्छा दोस्त है, क्या वह उसके साथ ऐसा छल कर सकता है? अंततः रुपाली ने यह निश्चय कर लिया कि वह इस विषय में प्रियांशु से ही साफ़-साफ़ बात करेगी। उसने प्रियांशु को फ़ोन लगाकर कहा, "प्रियांशु आज शाम को फ़िल्म देखने चलो ना?" "हाँ रुपाली तुम्हारी इच्छा सर आँखों पर और क्या हुकुम है बोलो?" "उसके बाद बाहर ही डिनर करेंगे, ठीक है" "और कुछ?" "बस और कुछ नहीं।" शाम को फ़िल्म देखने के बाद वे दोनों डिनर के लिए निकले। प्रियांशु