तुम्हारे दिल में मैं हूं? - 6

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अध्याय 6 रात 9:00 बजे। अंधेरे को चीरते हुए मिनी बस जसवंतपुरा के पास पहुंच रही थी। गांव का रास्ता सकरा खड्डे वाला उबड़-खाबड़ रास्ते से जाने के कारण लोग उछल-उछल पड़ते। जसवंतपुरा में जाकर बस खड़ी हुई। अब दूसरे दिन सवेरे ही यहां से चलेगी। आज मोती ने ही बस चलाई थी। कल दूसरा आदमी आएगा। कल पूरे दिन मोती को आराम है। घर में ही रहेगा। गीता उसके बात को मान ले तो बस सब हो जाएगा। कल ही अम्मा के साथ जाकर लड़की मांग लेंगे। 'बार-बार तिरछी आंखों से गीता को देखते हुए मिनी बस को चला