प्रकृति मैम - छू सको तो छू लो

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छू सको तो छू लोजिस लड़के को मैं स्टेशन से ले आया था उसे कुछ समय बाद उसके चाचा का पत्र आ जाने पर मैंने कुछ पैसे देकर, बिहार का टिकिट दिलवा कर वापस उसके गांव भेज दिया। जाते समय उसने पांव छूकर मुझसे कहा कि वो कभी घर वापसी की उम्मीद छोड़ ही चुका था। उसने घर के कामकाज के साथ मेरी बहुत सेवा भी की।इसी बीच बैंक में बड़े पैमाने पर तबादले हुए और मेरा ट्रांसफ़र भी हमारे मुंबई महानगर अंचल कार्यालय में हो गया जो फोर्ट में शेयर बाज़ार के ठीक सामने था। मैं फ़िर मुंबई के