औरतें रोती नहीं - 14

(13)
  • 5.2k
  • 1
  • 2.3k

औरतें रोती नहीं जयंती रंगनाथन Chapter 14 तुम्हारे आसमान से मेरी दुनिया दूर है सितम्बर 2004: मन्नू की बदलती दुनिया सब कुछ अचानक हुआ। मन्नू यूं अकेली घर से निकलती नहीं थी, पर बिना निकले गुजारा भी नहीं। पद्मजा जापान गई है अपना प्रोजेक्ट ले कर। उज्ज्वला सूर्यभान के घर गई है। पता नहीं कब लौटेगी। उसे निकलना ही पड़ा, वो भी अकेले। सुबह ही मन्नू सोच रही थी कि वह भी उज्ज्वला के साथ चली जाती तो कैसा रहता। सूर्यभान की बेटी को वह भी देख आती। सूर्यभान ने उन सबकी पहचान अस्पताल में हुई थी। उनकी तेरह साल