टापुओं पर पिकनिक - 8

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सबका मूड बदल गया। कहां तो सब ये सोच कर आए थे कि एक रात मम्मी- पापा के संरक्षण और नियंत्रण से दूर दोस्तों के साथ फुल मस्ती करेंगे। टीन एज में अपनी एंट्री को एन्जॉय करेंगे लेकिन यहां तो सब उल्टा- पुल्टा ही हो गया। मनन तो अभी तक रह- रह कर रट लगाता था कि- यार घर चलें। नींद भी आ रही थी उसे। साजिद उस लम्हे को सोच कर अब भी सिहर जाता था जब अनजान लड़की अंधेरे में उसके सामने बैठी थी और वो कपड़े उतारने जा रहा था। पल भर की देर में न जाने