औरतें रोती नहीं - 10

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औरतें रोती नहीं जयंती रंगनाथन Chapter 10 जिंदगी दरिया नहीं उज्ज्वला, मन्नू और पद्मजा: 2006 ‘‘क्या तुम्हारे पिता ने यह पता लगाने की कोशिश नहीं की कि तुम अब कहां हो, पद्मा?’’ उज्ज्वला ने पूछा जरूर, पर उसे उम्मीद नहीं थी कि इस सवाल का जवाब देने में पद्मजा को इतनी दिक्कत आएगी। जिन नानागारू की बात वो लगातार करती है, जिनसे अलग होने के बाद भी वह महसूस करती है कि उनकी छाया उसके साथ है, उनके जिक्र से इतनी तकलीफ? मन्नू ने फौरन कहा, ‘‘अरे डालो पानी इस सब पर कब से हम यहां बोले जा रहे हैं