दूर-दूर से लंबी दूरी की गाड़ियों की व्हिसल सुनाई दे रही थी! रात के लास्ट पहर में भी शहर में रोशनी बिखरी हुई थी! एकल-दोकल वाहनो में निकलने वाले इंसानों को छोड़कर अभी कोई चहल-पहल नहीं थी!शहर की अंदरूनी गलियां सुनसान थी!इस वक्त उस मकान की खिड़कियों की झिर्रियों से झांकते वक्त उसका दिल धाड-धाड बज रहा था!जब उसने पूछा क्या चाहिए तुम्हे..? वो काला बच्चा चुप हो गया! जब बार-बार पूछा गया! तो खिलखिला कर उस बच्चे ने जो मांगा वह सुनकर उसकी हालत पतली हो गई!फज्र के वक्त चुपके से उनकी बातें सुन रही जिया के पैर कांपने लगे! उसकी सारी आशंका