दोपहर में आर्यन जब आगोश की गाड़ी वापस लौटाने के लिए उसके घर गया तो वह गाड़ी से उतरा नहीं, बस बाहर से ही ज़ोर- ज़ोर से हॉर्न बजाता रहा। कुछ देर तक तो किसी का भी ध्यान नहीं गया पर कुछ देर बाद भुनभुनाता हुआ आगोश अपने कमरे से निकल कर बाहर आया। उसे बेहद झुंझलाहट हो रही थी। उसे लगा, न जाने कौन सिरफिरा था जो बाहर से ही हॉर्न बजा कर नाक में दम किए दे रहा था। उसने सोचा ये डैडी भी न जाने कैसे- कैसे लोगों को सिर चढ़ा लेते हैं.. आया होगा कोई अफलातून,