मेरी पगली...मेरी हमसफ़र - 8

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प्रीत छत पर पहुंचा और आराध्या को कॉल लगाते हुए बोला, 'हां, बोलो आराध्या'! आराध्या गुस्से में बोली, 'बोलूं क्या बोलूं मै, मतलब हम'! कहां बिजी हो इतने!और तुम्हारा फोन तानी के पास क्यों है'? प्रीत ने फोन कान से लगाये रखा और शांति से झुला झूलने लगे।एक शब्द नही बोला मुंह से।जिसे जान कर आराध्या फिर बोली, 'अब मुंह पर क्या दही जमा लिए हो जो मुंह खोलोगे तो बाहर निकल गिर पड़ेगा?' सुनकर प्रीत ने फिर भी कुछ नही कहा।उसने सामने दरवाजे के पास छिपकर खड़ी समा और तानी दोनो को देखा तो मुस्कुराते हुए हाथो के इशारे