वो कौन थी.. 21

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रात काफी हो चुकी थी! लिनिया तेजी से आबू को पीछे छोड़ कर पालनपुर की ओर भाग रही थी! होस्पिटल से खलिल को छुट्टी  मिलने के बाद खलिल उसकी अम्मीजान और गुलशन कि मां  सबकी राह तक कर बैठे थे! तावडे ने लिनिया को एक्सिडेन्ट प्लेस से बिना झिझक होस्पिटल पहोंचाया था!  सुल्तान ने तावडे का शुक्रिया अदा करते हुए कहा था!  "आप जैसे पुलिसिये बहोत कम मिलते हैं, जो जी जान से हर कदम मुश्किलो मे साथ देते है! आप हमेशा मेरे दिल और दिमाग मे रहोगे..! मुस्कुराकर तावडे बिदा हो गया था! खलिल शोक में डूबा हुआ था!